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19245 वोट अब किसके? कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों का नामांकन, आप और जोगी कांग्रेस के वोट होंगे निर्णायक

सीएम भूपेश बघेल ने कहा, मनोज मंडावी ने जो रिकॉर्ड बनाया था, उससे भी ज्यादा मतों से जिताने का लक्ष्य भानुप्रतापपुर के साथियों ने लिया है।

19245 वोट अब किसके? कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों का नामांकन, आप और जोगी कांग्रेस के वोट होंगे निर्णायक
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By NPG News

कांकेर। भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए गुरुवार को कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों ने नामांकन जमा किया। कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी की नामांकन रैली में सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम आदि शामिल हुए। वहीं, ब्रह्मानंद नेताम की नामांकन रैली में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, अरुण साव, नारायण चंदेल, वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय, रामविचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल विक्रम उसेंडी, संतोष पांडेय, मोहन मंडावी आदि मौजूद रहे। नामांकन रैली के बाद भाजपा ने एक बड़ी सभा की और बड़ी मार्जिन से जीत का दावा किया।


इधर, मीडिया से बातचीत में सीएम भूपेश ने कहा कि मनोज मंडावी ने जीत का जो रिकॉर्ड बनाया था, भानुप्रतापपुर के साथियों ने उससे ज्यादा मतों से जीत का लक्ष्य लिया है। हार-जीत के दावों के बीच एक अहम सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी और जोगी कांग्रेस के 19245 वोट किसकी ओर जाएंगे? सर्व आदिवासी समाज ने जो नामांकन जमा किए हैं, उसका क्या असर रहेगा?

आदिवासी बहुल भानुप्रतापपुर सीट पर जब 2018 में चुनाव हुए थे, तब आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक कोमल हुपेंडी और जोगी कांग्रेस के मानक दरपट्टी का नाम भी चर्चा में था। मानक दरपट्टी जिला पंचायत के अध्यक्ष रह चुके थे। दोनों को चुनाव में लगभग समान वोट मिले। कोमल हुपेंडी को जहां 9634 वोट मिले, वहीं मानक दरपट्टी को 9611 वोट मिले। कोमल तीसरे और दरपट्टी चौथे नंबर पर थे।

भाजपा ने चारामा में चुनावी सभा का आयोजन किया। इसमें बड़ी संख्या में लोग जुटे।

इस बार उपचुनाव में आम आदमी पार्टी और जोगी कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला लिया है। इस स्थिति में 19245 वोट निर्णायक साबित होंगे। बता दें कि 2018 में मनोज मंडावी को जहां 72520 और देवलाल दुग्गा को 45827 वोट मिले थे। मंडावी ने 26693 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। ये वोट कांग्रेस को मिलेंगे तो जीत का दायरा बढ़ जाएगा, वहीं भाजपा की ओर जाने से चुनाव का रुख बदल सकता है। सर्व आदिवासी समाज की ओर भी वोट बंट सकते हैं।

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