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ब्रेकिंग न्‍यूज: बिजली की दरों को लेकर केंद्र का बड़ा फैसला, दिन में सस्‍ती और रात में महंगी पड़ेगी बिजली , जानिए विस्‍तार से

Center's big decision regarding electricity rates

ब्रेकिंग न्‍यूज: बिजली की दरों को लेकर केंद्र का बड़ा फैसला, दिन में सस्‍ती और रात में महंगी पड़ेगी बिजली , जानिए विस्‍तार से
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By Sanjeet Kumar

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने बिजली दरों (टैरिफ) को लेकर बड़ा फैसला किया है। देश में अब बिजली की दरें दिन और रात में अलग-अलग होगी। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने शुक्रवार को इसकी घोषणा कर दी है। यह व्‍यवस्‍था पहले चरण में उद्योगों पर लागू होगा। इसके बाद कृषि को छोड़कर बाकी पर लागू किया जाएगा। ऊर्जा मंत्रालय ने इसकी भी तारीखों की घोषणा कर दी है।

अफसरों ने बताया कि केंद्र सरकार ने विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन के माध्यम से प्रचलित बिजली टैरिफ प्रणाली में दो बदलाव पेश किए हैं। यह बदलाव हैं: दिन के समय (टीओडी) टैरिफ की शुरूआत, और स्मार्ट मीटरिंग प्रावधानों का युक्तिकरण।

दिन के समय (टीओडी) टैरिफ की शुरुआत

दिन के हर समय एक ही दर पर बिजली के लिए शुल्क लेने की बजाय, बिजली के लिए आपकेद्वारा भुगतान की जाने वाली कीमत दिन के समय के अनुसार अलग- अलग होगी। टीओडी टैरिफ प्रणाली के तहत, सौर घंटों (राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्दिष्ट एक दिन में आठ घंटे की अवधि) के दौरान टैरिफ सामान्य टैरिफ से 10 से 20 प्रतिशत कम होगा, जबकि पीक घंटों के दौरान टैरिफ 10 से 20 प्रतिशत अधिक होगा।

जानिए बिजली की यह नई व्‍यवस्‍था कब से होगी लागू

टीओडी टैरिफ 10 किलोवाट और उससे अधिक की अधिकतम मांग वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए एक अप्रैल 2024 से और कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य सभी उपभोक्ताओं के लिए एक अप्रैल, 2025 से लागू होगा। स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए टाइम ऑफ डे टैरिफ स्मार्ट मीटर लगने के तुरंत बाद प्रभावी कर दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा- सभी के लिए फायदेमंद होगा

केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि टीओडी उपभोक्ताओं के साथ- साथ बिजली प्रणाली के लिए भी फायदे का सौदा है। “टीओडी टैरिफ में पीक आवर्स, सोलर आवर्स और सामान्य घंटों के लिए अलग-अलग टैरिफ शामिल हैं, उपभोक्ताओं को टैरिफ के अनुसार अपने लोड का प्रबंधन करने के लिएमूल्य संकेत भेजा जा सकता है। टीओडी टैरिफ तंत्र के बारे में जागरूकता और प्रभावी उपयोग सउपभोक्ता अपने बिजली बिल को कम कर सकते हैं।

इस वजह से लिया गया यह फैसला

ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने यह फैसला गैर परंपरागत ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लिया है। चूंकि सौर ऊर्जा सस्ती है, सौर ऊर्जा घंटों के दौरान टैरिफ कम होगा, इसलिए उपभोक्ता को लाभहोगा। गैर-सौर घंटों के दौरान थर्मल और जल विद्युत के साथ-साथ गैस आधारित क्षमता का उपयोग किया जाता है। उनकी लागत सौर ऊर्जा की तुलना में अधिक होती है। यह दिन के समय के टैरिफ में दिखाई देगी। अब उपभोक्ता अपनी बिजली लागत को कम करने के लिए अपने उपभोग की योजना बना सकते हैं। बिजली की लागत कम होने पर सौर घंटों के दौरान अधिक गतिविधियों की योजना बना सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीओडी तंत्र नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का बेहतर ग्रिड एकीकरण भी सुनिश्चित करेगा जिससे भारत के लिए तेजी से ऊर्जा परिवर्तन की सुविधा मिलेगी। सिंहने कहा कि "टीओडी टैरिफ नवीकरणीय उत्पादन के उतार-चढ़ाव के प्रबंधन में सुधार करेगा, उच्च आरई उत्पादन घंटों की अवधि के दौरान मांग में वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा और इस तरह बड़ी मात्रा में नवीकरणीय ऊर्जा के ग्रिड एकीकरण को बढ़ाएगा।"

अधिकांश राज्य विद्युत नियामक आयोग (एसईआरसी) ने देश में बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक (सी एंड आई) श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए पहले ही टीओडी टैरिफ लागू कर दिया है। स्मार्टमीटर की स्थापना के साथ, टैरिफ नीति के अनुसार घरेलू उपभोक्ता स्तर पर टीओडी मीटरिंग शुरू की जाएगी।

क्‍या है टीओडी यानी टाइम ऑफ डे

टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ, बिजली उद्योगों में विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण डिमांड साइड मैनेजमेंट (डीएसएम) उपाय के रूप में मान्यता प्राप्त है, जिसका उपयोग उपभोक्ताओं को अपने लोड के एक हिस्से को पीक समय से आफ-पीक समय में स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करने के साधन के रूप में किया जाता है। जिससे पीक अवधि के दौरान सिस्टम पर मांग को कम करके सिस्टम लोड फैक्टर में सुधार होता है। टीओडी टैरिफ (यानी टैरिफ नीति, 2016, विद्युत अधिनियम, 2003 और राष्ट्रीय विद्युत नीति, 2005) के कार्यान्वयन को सक्षम करने और बढ़ावा देने के लिए विभिन्न वैधानिक प्रावधान पहले से ही मौजूद हैं।

स्मार्ट मीटरिंग प्रावधान में किए गए संशोधन के संबंध में नियम

सरकार ने स्मार्ट मीटरिंग के नियमों को भी आसान कर दिया है। उपभोक्ताओं की असुविधा / उत्पीड़न से बचने के लिए, उपभोक्ता की मांग में अधिकतम स्वीकृत भार/मांग से अधिक वृद्धि पर मौजूदा जुर्माने को कम कर दिया गया है। मीटरिंग प्रावधान में संशोधन के अनुसार, स्मार्ट मीटर की स्थापना के बाद, स्थापना तिथि से पहले की अवधि के लिए स्मार्ट मीटर द्वारा दर्ज की गई अधिकतम मांग के आधार पर उपभोक्ता पर कोई दंडात्मक शुल्क नहीं लगाया जाएगा। लोड संशोधन प्रक्रिया को भी इस तरह से तर्कसंगत बनाया गया है कि अधिकतम मांग को केवल तभी ऊपर की ओर संशोधित किया जाएगा जब स्वीकृत लोड एक वित्तीय वर्ष में कम से कम तीन बार से अधिक हो गया हो। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर को दिन में कम से कम एक बार दूर से (रिमोटली) पढ़ा जाएगा और उपभोक्ताओं के साथ डेटा साझा किया जाएगा ताकि वे बिजली की खपत के बारे में सूचित निर्णय ले सकें।

विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 को सरकार द्वारा 31 दिसंबर 2020 को अधिसूचित किया गया था, इस विश्वास के आधार पर कि बिजली प्रणालियाँ उपभोक्ताओं की सेवा के लिए मौजूद हैं और उपभोक्ताओं को विश्वसनीय सेवाएँ और गुणवत्तापूर्ण बिजली प्राप्त करने का अधिकार है। नियम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि नए बिजली कनेक्शन, रिफंड और अन्य सेवाएं समयबद्ध तरीके से दी जाएं और उपभोक्ता अधिकारों की जानबूझकर उपेक्षा के परिणामस्वरूप सेवा प्रदाताओं पर जुर्माना लगाया जाए और उपभोक्ताओं को मुआवजे का भुगतान किया जाए।

नियमों में मौजूदा संशोधन सरकार द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने, सस्ती कीमत पर 24X7 विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और बिजली क्षेत्र में निवेश के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की निरंतरता में है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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