Begin typing your search above and press return to search.

बड़ी खबर: नक्सली गगन्ना पर 50 लाख और हिड़मा पर 25 लाख का इनाम...NIA ने भगोड़े नक्सलियों पर इनाम की राशि बढ़ाई

Big news: 50 lakh on Naxal Gaganna and 25 lakh on Hidma...NIA increased the amount of reward on the fugitive Naxalites

बड़ी खबर: नक्सली गगन्ना पर 50 लाख और हिड़मा पर 25 लाख का इनाम...NIA ने भगोड़े नक्सलियों पर इनाम की राशि बढ़ाई
X
By NPG News

रायपुर, 09 जून 2022। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने पांच राज्यों की पुलिस और सुरक्षा बलों को चकमा देकर अब तक फरार खूंखार नक्सली गगन्ना और हिड़मा पर इनाम की राशि बढ़ा दी है। NIA को इन दोनों खूंखार नक्सलियों की झीरम हत्याकांड से लेकर भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या के मामलों में तलाश है। यही वजह है कि CPI (माओवादी) के महासचिव नम्बाला केशव राव उर्फ गगन्ना पर 50 लाख और नक्सलियों के बटालियन नंबर-1 के कमांडर हिड़मा उर्फ हिड़मन्ना पर 25 लाख का इनाम घोषित किया है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी इन नक्सलियों पर एक करोड़ तक का इनाम घोषित किया है। इनकी तलाश छत्तीसगढ़ के साथ-साथ आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और महाराष्ट्र पुलिस को है। अब तक इन आरोपियों को पकड़ने की सारी कोशिशें असफल रही हैं। हालांकि इस दौरान छत्तीसगढ़ पुलिस व सुरक्षा बलों ने कई बार हिड़मा बटालियन को तगड़ी टक्कर दी है, जिसमें दोनों ओर नुकसान भी हुआ।


नक्सलियों को आधुनिक हथियारों से लैस किया गगन्ना ने

विकिपीडिया में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक गगन्ना ने गुरिल्ला युद्ध और आईईडी के अलग-अलग तरीके से उपयोग की तकनीक विकसित की। गगन्ना 1970 के दशक से नक्सल आंदोलन से जुड़ा। 1980 में जब आंध्र प्रदेश में भाकपा (माले) का जनयुद्ध हुआ, तब वह प्रमुख आयोजकों में से एक था। वह पूर्वी गोदावरी और विशाखापटनम जिलों में प्रवेश करने वाला पहला कमांडर था। गगन्ना ने मल्लोजुला कोटेश्वर राव उर्फ ​​किशनजी , मल्लूजोला वेणुगोपाल और मल्ला राजी रेड्डी के साथ बस्तर के जंगलों में प्रशिक्षण प्राप्त किया। लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (LTTE) के पूर्व लड़ाकों के एक समूह से घात लगाने की रणनीति और 1987 में जिलेटिन से निपटने की प्रक्रिया सीखी। 1992 में उसे तत्कालीन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की केंद्रीय समिति का सदस्य चुना गया था। 2004 में जब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का गठन हुआ, तब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) पीपुल्स वॉर और माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ़ इंडिया के विलय के बाद गगन्ना को प्रमुख बनाया गया। गगन्ना को सैन्य रणनीति और विस्फोटकों के उपयोग, विशेष रूप से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज के उपयोग में विशेषज्ञता हैl


गुरिल्ला युद्ध की तकनीक का मास्टरमाइंड है हिड़मा

जानकारी के मुताबिक हिड़मा 1990 में नक्सलियों से जुड़ा, लेकिन गुरिल्ला युद्ध की तकनीक के कारण कुछ साल में ही बड़ा नाम बन गया। कई बड़ी वारदातों में शामिल रहने और नेतृत्व क्षमता ने उसे शीर्ष नेतृत्व पर पहुंचा दिया। इस तरह हिडमा को एरिया कमांडर बनाया गया। 2010 में ताड़मेटला में हुए हमले में सीआरपीएफ के 76 जवानों की मौत में हिड़मा कि अहम भूमिका थी। इसके बाद बहुत चर्चित रहे साल 2013 में हुए झीरम हमले में भी हिड़मा की अहम भूमिका थी। इस हमले में कई बड़े कांग्रेसी नेताओं सहित 31 लोगों की मौत हो गई थी। साल 2017 में बुरकापाल में हुए हमले में भी हिडमा की अहम भूमिका बताई गई थी। इस हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे।

Next Story