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आरक्षण का असर: परीक्षा के लिए शादी रोकी, घर की दूसरी जिम्मेदारियां छोड़ दीं, न भर्तियां हो रहीं, न ही रिजल्ट आ रहा; युवा निराश

युवाओं का कहना सरकार 58 नहीं तो 50 प्रतिशत के आधार पर ही भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाएं। इधर, आरक्षण का मसला हल नहीं हुआ, इसलिए पीएससी के नोटिफिकेशन पर भी ग्रहण लगता दिख रहा।

आरक्षण का असर: परीक्षा के लिए शादी रोकी, घर की दूसरी जिम्मेदारियां छोड़ दीं, न भर्तियां हो रहीं, न ही रिजल्ट आ रहा; युवा निराश
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NPG Story

By NPG News

बिलासपुर/ रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाईकोर्ट के फैसले के बाद आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं है। नतीजतन नई भर्तियां तो दूर जो परीक्षाएं हो चुकी थीं, उसके परिणाम रोक दिए गए हैं। यहां तक कि परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। इससे युवाओं में निराशा है। बड़ी संख्या में ऐसे भी युवा हैं, जिन्होंने परीक्षा के लिए अपनी शादी टाल दी या घर की दूसरी जिम्मेदारियां छोड़ दी थीं। अब यही स्पष्ट नहीं है कि परीक्षाएं कब होंगी या परिणाम कब आएगा।

NPG.News ने जब इन युवाओं से बात की तो उनका कहना है कि 58 प्रतिशत नहीं तो 50 प्रतिशत के आधार पर ही प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए। कुछ युवा ऐसे भी हैं, जिनका कहना है कि रिजल्ट घोषित करने में दिक्कत आ रही है, लेकिन जो परीक्षाएं होनी है, उसे क्यों रोका जा रहा है? इधर, नई स्थिति यह है कि पीएससी द्वारा हर साल जो नई भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाता है, उसमें ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है।

पहले ये समझें कि विवाद क्या है

तत्कालीन भाजपा सरकार ने प्रदेश में आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़ाकर 58 कर दिया था। इसे कई संगठनों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। यह मामला हाईकोर्ट में 9 वर्षो तक चला। तब तक प्रदेश में राजपत्रित अधिकारी से लेकर प्यून तक होने वाली भर्ती 58 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से होती रही। हालांकि हर बार विज्ञापन में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख होता था कि यह भर्ती उच्च न्यायालय के निर्णय से बाधित रहेगी। 9 वर्षों तक हाईकोर्ट में केस चलने के बाद 19 सितंबर 2022 को इस पर हाईकोर्ट का फैसला आया। अदालत ने 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण को संविधान के विपरीत मानते हुए प्रदेश में आरक्षण का प्रतिशत 50 परसेंट तय करने के निर्देश दिए। हालांकि राहत की बात यह रही कि 9 वर्षों में जो भी भर्ती 58 प्रतिशत के हिसाब से हुई उसे अदालत ने अपने निर्णय से बाधित नहीं किया और आगे की प्रवेश व भर्ती परीक्षाओं में इसे लागू करने का आदेश दिया।

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने लगभग एक माह बाद 21 अक्टूबर को अपनी एसएलपी दायर की। राज्य सरकार हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे लेने में जुटी हुई है। पर इस बीच प्रदेश में जारी होने वाली कई भर्ती परीक्षाओं के नोटिफिकेशन रुक गए हैं। यहां तक कि जिस परीक्षा की परीक्षा तिथि तय हो चुकी थी, उसकी परीक्षा ही टल गई। जिन परीक्षाओं के परिणाम घोषित हो गए थे, उसमें चयनित युवाओं की जॉइनिंग रोक दी गई है। हालांकि हाईकोर्ट के फैसले से पूर्व जिन परीक्षाओं के परिणाम और मेरिट लिस्ट घोषित कर दी गई थी, उनमें से फूड इंस्पेक्टर को जॉइनिंग दी गई है।

ये सारी परीक्षाएं बाधित हुई हैं

राज्य की बहुप्रतीक्षित परीक्षा सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा है। इसकी वेकेंसी पिछली सरकार के कार्यकाल में जारी हुई थी। सरकार बदलने के बाद भी परीक्षा प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। राज्य के युवा फार्म भरकर 4 साल से परीक्षा का इंतजार कर रहे थे। काफी आंदोलन, धरना प्रदर्शन ज्ञापनों के बाद अंततः परीक्षा प्रक्रिया शुरू हुई। सरकार ने पूर्व में जारी विज्ञापन में पदों की संख्या को बढ़ाकर 975 कर दिया था। जून माह में पूरे प्रदेश के रेंज मुख्यालयों में शारीरिक माप परीक्षण आयोजित किया गया था। इसमें क्वालीफाई उम्मीदवारों के लिए 6 नवंबर को लिखित प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया था। यह परीक्षा स्थगित कर दी गई है।

पीएससी ने राज्य वन सेवा के लिए एसीएफ के पदों पर भर्ती परीक्षा अयोजित की थी। 2021 में जारी भर्ती में 211 पदों पर भर्ती होनी थी। लिखित परीक्षा के बाद इंटरव्यू स्थगित है।

राज्य सिविल सेवा के लिए भी 171 पदों पर प्रारंभिक के बाद लिखित परीक्षा फिर इंटरव्यू हो चुके हैं। इंटरव्यू के अंतिम दिन परिणाम घोषित करने की परंपरा थी, लेकिन यह अटक गई है।

पीएससी द्वारा 91 प्यून के पदों पर परीक्षा ली गयी पर परिणाम रोक दिए गए हैं।

इसी तरह व्यापमं के द्वारा साइंटिस्ट की परीक्षा ली गयी है, जिसका परिणाम भी जारी नहीं हुआ है। विधानसभा में भर्ती परीक्षा भी रुकी है।

सिंचाई विभाग में 400 सब इंजीनियरों की भर्ती के लिए व्यापमं ने 8 मई को परीक्षा ली थी। 10 जून को परिणाम घोषित किया गया। चयनित अभ्यर्थियों का 16 से 20 अगस्त तक दस्तावेज सत्यापन कर लिया गया है। इसके बाद बस पोस्टिंग ऑर्डर जारी होने ही वाला था कि हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाकर भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई।

इन संभावित पदों के भी नोटिफिकेशन रुके

सरकार ने 12 हजार से भी अधिक पदों पर शिक्षक भर्ती का ऐलान किया था। पर आरक्षण का विवाद अदालत में होने के चलते उसका नोटिफिकेशन जारी नहीं हो पाया है।

सहायक विकास विस्तार अधिकारी ( एडीईओ), हॉस्टल वार्डन, लेबर इंस्पेक्टर, सिंचाई विभाग अमीन पटवारी, असिस्टेंट प्रोफेसर आदि पदों के भी नोटिफिकेशन संभावित थे, जो रुक गए हैं। पीएससी राज्य सिविल सेवा का भी नोटिफिकेशन 26 नवंबर को जारी होने वाला था, जिस पर अब संशय के बादल मंडरा रहे हैं।

निराश युवाओं का कहना

श्रवण साहू सब इंस्पेक्टर की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। वे शारीरिक माप परीक्षण क्वालीफाई कर चुके हैं। उसके बाद लिखित परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। 6 नवंबर को परीक्षा होनी थी। श्रवण बताते हैं कि इसके चलते उन्होंने अपनी शादी टाली थी। अब परीक्षा ही अनिश्चित काल के लिए टल गई। फिलहाल वे अपना खर्च चलाने के लिए एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करते हैं।

प्रियंका देवांगन रायगढ़ से कोचिंग करने बिलासपुर आई हैं। यहां वे हॉस्टल में रहकर पीएससी की कोचिंग करती हैं। कोचिंग में सिलेबस अक्टूबर में ही पूरा हो गया है। पीएससी का नोटिफिकेशन ही टल गया है। यहां रहकर परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। हॉस्टल सहित पूरा खर्च घर वाले वहन कर रहे हैं।

पीएससी की तैयारी करने वाले जेवेश चौहान बताते हैं कि पीएससी का लंबे समय से तैयारी कर रहे थे। परीक्षा टलने से फिलहाल परिवार का व्यवसाय सम्हाल रहे हैं।

पूजा थवाईत कोरबा से परीक्षा की तैयारी के लिए बिलासपुर आई हुई हैं। उनका कहना है कि पीएससी लंबा प्रोसीजर है। प्री, मेंस व इंटरव्यू की प्रक्रिया में पूरा साल लग जाता है। चयन नहीं हुआ तो फिर से नए सिरे से शुरुवात करो, इसलिए पहले व्यापम में चयन लेकर कोई पोस्ट उठा लें सोचा था, ताकि अपने खर्च के लिए घर वालों पर डिपेंडेंट न रहना पड़े। अब व्यापमं की वेकेंसी ही अटक गयी है।

भूमि राजपूत का मानना है कि कोई भी नौकरी जॉइन करना पहली प्राथमिकता है, इसलिए व्यापमं दिला रही थी, फिर पीएससी पर फोकस करतीं, लेकिन परीक्षाओं का ही अता-पता नहीं है।

बिलासपुर की गरिमा तिवारी ने इस बार का पीएससी सिविल सर्विस 2021 का इंटरव्यू दिलाया था। उन्होंने इंजीनियरिंग करने के बाद इस फील्ड को चुना है। उनकी दीदी स्निग्धा तिवारी उनके लिए आइडियल हैं। उनकी दीदी ने पीएससी 2014 में दूसरा रैंक हासिल किया था। फिलहाल अभी वे सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में जॉइंट कलेक्टर हैं। गरिमा कहतीं हैं, "इंटरव्यू अच्छा गया था पर रिजल्ट नहीं आने से निराश हैं। अगली पीएससी की तैयारी भी कर रही हूं। जल्दी रिजल्ट घोषित हो जाता तो आगे की प्लानिंग अच्छे से हो पाती।'

2021 पीएससी का इंटरव्यू दिला चुके अखिलेश राजपूत का मानना है कि रिजल्ट नहीं आने से अब मेंटली परेशान हो चुके हैं और आगे की परीक्षाओं के लिए भी तैयारी बाधित हो रही है।

सब इंजीनियर की परीक्षा में 32वें रैंक पर चयनित होने वाले अनिमेष पांडेय बताते हैं कि हमेशा से सरकारी नौकरी करने का ही सपना रहा है। लिहाजा तैयारी की और सफलता भी मिली। चयन और दस्तावेज सत्यापन के बाद भी जॉइनिंग नही दी जा रही है। सरकारी नौकरी के इंतजार में प्राइवेट नौकरी भी शुरू नहीं कर पा रहे।

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