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अब डॉ. भूपेश कहिए : पर्यावरण संरक्षण के लिए सीएम भूपेश बघेल को पीएचडी की मानद उपाधि, उषा बारले को भी मिली मानद उपाधि

स्व. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत में 13 शोधार्थियों को पीएचडी और 135 स्टूडेंट्स को गोल्ड मैडल.

अब डॉ. भूपेश कहिए : पर्यावरण संरक्षण के लिए सीएम भूपेश बघेल को पीएचडी की मानद उपाधि, उषा बारले को भी मिली मानद उपाधि
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By NPG News

रायपुर. सीएम भूपेश बघेल नहीं अब सीएम डॉ. भूपेश बघेल कहिए. जी हां, सीएम बघेल को पर्यावरण संरक्षण के लिए उनके विशेष योगदान के लिए स्व. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की ओर से पीएचडी की मानद उपाधि दी गई. वहीं, पंडवानी गायिका उषा बारले को समाज कल्याण के क्षेत्र में योगदान के लिए पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है.

इस मौके पर सीएम ने कहा कि मैंने विश्वविद्यालय प्रशासन से पूछा कि आपने मुझे मानद उपाधि के लिए क्यों चुना? मुझे थोड़ा असहज लग रहा था. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना था कि हमने छत्तीसगढ़ राज्य में सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम और अन्य जनहितैषी योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए जो सफल नवाचार किए हैं, उसके लिए यह मानद उपाधि विश्वविद्यालय की ओर सहर्ष प्रदान की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब मुझे यह उपाधि मिली तो मैं बहुत खुश हूं क्योंकि मेरी धर्मपत्नी और पूरा परिवार इस मौके पर मौजूद हैं, जैसे आप सबके परिवारजन मौजूद हैं.


विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े. इस दौरान उन्होंने सम्मानित किया गया. साथ ही, 13 शोधार्थियों को पीएचडी और 135 स्टूडेंट्स को गोल्ड मैडल दिया गया.

स्व. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग का पहला दीक्षांत समारोह और आठवां स्थापना दिवस समारोह सोमवार को भिलाई इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ. इस मौके पर सीएम ने पोटिया कला में 12 करोड़ रुपए की लागत से 40 एकड़ रकबे में निर्मित होने वाले विश्वविद्यालय के नवीन ऑडिटोरियम निर्माण और नरेंद्र देव वर्मा शोधपीठ की स्थापना की घोषणा की.

शिक्षा सबसे बड़ा हथियार

राज्यपाल हरिचंदन ने अपने उद्बोधन में शिक्षा को सबसे ताकतवर हथियार बताया. उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपस्थित शोधकर्ताओं व छात्र-छात्राओं दी जाने वाली उपाधि व स्वर्ण पदक को उनके सालों की कड़ी मेहनत का परिणाम बताया. उन्होंने इस बात की खुशी जताई की विद्यार्थी अपने जीवन के नये पड़ाव में प्रवेश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भविष्य में कई चुनौतियां आएंगी, लेकिन शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं को अपने ज्ञान और कौशल से भविष्य निर्माण के नए अवसर भी मिलेंगे. उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा ने जो शक्ति प्रदान की है, उसे आप अपने भविष्य निर्माण और समाज के निर्माण में लगाएं. उन्होंने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की.

मुख्य अतिथि सीएम डॉ. बघेल ने ऑडिटोरियम में उपस्थित स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि स्व. हेमचंद यादव बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उन्होंने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जागरूकता के लिए ज्ञान जरूरी है और यह शिक्षा से प्राप्त होता है. उन्होंने शिक्षा में नैतिक मूल्यों के समावेश पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि समावेशी विकास की अवधारणा उन्हें शिक्षा से प्राप्त हुई है. इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ राज्य सुराजी गांव योजना नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित हुआ है. इसके जरिए सभी वर्गों के लिए एक बेहतर इको-सिस्टम निर्मित हो रहा है. उन्होंने शासन की नरवा कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रवाहित होने वाले 30 हजार नालों में से 13 हजार नालों का उपचार वाटर रिचार्जिंग के लिए किया गया है. इसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं. भू-जल स्तर, सिंचाई के रकबे की वृद्धि और जैव-विविधता की स्थिति बेहतर हो रही है. मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को जीवन में संयम और सदाचार को अपनाकर बेहतर समाज के निर्माण में सहभागी बनने का आह्वान किया.

उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समारोह को संबोधित किया. इस दौरान अध्यक्ष रामकृष्ण आश्रम राजकोट स्वामी निखिलेश्वरानंद, मंत्री ताम्रध्वज साहू, सांसद विजय बघेल, दुर्ग विधायक अरूण वोरा, विधायक देवेन्द्र यादव, कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप, कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा सहित स्टूडेंट्स मौजूद थे.

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