Begin typing your search above and press return to search.

भारतीय राजनीति के सबसे बड़े परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यादव नहीं रहे...कहाँ थीं जड़ें, आइए जानते हैं

भारतीय राजनीति के सबसे बड़े परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यादव नहीं रहे...कहाँ थीं जड़ें, आइए जानते हैं
X
By NPG News

NPG DESK

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आज निधन हो गया है।उत्तर प्रदेश के इटावा के सैफई से संसद तक पहुंचने वाले मुलायम सिंह यादव को राजनीति के बहुत ही मंजे हुए खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है।लोहिया के आंदोलन से सियासी सफर शुरू करने वाले मुलायम सिंह ने आगे चलकर समाजवादी पार्टी का गठन किया। मुलायम सिंह यादव ने तीन बार आबादी के लिहाज से सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की कमान संभाली। राजनीति में ऐसा कोई नहीं जो उनकी "सिक्स्थ सैंस" की दाद न देता हो। कब, कहां, कैसा दांव चलना है, वे बड़ी जल्दी भांप लेते थे। आइए जानते हैं कैसा है मुलायम का सियासी कुनबा और कैसी थीं जड़ें।

सियासी कुनबा

कौन थे मुलायम सिंह यादव के दादा? मुलायम सिंह यादव के दादा के नाम मेवाराम था।मेवाराम के दो बेटे थे।पहले सुघर सिंह और दूसरे बच्चीलाल सिंह। सुघर सिंह के पांच बेटे हुए।इनमें मुलायम सिंह यादव तीसरे नंबर के हैं जबकि शिवपाल सिंह यादव पांचवे नंबर के हैं।दूसरी तरफ बच्चीलाल सिंह के बेटे को आज हम रामगोपाल यादव के नाम से पहचानते हैं। रामगोपाल आजकल अखिलेश के बहुत ज्यादा करीबी हैं। उनके बेटे अक्षय फिरोजाबाद के सांसद रह चुके हैं।वह 2014 की मोदी लहर में वह लोकसभा चुनाव जीते थे लेकिन साल 2019 में वह शिवपाल यादव की वजह से चुनाव हार गए।

मुलायम सिंह यादव के कितने सगे भाई हैं?

सुघर सिंह के सबसे बड़े बेटे का नाम अभयराम सिंह है, दूसरे का रतन सिंह, तीसरे का मुलायम सिंह, चौथे का राजपाल सिंह और पांचवे का शिवपाल सिंह यादव. अभयराम सिंह के बेटे का नाम धर्मेंद्र सिंह यादव है।धर्मेंद्र तीन बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं।वह एक बार मैनपुरी और दो बार बदायूं के सांसद रह चुके हैं। साल 2019 में उन्हें बदायूं सीट गंवानी पड़ी थी।इस साल उन्हें आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा।

रतन सिंह- रतन सिंह यादव के परिवार से तेज प्रताप सांसद रह चुके हैं। तेज प्रताप मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं।तेज प्रताप रतन सिंह के पोते हैं। रतन सिंह के बेटे रणवीर सिंह का निधन हो चुका है।तेज प्रताप रणवीर सिंह के बेटे हैं। तेज प्रताप की शादी लालू प्रसाद यादव की बेटी से हुई है।

मुलायम सिंह- सुघर सिंह के परिवार की रीढ़ हैं मुलायम सिंह यादव। मुलायम सिंह यादव की दो शादियां हुई हैं। उनकी पहली शादी मालती देवी से हुई थी।अखिलेश यादव मालती देवी के बेटे हैं।अखिलेश यूपी के सीएम रह चुके हैं।इस समय समाजवादी पार्टी की कमान उनके हाथों में है। उनकी पत्नी डिंपल यादव भी सांसद रह चुकी हैं। अखिलेश यादव और डिंपल यादव की तीन संताने हैं- दो बेटियां औरएक बेटा।मुलायम सिंह यादव के दूसरी पत्नी थीं साधना गुप्ता। साधना गुप्ता के बेटे हैं प्रतीक यादव।प्रतीक राजनीति से दूर रहते हैं लेकिन उनकी पत्नी अपर्णा यादव राजनीति में सक्रिय हैं। पहले वह समाजवादी पार्टी में थीं लेकिन साल 2022 विधानसभा से पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।

राजपाल सिंह- मुलायम से छोटे हैं राजपाल सिंह। राजपाल सिंह के बेटे अंशुल भी सियासत में पूरी तरह एक्टिव हैं।वह दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। उनकी पत्नी भी राजनीति में एक्टिव हैं।

शिवपाल सिंह यादव- सुघर सिंह के सबसे छोटे बेटे हैं शिवपाल सिंह यादव। शिवपाल सिंह यादव को मुलायम सिंह का 'लक्ष्मण' भी कहा जाता है।जब मुलायम सिंह यादव एक छोटे नेता थे शिवपाल सिंह यादव ने तभी से उनके साथ मेहनत की।मुलायम विधायक बने तो जमीन पर सारा काम उन्होंने देखा। मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने तो शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी को मजबूत करने का काम किया। हालांकि बाद में अखिलेश यादव से विवाद के चलते उन्होंने सपा को अलविदा कह अपनी खुद की पार्टी का गठन किया लेकिन शिवपाल सिंह यादव को अपने खुद के बुते पर अभी तक कोई जीत नहीं मिली है। प्रसपा के चुनाव चिन्ह पर फिरोजाबाद लोकसभा चुनाव लड़े शिवपाल को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2022 विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन कर वे सपा के चिन्ह पर चुनाव लड़े और जीत सके। शिवपाल के बेटे आदित्य भी राजनीति में एक्टिव हैं।

मुलायम के बारे में कहा जाता है कि उनके परिवार और दूर दराज की रिश्तेदारी तक में जिसने भी राजनीति में आने की इच्छा जताई, उसे उन्होंने मौका ज़रूर दिया। पंचायत स्तर तक पर उनके परिवार के सदस्यों के चुनाव जीतने का सिलसिला जारी है। कहते हैं कि अगर दावा किया जाए तो कोई दूसरा ऐसा परिवार मिलना मुश्किल है जिसके इतने सदस्य राजनीति में हों। यानी यह अवार्ड तो मुलायम सिंह के परिवार के खाते में ही जाएगा।

Next Story