ब्रेकिंग: सुकमा में हुए कलेक्टर के अपहरण मामले में IAS एलेक्स पॉल मेनन ने गिरफ्तार नक्सली को पहचानने से किया इनकार
रायपुर। 2012 में तत्कालीन कलेक्टर ऐलेक्स पॉल मेनन के अपहरण मामले में गिरफ्तार नक्सली को पहचानने से कलेक्टर ने इंकार कर दिया है। घटना दंतेवाड़ा के सुकमा की थी। आज इस मामले में दंतेवाड़ा एनआइए कोर्ट में गिरफ्तार नक्सली की आज पेशी थी। पेशी में एनआईए कोर्ट में एक मात्र गवाह ऐलेक्स पॉल मेमन ही है। आज वो गवाह के रूप में पेश हुए। इस दौरान उन्होंने अपनी गवाही में गिरफ्तार नक्सली को पहचानने से इंकार कर दिया। ऐलेक्स पॉल मेनन 2006 बैच के आईएएस अधिकारी है। मेनन तमिलनाडु के रहने वाले हैं।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि घटना काफी पुरानी है, इसलिए आरोपी को नहीं पहचान पाउंगा।
मालूम हो कि छत्तीसगढ़ पुलिस की स्पेशल टीम ने साल 2016 में अपहरण में शामिल कथित नक्सली भीमा उर्फ आकाश को गिरफ्तार किया था।
छत्तीसगढ़ के सुकमा में 21 अप्रैल, 2012 की शाम केरलापाल क्षेत्र के माझीपारा गांव में नक्सलियों ने कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का अपहरण कर लिया था।
इस दौरान नक्सालियों ने उनके दो अंगरक्षकों की हत्या कर दी थी। यह घटना सुकमा के ही केरलापाल इलाके में हुई थी। जहां मांझीपाड़ा में प्रशासन के अधिकारियों नें 'ग्राम सुराज अभियान' के तहत ग्रामीणों से बातचीत कर रहे थे। तभी एक नक्सली सभा में घुस आये और एक अंगरक्षक की गला रेत कर हत्या कर दी। फिर नक्सली पूछने लगे कि कलेक्टर कौन है। तब जिलाधिकारी मेनन ने कहा कि मैं हूं। उसके बाद नक्सली जिलाधिकारी को अपने साथ ले गए। रिहाई के लिए नक्सलियों ने 25 अप्रैल तक की समयसीमा रखी थी। बदले में माओवादियों ने सरकार के समक्ष ऑपरेशन ग्रीनहंट को बंद करने और उनके आठ सहयोगियों को रिहा करने की मांग रखी थी। बाद में सरकार की ओर से और नक्सलियों की ओर से दो-दो मध्यस्थों को रखा गया था।
मध्यस्थों के बीच हुई लंबी चर्चाओं के बाद एक समझौता हुआ था और माओवादियों ने कलेक्टर की रिहाई कर दी थी। 3 मई को ताड़मेटला में जिलाधिकारी को रिहा किया गया था।