CG में 600 करोड़ के Coal Scam की कहानी काल्पनिक : कांग्रेस ने कहा – सूर्यकांत और जोगेंदर थे अडानी के पार्टनर, अडानी की जांच क्यों नहीं?
रायपुर. छत्तीसगढ़ ईडी (प्रर्वतन निदेशालय) की जांच और छापों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों पर बड़ा हमला बोला है. छत्तीसगढ़ पीसीसी के अध्यक्ष मोहन मरकाम, संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला और मेयर एजाज ढेबर ने खुला आरोप लगाया है कि भूपेश सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से ईडी की कार्रवाई की जा रही है. कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन को बाधित करने के लिए ईडी को आगे किया गया. छत्तीसगढ़ में 36000 करोड़ को नान घोटाले और 6000 करोड़ के चिटफंड घोटाले की जांच के लिए जब सीएम भूपेश बघेल ने ईडी के डायरेक्टर को पत्र लिखा तो उस पर जांच नहीं की जा रही है. इन घोटालों में रमन मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ-साथ उनकी पत्नी और बेटे का भी उल्लेख है.
राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा के दौरान मेयर एजाज ढेबर ने कहा कि पिछले लगभग 8 माह से छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार और राज्य की भाजपा के ईशारे पर ईडी द्वारा छत्तीसगढ़ में 2020 से 2022 के बीच 600 करोड़ के कोयला घोटाला की काल्पनिक कहानी बनाई गई है. ईडी की कहानी में कथित 'कोल स्कैम' का सूत्रधार सूर्यकांत तिवारी को बताया गया है. छलकपट और बलपूर्वक यह सिद्ध करने का षड्यंत्र किया जा रहा है. ईडी की कहानी में सच्चाई होती तो उनके अधिकारियों को थर्ड ग्रेड हथकंडे नहीं अपनाने पड़ते.
ढेबर ने कहा, ईडी अधिकारियों के प्रयासों के बावजूद भी अभी तक फर्जी कहानियों को प्रमाणित नहीं किया जा सका है. इसी हताशा में ईडी द्वारा अब कांग्रेस के नेताओं को टार्गेट कर उनके विरुद्ध झूठे प्रकरण बनाए जा रहे हैं. पूरे छत्तीसगढ़ राज्य की जनता यह जानती है कि सूर्यकांत तिवारी के डॉ. रमन सिंह और राज्य भाजपा के प्रमुख नेताओं से घनिष्ठ संबंध रहें हैं. उन्हीं के शासन में सूर्यकांत तिवारी ने कोयला व्यापार शुरू किया. सूर्यकांत तिवारी और जोगेंदर द्वारा वर्ष 2010 से अडानी समूह के कोल व्यापार से संबद्ध होकर उनके लिए कोल व्यापार आरंभ किया. पिछले 3-4 वर्षों में अडानी समूह की भागीदारी में लगभग 100 टन कोयले का परिवहन सूर्यकांत और जोगेंदर ने किया.
मीडिया से चर्चा में ढेबर ने दावा किया कि कोल परिवहन से सूर्यकांत तिवारी, जोगेंदर और अडानी समूह को 100-100 करोड़ का लाभ हुआ. अडानी समूह को उनके लाभ के हिस्से की पूरी राशि सूर्यकांत और जोगेंदर द्वारा हवाले के माध्यम से भेजी गयी है. सूर्यकांत और जोगेंदर ने अपने निकट मित्रों और संबंधियों को यह जानकारी स्वयं ही दी थी. उन दोनों ने यह भी बताया था कि आयकर अधिकारियों द्वारा जून 2022 में उनके घरों से जब्त मोबाइल में अडानी को करोड़ों की राशि अवैध रूप से हवाला के माध्यम से भेजे जाने के सारे प्रमाण मौजूद हैं. अडानी समूह को हवाला के माध्यम से करोड़ों की राशि के पूरे प्रमाणित दस्तावेज आयकर अधिकारियों द्वारा निश्चित रूप से ईडी के अधिकारियों को दिए गए होंगे, क्योंकि ईडी को पूरा केस आयकर छापों में जब्त दस्तावेजों और बयानों के आधार पर किया गया है. इसके बावजूद आश्चर्य की बात है कि अडानी समूह पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
रमन सिंह की संपत्ति कैसे बढ़ी?
ढेबर ने आरोप लगाया कि अडानी समूह के बड़े पदाधिकारी अमन सिंह और डॉ. रमन सिंह के ईशारे पर ये गंभीर षड्यंत्र ईडी के अधिकारियों द्वारा किया गया है. यह जगजाहिर है कि वर्ष 2003 तक डॉ. रमन सिंह मध्यवर्गीय परिवार से थे और उनके पास कुछ पैतृक संपत्ति के अतिरिक्त अन्य कोई संपत्ति नहीं थी. 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए डॉ. रमन सिंह द्वारा दाखिल शपथ पत्र में उनकी संपत्ति वर्ष 2008 में 1.04 करोड़ और 10 वर्ष बाद अर्थात 2018 में 10.72 करोड़ रुपए होना दर्शाया गया है. कांग्रेस ने पूछा कि रमन सिंह बताएं कि उन्होंने क्या व्यवसाय किया था जो इतनी संपत्ति बढ़ गयी?