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सीबीआई डायरेक्टर प्रवीण सूद : 22 साल में बन गए थे आईपीएस, डीके शिवकुमार ने नालायक कहा था, सीबीआई के खिलाफ कोर्ट गए थे, जानें कौन हैं सूद

कर्नाटक के पूर्व डीजीपी प्रवीण सूद ने सीबीआई के नए डायरेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण किया. वे छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी डीएम अवस्थी के बैचमैट हैं.

सीबीआई डायरेक्टर प्रवीण सूद : 22 साल में बन गए थे आईपीएस, डीके शिवकुमार ने नालायक कहा था, सीबीआई के खिलाफ कोर्ट गए थे, जानें कौन हैं सूद
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By Manoj Vyas

नई दिल्ली ब्यूरो. आईपीएस प्रवीण सूद ने सीबीआई डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाल ली है. इससे पहले डायरेक्टर रहे सुबोध कुमार जायसवाल का 25 मई को कार्यकाल समाप्त हो गया. प्रवीण सूद तीन साल कर्नाटक के डीजीपी रहे. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले डीके शिवकुमार, जो अभी डिप्टी सीएम बने हैं, ने नालायक कहा था. साथ ही, भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम करने का आरोप लगाया था. बता दें कि शिव कुमार के खिलाफ सीबीआई ने अपराध दर्ज किया है. इसके खिलाफ वे हाईकोर्ट गए थे.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम के दिन ही पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने सूद को नया सीबीआई चीफ बनाने की मंजूरी दी थी. इस समिति में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी भी सदस्य थे. सूद का कार्यकाल 2 साल का होगा. हालांकि आईपीएस के रूप में वे 2024 में रिटायर होते, लेकिन अब उनका कार्यकाल 2025 तक होगा. सूद का जन्म 22 मई 1964 को हुआ था. महज 22 साल की उम्र में ही वे आईपीएस सेलेक्ट हुए थे. वे 1986 बैच के आईपीएस हैं. छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी डीएम अवस्थी उनके बैच मैट हैं. अवस्थी 23 साल में आईपीएस बने थे.


कांगड़ा में जन्म, IIT से सिविल इंजीनियरिंग में B.Tech

प्रवीण सूद हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के गरली परागपुर से हैं. उन्होंने दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और पीपीएम में पोस्ट ग्रेजुएशन हैं. प्रवीण की एक बेटी है, जिसकी शादी भारतीय क्रिकेटर मयंक अग्रवाल से हुई है.

1986 में आईपीएस में सलेक्शन के बाद 1989 में मैसूर में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में पहली पोस्टिंग हुई. उन्होंने बेंगलुरु में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के रूप में तैनात होने से पहले पुलिस अधीक्षक, बेल्लारी और रायचूर के रूप में कार्य किया.

सूद साल 1999 से तीन साल मॉरीशस में डेपुटेशन पर भी काम कर चुके हैं. इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर और मैक्सवेल स्कूल ऑफ गवर्नेंस, सिरैक्यूज विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से सार्वजनिक नीति और प्रबंधन का अध्ययन किया.

आईपीएस सूद ने साल 2004-2007 तक मैसूर शहर के पुलिस आयुक्त के रूप में भी काम किया. इस उन्होंने पाकिस्तान मूल के आतंकवादियों की गिरफ्तारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके बाद साल 2011 तक उन्होंने बेंगलुरु की ट्रैफिक पुलिस में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के रूप में काम किया.

2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक मिला

प्रवीण सूद को साल 1996 में सेवा में उत्कृष्टता के लिए मुख्यमंत्री के स्वर्ण पदक, साल 2002 में सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक और साल 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था. साल 2013-14 में सूद ने कर्नाटक राज्य पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक के रूप में पदभार संभाला और टर्नओवर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

उन्होंने राज्य के गृह विभाग में प्रधान सचिव, कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस के एडीजीपी और प्रशासन में एडीजीपी के रूप में भी काम किया है. उन्होंने महिलाओं सहित नागरिकों की सुरक्षा और सुरक्षा में सुधार के लिए योजनाओं के लिए प्रशंसा हासिल की.

Manoj Vyas

मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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