CG Employee: पौने चार लाख कर्मचारियों, अधिकारियों का सीआर लटका, सामान्य प्रशासन विभाग को जानिये किस मजबूरी में टाईम लिमिट बढ़ाना पड़ा...
CG Employee: छत्तीसगढ़ सरकार के ऑनलाईन गोपनीय चरित्रावली की कोशिशों को धक्का लगा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने तीसरी बार ऑनलाइन सीआर लिखने का डेट बढ़ा दिया है। फायनल सीआर लिखने का डेट अब 15 सितंबर किया गया है। पढ़िये सामान्य प्रशासन विभाग को ऐसा क्यों करना पड़ा...

CG Employee
CG Employee: रायपुर। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों, अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली याने सीआर लिखने की डेट बढ़ती जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग ने तीसरी बार परिवर्तन करते हुए इसे 15 अगस्त से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया है। कर्मचारियों, अधिकारियों का सीआर लिखने का डेट बार-बार क्यों बढ़ता जा रहा है, इसे हम नीचे बताएंगे पहले ये जान लीजिए कि छत्तीसगढ़ में सीआर लिखने का पैटर्न क्यों बदला गया है।
ऑनलाइन सीआर
अभी तक सीआर हार्ड पेपर में हाथ से लिखा जाता था। मगर विष्णुदेव साय सराकर ने कर्मचारियों, अधिकारियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार की तरह सीआर को ऑनलाइन कर दिया है, साथ ही मूल्यांकन पैटर्न बदल दिया है। केंद्र सरकार की तरह अब अंकीय आधार पर सीआर लिखा जाएगा।
जानिये क्या बदला?
पहली बात यह कि अब सीआर ऑनलाइन लिखा जाएगा। दूसरा, अब क, ख, ग की बजाए 0 से 10 तक नंबर मिलेंगे। याने अंकीय आधार पर सीआर लिखा लिखा जाएगा। सीआर लिखने का टाईम लिमिट भी तय किया गया है। अब कोई अधिकारी कर्मचारी या अपने मातहत अधिकारी को सीआर के लिए चक्कर नहीं काटवा पाएगा।
8 से 10 अंक उत्कृष्ट
करीब पौने चार लाख कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों की गोपनीय चरित्रावली लिखने का पैटर्न बदल दिया है। सीआर में अब क प्लस, क, ख और ग लिखने का पैटर्न अब नहीं चलेगा। केंद्र की तरह अब इसके लिए 0 से 10 तक अंक मिलेंगे। अभी तक क प्लस को उत्कृष्ट माना जाता था और क को बहुत अच्छा। मगर अब 8 से 10 अंक उत्कृष्ट और 6 से 8 अंक बहुत अच्छा माना जाएगा। इसी तरह पहले ग को घटिया का दर्जा था तो अब 0 से 2 अंक को घटिया माना जाएगा।
करप्शन पर कंट्रोल
छत्तीसगढ़ में सीनियर अफसरों से सीआर लिखवाना अभी तक बहुत पेचिदा मामला होता था। अधिकारी इसके लिए लंबे समय तक घूमाते रहते थे। कई बार किसी दूसरे जिले में ट्रांसफर होकर चले जाते थे या फिर केंद्र में डेपुटेशन पर चले जाते थे तो कर्मचारियों को वहां का चक्कर लगाना पड़ता था। सीआर के लिए कई अधिकारी अपना रेट तय कर दिए थे। जब तक पैसा नहीं मिलता था, सीआर संभव नहीं था। मगर अब सरकार ने उन अधिकारियों पर शिकंजा कस दिया है। अब ऑनलाईन सीआर लिखे जाएंगे। उसमें भी टाईम लिमिट रहेगा। याने उस डेट के बाद वह ऑटोमेटिक उपर के अधिकारी के पास चला जाएगा। इससे सीआर के प्रति अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ेगी। अब चक्कर काटवाने के साथ ही अधिकारियों को चढ़ावा नहीं चढ़ाना पड़ेगा।
पहले 15 जून तक
ऑनलाईन सीआर करने के साथ ही छत्तीसगढ सरकार ने सीआर लिखने के 30 अप्रैल की डेट को बढ़ाकर 15 जून किया था। याने 2024-25 का सीआर 15 जून से प्रारंभ होता। मगर इसे अब बढ़ाकर 15 जुलाई कर किया गया है।
एनआईसी का नकारापन
सीआर को ऑनलाईन कर कर्मचारियों, अधिकारियों को राहत देने के सरकारी प्रयास को एनआईसी से झटका लगा। दरअसल, पौने चार लाख कर्मचारियों, अधिकारियों के ऑनलाईन सीआर के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने एनआईसी को साफ्टवेयर तैयार करने कहा था। मगर एनआईसी ने दूसरी बार गच्चा दे दिया। एनआईसी द्वारा समय सीमा में साफ्टवेयर तैयार नहीं किए जाने की वजह से सामान्य प्रशासन विभाग को एक बाद फिर सीआर लिखने का डेट बढ़ाना पड़ा है।
क्यों जरूरी होता है सीआर
सरकारी सिस्टम में सीआर द्वारा कर्मचारियों, अधिकारियों के कामों का मूल्यांकन किया जाता है। कर्मचारियों, अधिकारियों के कामों के आंकलन के लिए हर साल विभाग प्रमुख से सीआर लिखवाना पड़ता है। सीआर के मूल्यांकन से आगे चलकर प्रमोशन होता है। अगर सीआर अगर खराब हो तो प्रमोशन नहीं हो सकता। कह सकते हैं, प्रमोशन में सीआर की अहम भूमिका होती है। इसलिए कई बार नाराजगी में बॉस अपने मुलाजिमों का सीआर खराब लिख देते हैं। हालांकि, इसका भी रास्ता निकाला गया है। अगर किसी ने सीआर खराब लिख दिया है तो मुख्यमंत्री को अधिकार दिया गया है कि वे उसे क्लियर कर सकते हैं।