Bilaspur News: शिक्षक और बाबू के 77 लाख की हेराफेरी में कभी भी हो सकती है बड़ी कार्रवाई...कलेक्टर बोले...
बिलासपुर। एशिया के सबसे बड़े ब्लॉक बिल्हा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेलतरा में हुए 77 लाख के घोटाले ने स्कूल शिक्षा विभाग के कान खड़े कर दिए हैं। पता चला है, इस मामले में कभी भी कोई भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इसके लिए प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू हो गई है।
छत्तीसगढ़ के नंबर-1 न्यूज वेबसाइट NPG.NEWS द्वारा इस खबर को सामने लाने के बाद राज्य कार्यालय के अधिकारी भी हैरान हैं कि आखिर एक छोटे से स्कूल में कार्यरत शिक्षक और बाबू द्वारा इतना बड़ा खेल कैसे कर दिया। NPG में गजब घोटाला...शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी और डीपीआई से जो लेटर जारी हुआ है, उसमे गजब घोटाले का उल्लेख है। बहरहाल, अफसर इस बात से चकित हैं कि ट्रेजरी से इतनी बड़ी राशि शिक्षक के खाते में पहुंच गई और किसी को कानों कान खबर नहीं हुई। सबसे बड़ी बात मामला आखिर दबा कैसे रहा क्योंकि 2018-19 के इस मामले में खुलासा 2022 में हुआ है और वह भी तब जब नए जिला शिक्षा अधिकारी डी के कौशिक ने न केवल शिकायत की पूर्ण जांच कराई बल्कि दोषी बाबू कैलाशचंद्र सूर्यवंशी को निलंबित किया और व्याख्याता पीएल कुर्रे पर कार्रवाई हेतु राज्य कार्यालय को पत्र लिखा जिससे मामले का खुलासा हुआ।
जिस प्रकार से यह मामला हुआ है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रदेश के कुछ और जगहों पर भी ऐसे मामले आ सकते हैं या फिर यह मामला और बड़ा हो सकता है
रायपुर से भेजी गई ऑडिट के लिए जांच टीम
NPG की प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेकर राजधानी के कोष एवम लेखा पेंशन की तरफ से भी एक टीम बनाकर बिलासपुर ट्रेजरी ऑफिस भेजा गया है, जो इस पूरे मामले की जांच करके रिपोर्ट उच्च कार्यालय को सौंपेगी। इसके माध्यम से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि आखिर यह गड़बड़ी हुई कैसे और किन किन किन की संलिप्तता है...आखिरकार यह गड़बड़ी ट्रेजरी के पकड़ में क्यों नहीं आई। मामले को लेकर विभाग कितनी संजीदा है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस पूरे मामले की जांच के लिए संयुक्त संचालक के डी झारिया के नेतृत्व में 5 सदस्य टीम बिलासपुर भेजी गई है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से भी छुपाई गई जानकारी ।
व्याख्याता पुन्नी लाल कुर्रे के खाते में साठगांठ करके 77 लाख की राशि डाली गई है जो कि उनके बैंक खाते में गई है ऐसे में इसकी जानकारी कर्मचारी द्वारा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भी दी जानी थी, कार्यालय द्वारा उन्हें फॉर्म 16 दिया गया होगा और कर्मचारी इनकम टैक्स के दायरे में भी था ऐसे में इनकम टैक्स विभाग को जानकारी देने पर मिली राशि की 30% की राशि की इनकम टैक्स के तौर पर कटौती हो जाती स्वाभाविक बात है कि इनकम टैक्स से भी कर्मचारी द्वारा इस जानकारी को छुपाया गया है ।
कलेक्टर सौरभ कुमार बोले...
इधर इस मामले में NPG ने जब बिलासपुर कलेक्टर सौरभ कुमार से बात की तो उन्होंने माना कि मामला सही है। सौरव ने कहा, हमारी जांच में शिकायत सही पाई गई है... चूकि व्याख्याता स्तर का केस है इसलिए संचालनालय लेवल पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है।