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भाद्रपद: इस महीने ब्रम्हचर्य का पालन करने कई सारी परेशानियों से निजात मिलती है, जानिए इस माह क्या करें और क्या नहीं करें

भाद्रपद: इस महीने ब्रम्हचर्य का पालन करने कई सारी परेशानियों से निजात मिलती है, जानिए इस माह क्या करें और क्या नहीं करें
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By NPG News

भाद्रपद I इस माह की शुरुआत 12 अगस्त से शुरू हो गया है। 12 अगस्त को कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ सुबह 5 बजकर 58 मिनट पर हो गया है। इसी के साथ भाद्रपद माह की भी शुरुआत हो गई है। लेकिन उदया तिथि में सावन की पूर्णिमा होने से रक्षा बंधन भी इस दिन मनाया गया है। और आज यानि 13 अगस्त से लोग भाद्र माह से जुड़े नियमों का पालन करेंगे।

इस पवित्र माह में जो भी स्नान, दान व व्रत करता है, उस पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है। इस माह हल षष्ठी, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश उत्सव, हरितालिका तीज व अनंत चतुर्थी का व्रत पड़ने वाला है।

भाद्रमास में क्या करें और क्या नहीं

भाद्रपद मास में भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करें। इस माह आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए श्रीमद्भगवदगीता का पाठ करना चाहिए। मन को शुद्ध करने के लिए यह माह बेहद उपयोगी है। इस माह पलंग पर शयन नहीं करना चाहिए। जमीन पर चटाई बिछाकर शयन करना चाहिए। इस माह किसी से झूठ न बोलें। इस माह तेल से बनी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। इस माह एक समय भोजन करना चाहिए।

इस महीने में दही न खाएं, लेकिन दही से पूरे मास भगवान कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराने से मनोकामना पूरी होती हैं।जिन लोगों को संतान सुख नहीं है , उन लोगों को इस माह या तो कृष्ण जी के जन्मोत्सव में शामिल होना चाहिए। इस महीने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए श्रीमदभगवदगीता का पाठ शुभ परिणाम देता है। इस महीने में लड्डू गोपाल और शंख की स्थापना से घर में धन और सम्पन्नता आती है।

विद्या, बुद्धि और ज्ञान के लिए इस माह श्री गणेश की उपासना करें। पीले रंग के भगवान् गणेश की स्थापना करें। हर दिन उनको दूर्वा और मोदक का भोग लगायें। पूरे माह ब्रह्मचर्य का पालन करें। हर प्रकार की बाधा का नाश होगा।

पूरे मास भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करें। इस माह आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए श्रीमद्भगवदगीता का पाठ करना चाहिए। मन को शुद्ध करने के लिए यह माह बेहद उपयोगी है। इस माह पलंग पर शयन नहीं करना चाहिए। जमीन पर चटाई बिछाकर शयन करना चाहिए। इस माह किसी से झूठ न बोलें। इस माह तेल से बनी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। इस माह एक समय भोजन करना चाहिए।

इस मास कई त्योहार आते हैं। संतान सुख की प्राप्ति के लिए कान्हा के जन्मोत्सव में शामिल होना चाहिए। कृष्ण पक्ष द्वादशी को वत्स द्वादशी कहते है। इसमें गाय-बछड़े का पूजन किया जाता है। यह पर्व बच्चों की सुख-शांति से जुड़ा है। इस मास के शुक्ल पक्ष, एकादशी को देवझूलनी एकादशी मनाते है। इस व्रत में भगवान विष्णु की उपासना का विधान है। इस माह गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए और न ही किसी अन्य व्यक्ति के दिए हुए पके चावल खाने चाहिए। नारियल के तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। नहीं तो घर में दरिद्रता आती हैं।

भाद्रपद माह में कौन-कौन से त्योहार

14 अगस्त को कजरी तीज, 15 अगस्त को बहुला चतुर्थी,17 अगस्त को सिंह संक्रांति,18 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी,23 अगस्त को अजा एकादशी

24 अगस्त को प्रदोष व्रत, 25 अगस्त को मासिक शिवरात्रि, 27 अगस्त को भाद्रपद अमावस्या,28 अगस्त को भाद्रपद शुक्ल पक्ष आरंभ, 30 अगस्त को हरतालिका तीज, 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी, 1 सितंबर को ऋषि पंचमी, 4 सितंबर को राधा अष्टमी,6 सितंबरको परिवर्तिनी एकादशी, 9 सितंबर अनंत चतुर्थी, गणेश विसर्जन, 10 सितंबर, शनिवार को भाद्रपद पूर्णिमा व्रत, पित् पक्ष प्रारंभ होगा। इस मास में भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण की पूजा करते हैं और लड्डू गोपाल को पूरे माह दही मिश्री से स्नान करवाते हैं। गणेश जी का जन्मोत्सव मनाते हैं।

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