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CG-बर्निंग कार खुलासा: बीमा के 72 लाख हड़पने रची मौत की कहानी, कार को जलाया और फिर परिवार समेत हो गया लापता

CG-बर्निंग कार खुलासा: बीमा के 72 लाख हड़पने रची मौत की कहानी, कार को जलाया और फिर परिवार समेत हो गया लापता
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By NPG News


कांकेर। कांकेर में कार में जले परिवार की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने कार सवार सभी चार लोगों को सकुशल बरामद कर लिया हैं। व्यापार में घाटा होने के चलते 35 लाख का कर्जा होने पर व्यापारी परिवार ने खुद ही कार में जलकर मरने की कहानी रची थी, ताकि इंश्योरेंस की 72 लाख रुपये की राशि उन्हें प्राप्त हो जाए और वह 35 लाख का कर्जा पटा सके। पुलिस ने इस रहस्यमई गुत्थी को सुलझाने के लिए 5 टीमों का गठन किया था जिसका नेतृत्व खुद एसपी शलभ सिन्हा कर रहे थे। जांच के क्रम में पुलिस ने 9 लाख नंबरों की जांच की वह 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन कर 300 धर्मशाला व होटलों मे चेकिंग अभियान चलाया।

थाना चारामा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चावड़ी में 1 मार्च की रात्रि में कोरर मार्ग पर एक जलते हुए कार की सूचना मिली थी। सूचना पर जब चारामा पुलिस पहुंची तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी और कार में पखांजूर निवासी व्यापारी परिवार के होने की जानकारी मिली। कार का रजिस्ट्रेशन पखांजूर निवासी विपुल सीकदार के नाम से होना पाया गया। कार में पखांजूर निवासी 29 वर्षीय समीरन सीकदार उसकी पत्नी 26 वर्षीय जया सीकदार 9 वर्षीय बेटा दीप सिकदार व 4 वर्षीय बेटी कृतिका सिकदार सवार थे। उनके परिजनों से ज्ञात हुआ कि वह 1 मार्च को रायपुर इलाज के लिए गए हुए थे और रायपुर से वापसी के दौरान धमतरी पहुंचकर उन्होंने पिता और परिवार के लोगों को धमतरी में होटल में रात के खाना खाने उसके बाद पखांजूर निकलने की बात फोन कर बताई थी। जिसके बाद ग्राम चावड़ी में कार जली हुई अवस्था में मिली थी और चारों व्यक्ति लापता थे।

लापता व्यापारी के परिवार ने व्यापारी उसकी पत्नी और बच्चों की हत्या की आशंका व्यक्त कर पुलिस से जांच की मांग की थी। चारों व्यक्तियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट गुम इंसान क्रमांक 11, 12, 13, 14 चारामा थाने में दर्ज कर उनकी पतासाजी की जा रही थी। फॉरेंसिक टीम से मौके की जांच कराई गई इसमें कार में कोई भी मानव शेष नहीं मिला परंतु दोनों जले हुए मोबाइल मिले जिससे पुलिस को भी यह आशंका थी कि कार सवार का अपहरण कर लिया गया हो अथवा दूसरी जगह ले जाकर हत्या भी कर दी गई हो। परिजन भी इस बात का अंदेशा लगातार व्यक्त कर रहे थे। परिजनों की तलाश के लिए एसपी शलभ सिन्हा ने गुमशुदा व्यक्तियों की पतासाजी हेतु 5 पुलिस टीम का गठन किया था और उसका खुद ही सुपरविजन करते हुए दिशा निर्देश दे रहे थे।

9 लाख नंबरों की जांच व 1 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरा की जांच, भाई से किया संपर्क, तब मिला परिवार

एसपी शलभ सिन्हा के निर्देश पर जांच कर रही एक टीम ने पखांजूर से रायपुर तक सेल आईडी के टावर डंफ में आए 9 लाख से अधिक नंबर का तकनीकी विश्लेषण किया जिसके बाद 45000 मोबाइल नंबर को शॉर्टलिस्ट कर तस्दीक करना शुरू किया। दूसरी टीम ने पखांजूर से रायपुर के मध्य लगे 1000 सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगाला। तीसरी टीम ने 300 से अधिक होटलों की चेकिंग, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन ऑटो स्टैंड, एयरपोर्ट की जांच की। जांच के क्रम में पता चला कि समीरन सीकदार ने रायपुर स्थित अजय फोटो स्टूडियो में अपने 93 फोटो प्रिंट कराने हेतु दिए थे जिसे दिनांक 2 मार्च को समीरन सीकदार खुद लेकर जा चुका था। जिससे पुलिस यह आश्वस्त हो गई कि चारों व्यक्तियों का अपहरण नहीं हुआ है और वे स्वयं से ही छुप रहे है। इस दौरान धमतरी के आशियाना लाज से परिवार के कार के जलने के अगले दिन निकलने की सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को प्राप्त हो गई। जिसके बाद पुलिस ने परिवार को जिंदा मान जांच शुरू कर दी।

पुलिस के अथक प्रयासों के बाद पूरे परिवार को सकुशल बरामद कर मामले का खुलासा कर दिया। आज एसपी शलभ सिन्हा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि समीरन सीकदार एवं उसकी पत्नी जया सीकदार से पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से व्यापार में नुकसान के चलते वे परेशान थे इसी दौरान उन्होंने पूरे परिवार का इंश्योरेंस भी कराया था। बीमा पॉलिसी के अनुसार मृत्यु होने पर 72 लाख रुपये का भुगतान होने का प्रावधान था। इसी लालच में गायब होने व मृत्यु का षड्यंत्र रच कर परिजनों के माध्यम से बीमा राशि प्राप्त करने की योजना बनाई थी। बीमा राशि प्राप्त होने के बाद वे पखांजुर से दूर जाकर किसी नए स्थान पर नए सिरे से जीवन यापन करते। योजना अनुसार समीर सिकदार, पत्नी जया सिकदार दोनों बच्चों के साथ रायपुर आया और वापसी में धमतरी आशियाना लॉज में रुका। वहां रात्रि भोजन कर समीर सिकदार ने अपनी पत्नी एवं बच्चों को लाज में छोड़कर कार को लेकर चारामा पहुंचा। और पेट्रोल पंप से पेट्रोल खरीदा। योजनाबद्ध तरीके से पूर्व निर्धारित स्थल पर कार को पेड़ से टकरा कर खड़ा कर दिया और पेट्रोल छिड़क कर माचिस से आग लगा दिया। और पैदल खेत व जंगल के रास्ते चारामा पहुंचा। चारामा से बस में सवार होकर धमतरी पहुंचा और अपने परिवार को होटल आशियाना लाज से लेकर रायपुर चला गया। रायपुर में अजय फोटो स्टूडियो से फोटो लिया और बस में सवार होकर इलाहाबाद चला गया।

इलाहाबाद में 1 दिन रुका और दूसरे दिन ट्रेन में सवार होकर पटना गया। पटना में मोबाइल तथा दूसरे के नाम का चालू मोबाइल नंबर खरीदा और अपने मोबाइल पर दैनिक मोबाइल ऐप डाउनलोड कर कांकेर की खबरों से अपडेट होता। खबर देख कर उसे जानकारी मिली की उसके जिंदा रहने और दुर्घटना के बाद दूसरे दिन होटल से निकलने की सीसीटीवी फुटेज पुलिस की हाथ लग चुकी है। जिससे उसको बीमा की रकम प्राप्त करने की अपनी योजना विफल होती दिखी। तो वह पुलिस से बचने के लिए पटना से गुवाहाटी चला गया वहां होटल में रुका रहा और लगातार ऑनलाइन न्यूज़ ऐप के माध्यम से कांकेर की खबर देखता रहा। उसे डर हो गया था कि कांकेर पुलिस जल्द ही उसके पास पहुंच जाएगी। वह घूम फिर कर गुवाहाटी से संबलपुर आ गया और संबलपुर से प्राइवेट टैक्सी में पखांजूर पहुंचा। और अपने फार्म हाउस में छुपा हुआ था। इस दौरान उसने अपने भाई से फोन नंबर से संपर्क किया। पुलिस ने उसके परिजनों के नंबर को भी सर्विलांस में डाला था। नए नंबर से भाई के मोबाइल पर कॉल आता देख पुलिस सक्रिय हो गई और मोबाइल का लोकेशन लेकर समीरन सिकदार के फार्म हाउस पहुंच गई वहां पूरा परिवार सकुशल मिला।

पुलिस ने जब परिवार की तलाशी ली तब उनके पास से 5 लाख 40 हजार रुपये नगद, एक मोबाइल फोन व बीमा के कागजात भी मिले। पुलिस ने पूरे मामले में धारा 435 ,427, 120, 420, 511 आईपीसी के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया है व समीरन सीकदार को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज रही है। साथ ही इस षड्यंत्र में संलिप्त लोगों के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है उसके बाद उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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