बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ के संदीप पाठक पंजाब कोटे से जाएंगे राज्यसभा, आप की जीत के चाणक्य कहे जाते हैं, जानिए इनके बारे में
रायपुर, 21 मार्च 2022. आप ने पंजाब राज्यसभा जाने वाले उम्मीदवारों का किया ऐलान कर दिया है. इनमें पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, पंजाब के सह प्रभारी राघव चढ्ढा और तीसरा नाम IIT दिल्ली के प्रोफेसर डा. संदीप पाठक का है. वहीं चौथा नाम अशोक मित्तल का है, जो कि लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के फाउंडर हैं. संदीप पाठक को उनकी मेहनत का ईनाम मिला है। संदीप, अरविन्द केजरीवाल की कोर टीम के सबसे अहम सदस्य हैं.
आप उम्मीदवारों में डॉ संदीप पाठक का नाम भी चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, संदीप मूलरूप से छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी के रहने वाले हैं. उनके गांव का नाम बटहा है. उनके पिता किसान हैं. अपने माता-पिता की पहली संतान के रूप में संदीप का जन्म 1979 में हुआ है. डॉ. संदीप ने पांचवीं तक की पढ़ाई लोरमी में की है. इसके बाद वे बिलासपुर चले गए जहां से उन्होंने एमएससी तक की पढ़ाई की. इसके बाद वे हैदराबाद होते हुए ब्रिटेन के कैंब्रिज चले गए जहां उन्होंने छह साल तक बिताए. आईआईटी दिल्ली की वेबसाइट के मुताबिक संदीप मेसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में USA में प्रोफेसर व्लादिमारी बुलोविक के साथ काम किया.
माना जाता है कि संदीप पाठक को छत्तीसगढ़ में प्रमुख भूमिका दी जा सकती है. वे मूल रूप से छत्तीसगढ़ के हैं और उम्मीदवार बनाए जाने से उनके गांव में खुशी का माहौल है. रविवार से ही गांव में जश्न मनाया जा रहा है.
संदीप पाठक को पंजाब में आप का 'चाणक्य' भी कहा जा रहा है. उन्होंने पर्दे के पीछे रहते हुए आप की जीत में अहम भूमिका निभाई. संदीप पाठक 2006 से IIT-Delhi में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. वे केजरीवाल से प्रेरित होकर आम आदमी पार्टी से जुड़े थे. पाठक ने 2011 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से Ph.D किया. उन्होंने पंजाब में आप को बूथ लेवल पर मजबूत करने के लिए अहम भूमिका निभाई.
संदीप अरविंद केजरीवाल की टीम में बैकरूम बॉय माने जाते हैं. केजरीवाल ने पंजाब में जीत के बाद संदीप पाठक को धन्यवाद कहा. उन्होंने संदीप पाठक के राजनीतिक रणनीतिकार और अभियान डिजाइनर के रूप में उनके योगदान की सराहना की. संदीप कई सालों से पंजाब में आप के लिए रणनीति बनाने में सक्रिय रहे. वह पंजाब में आम आदमी पार्टी की टीमों के साथ बिना लाइमलाइट में आए चुपचाप काम कर रहे.
शून्यकाल में लोरमी विधायक धरमजीत सिंह ने सदन से कहा - लोरमी के पास बेहद छोटे से गाँव के लड़के की उपलब्धि को सदन को बताना चाहता हूँ.. वो लोरमी में पढ़ा.. फिर बिलासपुर पढ़ा फिर अमेरिका गया और आईआईटी किया और उसके बाद प्रोफ़ेसर हुआ.. पंजाब की जीत में उसकी उपलब्धि को देखते हुए उसे पंजाब से राज्यसभा भेजा जा रहा है.. छत्तीसगढ़ के इस लड़के की उपलब्धि सदन को बताते हुए मुझे ख़ुशी है