हड़ताल ब्रेकिंग न्यूज: छत्तीसगढ़ सरकार ने बढ़ाया डीए, फिर भी कल हड़ताल पर रहेंगे कर्मचारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) पांच प्रतिशत बढ़ा दिया है। राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस निर्णय की जानकारी खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करके दी है। इसके बावजूद कर्मचारी सात जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं।
कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने एनपीजी न्यूज से बातचीत में डीए बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया है, लेकिन हमारी मांग केंद्रीय कर्मियों के बारबार 42 प्रतिशत की है। उन्होंने बताया कि जिन मांगों को लेकर हम आंदोलन कर रहे हैं उसमें केवल महंगाई भत्ता ही नहीं बल्कि चार अन्य मांगें भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जब तक हमारी सभी मांगों को मान नहीं लेती तब तक आंदोलन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वर्मा ने बताया कि सात जुलाई को घोषित एक दिवसीय हड़ताल होगी। इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो हम पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार एक अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
जानिए अब कितना मिलेगा डीए
राज्य के कर्मचारियों को अभी 33 प्रतिशत डीए मिल रहा है, जबकि केंद्रीय कर्मियों को 42 प्रतिशत मिलता है। राज्य के कर्मियों का पांच प्रतिशत डीए बढ़ने के बाद 38 प्रतिशत हो जाएगा। इस पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी से सरकार पर एक हजार करोड़ का भार बढ़ेगा।
राज्य के कर्मचारियों- अधिकारियों की यह पांच मांगें
- छठवें वेतनमान के आधार देय गृह भाड़ा भत्ते को सातवें वेतनमान के आधार पर केंद्रीय दर पर पुनरीक्षित किया जाए।
- राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जाए।
- प्रदेश के कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर गठित पिंगुआ कमेटी एवं सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में वेतन के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।
- कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र के क्रियान्वयन के लिए राज्य के सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय वेतनमान क्रमश: आठ, 16, 24 और 30 वर्ष की सेवा अवधि के बाद किया जाए साथ ही अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमित किया जाए।
- पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने के लिए प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना की जाए और पूर्ण पेंशन का लाभ अर्हतादायी सेवा 33 वर्ष के स्थान पर 25 वर्ष किया जाए।