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CG के पहले IAS ओपी ने बताई ज्यादा संख्या में चयन की वजह, कहा- UPSC जैसी परीक्षाओं के लिए इको सिस्टम जरूरी, हर जिले में नालंदा परिसर बनना चाहिए...

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 2005 में पहले आईएएस के रूप में ओपी चौधरी का चयन हुआ था।

CG के पहले IAS ओपी ने बताई ज्यादा संख्या में चयन की वजह, कहा- UPSC जैसी परीक्षाओं के लिए इको सिस्टम जरूरी, हर जिले में नालंदा परिसर बनना चाहिए...
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By NPG News

रायपुर, 31 मई 2022। UPSC जैसी देश की प्रतिष्ठित परीक्षा की तैयारी के लिए इको सिस्टम तैयार करना बहुत जरूरी है। इसी सोच के साथ रायपुर में नालंदा परिसर का निर्माण कराया गया था, क्योंकि इसके आसपास में ही एनआईटी, पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी, साइंस कॉलेज, आयुर्वेदिक कॉलेज, संस्कृत कॉलेज सब है। यहां पूरे सालभर चौबीस घंटे पढ़ाई की सुविधा है। किताबें हैं। पढ़ने का माहौल है। नालंदा परिसर की तरह ही दूसरे जिलों में भी परिसर बनाना चाहिए। यह कहना है छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहले आईएएस बने ओपी चौधरी का। ओपी के मुताबिक यूपीएससी का पैटर्न वही है, लेकिन अब जागरूकता ज्यादा है, इसलिए छत्तीसगढ़ से ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन हो रहा है। बता दें कि सोमवार को जारी हुए नतीजे में करीब 9 का चयन छत्तीसगढ़ से हुआ है।


(ओपी चौधरी अब राजनीति में हैं। वे सोशल मीडिया के साथ-साथ अपने निवास पर भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को गाइड करते हैं।)

NPG.News से बातचीत में चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में काफी जागरूकता आई है। पढ़ाई का स्तर बढ़ा है। एनआईटी, आईआईटी, एम्स, ट्रिपलआईटी, आईआईएम, हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान हैं। इससे हायर एजुकेशन का एक वातावरण बना है। पढ़ाई की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है।

एक समय ऐसा था, जब दिल्ली के नॉर्थ कैम्पस से मसूरी के लिए बसें जाती थीं। इतनी संख्या में कैंडीडेट चुने जाते थे कि 100-150 की संख्या में बसों में बैठकर आईएएस की ट्रेनिंग के लिए जाया करते थे।

राज्य बनने के बाद बड़ी संख्या में यूपीएससी, पीएससी और व्यापमं की परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर खुले हैं। भले ही इनका व्यापारिक हित है, लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं की ओर रुझान बढ़ाने के लिए इनका अहम योगदान है।

ओपी के मुताबिक जब उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी, तब कोचिंग सेंटर तो दूर किताबें ही उपलब्ध नहीं होती थी। 50 किताबों की लिस्ट लेकर रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई घूमते तो महज कुछ किताबें ही बड़ी मुश्किल से उपलब्ध हो पाती थीं। अब किताबें, नोट्स के साथ-साथ इंटरनेट पर स्टडी मटेरियल उपलब्ध है। तैयारी के लिए बाहर नहीं जा सकते तो ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा उपलब्ध है।

साल-दर-साल छत्तीसगढ़ से चुने गए आईएएस

शिखा राजपूत तिवारी – 2008

किरण कौशल – 2009

रानू साहू – 2010

दीपक सोनी – 2011

रितेश अग्रवाल – 2012

विनीत नंदनवार – 2013

राहुल देव – 2016

चंद्रकांत वर्मा – 2017

देवेश ध्रुव – 2018

नम्रता जैन - 2019

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