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CG Coal and Liquor Scam: कोयला घोटाला की FIR: सौम्‍या को 36 करोड़, विश्नोई 10 और रानू साहू को साढ़े 5 करोड़, पढ़ें पूरी एफआईआर..किसकी क्‍या रही भूमिका

CG Coal and Liquor Scam: CG Coal and Liquor Scam:छत्‍तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुए कथित कोयला घोटला में ईडी के बाद अब छत्‍तीसगढ़ सरकार की एक एजेंसी ने भी एफआईआर दर्ज कर लिया है। कांग्रेस सरकार, कांग्रेस संगठन और प्रशासन से जुड़े 35 लोगों को नामजद किया गया है।

CG Coal and Liquor Scam:  कोयला घोटाला की FIR: सौम्‍या को 36 करोड़, विश्नोई 10 और रानू साहू को साढ़े 5 करोड़, पढ़ें पूरी एफआईआर..किसकी क्‍या रही भूमिका
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By Sanjeet Kumar

CG Coal and Liquor Scam: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के चर्चित कोयला घोटला में ईडी के आवेदन के आधार पर ईओडब्‍ल्‍यू-एसीबी ने 35 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में आरोपी बनाए गए लोगों ने कारोबारी, नेता और प्रशासनिक अफसर शामिल हैं।

ईडी के उप निदेशक संदीप आहुजा की शिकायत के आधार पर दर्ज इस एफआईआर में कारोबारी- नेता सूर्यकांत तिवारी से लेकर आईएएस समीर बिश्‍नोई, सौम्‍या चौरसिया के साथ जिलों के खनिज अधिकारियों से लेकर कांग्रेस के नेताओं, मंत्री और विधायकों की भूमिका की पूरी जानकारी दी गई है। एफआईआर में आरोपियों के खिलाफ ईडी के पास मौजूद साक्ष्‍यों का भी उल्‍लेख किया गया है। एफआईआर के अनुसार कोयला घोटाला में सबसे ज्‍यादा 52 करोड़ रुपये रामगोपाल अग्रवाल को दिया गया है। इसके बाद सर्वाधिक 36 करोड़ रुपये मुख्‍यमंत्री सचिवालय की तत्‍कालीन उप सचिव सौम्‍या चौरसिया को दिया गया है। विश्‍नोई को 10 करोड़ और रानू साहू को साढ़े 5 करोड़ से ज्‍यादा दिए जाने का उल्‍लेख एफआईआर में है। इसके साथ ही कुछ आईपीएस अफसरों के नाम भी इस एफआईआर में हैं।

यह भी पढ़ें- शराब और कोयला घोटाला में नई FIR: पूर्व मंत्री भगत, लखमा, पूर्व सीएस सहित 100 से ज्‍यादा नामजद, ED के आदेवन पर दर्ज हुआ एफआईआर

कोयला और शराब घोटाला को लेकर छत्‍तीसगढ़ में 2 अलग-अलग एफआईआर दर्ज किया गया है। यह एफआईआर भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने वाली राज्‍य सरकार की एजेंसी एसीबी- ईओडब्‍ल्‍यू ने दर्ज किया है। इसमें पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा और तत्‍कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के साथ कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्‍यादा विधायकों, अफसरों और शराब (डिस्टलरी) कारोबारी शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार एसीबी- ईओडब्‍ल्‍यू ने यह एफआईआर केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डिप्‍टी डॉयरेक्‍टर संदीप आहुजा के आवेदन के आधार पर दर्ज किया है। दोनों एफआईआर 17 जनवरी 2024 को दर्ज किया गया है। एफआईआर का नंबर 3/ 2024 और 4/ 2024 है। शराब घोटला में एआईएस अफसर निरंजनदास, अनिल टूटेजा, उनके पुत्र यश टूटेजा के साथ एके त्रिपाठी, विवेक ढांड और तत्‍कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम शामिल है।

शराब घोटला में ही अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, विजय भाटिया के साथ ही एक दर्जन से ज्‍यादा आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।

वहीं, कोयला घोटला में सूर्यकां‍त तिवारी, सौम्‍या चौरसिया, आईएएस समीर, रानू साहू, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्‍यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, मंत्री अमरजीत भगत, विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस के तत्‍कालीन विधायक शिशुपाल सोरी, चंद्रदेव राय, बृहस्‍पत सिंह, गुलाब कमरो, यूडी मिंज, विनोद तिवारी, इदरिश गांधी और सुनील अग्रवाल सहित करीब 35 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

मार्च 2023 में ईडी ने दिया था आवेदन

बताया जा रहा है कि इन दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज करने के लिए ईडी ने मार्च 2023 में एसीबी- ईओडब्‍ल्‍यू को आवेदन दिया था। लेकिन तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, ऐसे में उस समय एफआईआर दर्ज नहीं की गई, लेकिन अब सत्‍ता परिवर्तन के बाद राज्‍य सरकार की एजेंसी ने इन मामलें में एफआईआर दर्ज कर लिया है। दोनों मामलों में धोखाधड़ी और भ्रष्‍टाचार की धाराओं में एफआईआर दर्ज किया गया है।

जेल में हैं दोनों मामलों के कई आरोपी

बता दें कि दोनों मामलों की जांच ईडी पहले से कर रही है। कोयला और शराब घोटाला में करीब दर्जनभर लोग अभी जेल में हैं। इनमें आईएएस अफसर और कारोबारी शामिल हैं। इनमें से कुछ एक साल से जेल में हैं।

नोएडा में भी दर्ज है एक एफआईआर

शराब घोटाला में नोएडा में भी एक एफआईआर दर्ज है। यह एफआईआर ईडी की ही शिकायत पर नोएडा पुलिस ने दर्ज किया था। इसमें आबकारी विभाग के सचिव व विशेष सचिव समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है। यह एफआईआर नोएडा के कसाना थाना में आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 473 और 120 बी के तहत दर्ज किया गया है।

इस एफआईआर में ईडी की तरफ से नोएडा की कसाना पुलिस को बताया गया है कि ईडी की तरफ से छत्‍तीसगढ़ में शराब घोटला की जांच की जा रही है। इस जांच में ईडी को यह पता चला है कि नोएडा स्थित मेसर्स प्रिज्‍म होलोग्राफी सिक्‍योरिटी फिल्‍म्‍स प्राइवेट लिमिटेड को नियम विरुध्‍द तरीके से टेंडर दिया गया था, जबकि कंपनी टेंडर में शामिल होने के लिए पात्र ही नहीं थी। इसके बावजूद कंपनी ने छत्‍तीसगढ़ के आबकारी विभाग के अफसरों के साथ मिलकर टेंडर हासिल कर लिया। आरोप है कि छत्‍तीसगढ़ के अफसरों ने इस मामले में आठ पैसा प्रति होलोग्राम कमीशन लिया। एफआईआर में होलोग्राफी कंपनी के एमडी विदु गुप्‍ता का भी नाम है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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