Bastar Poll: बस्तर में फंसी 8 पोलिंग पार्टी, हेलीकॉप्टर से गए थे अब एरिया क्लियर होने के बाद पैदल आयेंगे वापस
नारायणपुर। नक्सलाइट जिले नारायणपुर में मतदान करवाने के लिए निकला दल नक्सल एरिया में फंसा है। सुरक्षा कारणों के चलते अभी तक के मतदान दलों की वापसी नहीं हो पाई है। सुरक्षा बलों के जवानों के द्वारा सर्चिंग के बाद रोड ओपनिंग होने पर उनकी वापसी करवाई जाएगी। फिलहाल मतदान होने की 24 घंटे बाद भी मतदान कर्मी कैंप में है। वे तख्ती में लिख कर भावुक मैसेज भेजे हैं... तुम कब आओगे, निहारती आंखें। इससे समझा जा सकता है, उन पर क्या गुजर रही। इनमें अधिकांश शिक्षक हैं
नारायणपुर जिले की ओरछा तहसील में चुनाव करवाने के लिए आठ मतदान दल गए हुए थे। आठ मतदान दलों के 24 मतदान कर्मी एक कैमरामैन व तीन ऑब्जर्वर ओरछा में फंसे हुए हैं। मतदान के लिए इन सभी को दो हेलीकॉप्टर के माध्यम से (कुल 36 मतदान कर्मियों) ओरछा लाया गया था। इन्हें ओरछा तहसील कार्यालय के पीछे एकलव्य आवासीय विद्यालय की नई बिल्डिंग में ठहराया गया है। जहां से विभिन्न मतदान केंद्रों में मतदान दलों की वोटिंग करवाने के लिए ड्यूटी लगी थी। जिनमें से 7 दलों को ओरछा व आस–पास ही मतदान करवाना था। एक मतदान दल को ओरछा से चार किलोमीटर अंदर नक्सल प्रभावित गांव गुदाड़ी में मतदान करवाने जाना था। इस मतदान दल में तीन मतदान कर्मी व पीठासीन अधिकारी थे।
चार मतदान कर्मियों के लिए लगें 200 सुरक्षाकर्मी..
गुदाड़ी मतदान केंद्र में चार मतदान कर्मियों के लिए नक्सली हिंसा को देखते हुए 200 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। इन दो सौ पुलिसकर्मियों ने चार मतदान कर्मियों को पैदल सुरक्षित मतदान केंद्र तक पहुंचाया। चार किलोमीटर की सड़क मार्ग से दूरी को सुरक्षागत कारणों के चलते सड़क से ना ले जाकर 8 किलोमीटर दूर पैदल पहाड़ी की तरफ से घूमा कर ले जाया गया। वापसी में भी सड़क से 2 किलोमीटर अंदर खेत के माध्यम से वापस लाया गया।
12 गांव के मात्र 143 मतदाताओं ने डाला वोट..
गुदाड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत कुल 12 आश्रित गांव आते हैं। गुदाड़ी व आश्रित गांव के मतदाताओं की संख्या 952 हैं। नक्सली भय व आतंक के चलते गुदाड़ी व आस पास के गांव के केवल 143 वोटरों ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके अलावा सुरक्षा में लगे डीआरजी के 16 स्थानीय जवानों व लोकल तीन मतदान कर्मियों (ईडीसी) ने वोट डालें।
ड्रोन से निगरानी के बाद खेतों से लौटे....
3:00 बजे मतदान संपन्न होने के बाद मतदान कर्मियों के द्वारा 3:20 को गुदाड़ी से ओरछा के लिए पैदल रवानगी डाल दी गई थी। सुरक्षा मानको के तहत इस बार जिस रास्ते से जाना हुआ उसके बजाय दूसरा रास्ता ( मुख्य सड़क मार्ग) चुना गया। वापसी के दौरान ड्रोन कैमरे से टीम के आने जाने के रास्ते की निगरानी की जा रही थी। ड्रोन से निगरानी करने वाले पुलिसकर्मियों को ओरछा नदी के पास नक्सलियों के द्वारा सड़क पर लगाए गए विस्फोटक के तार की जानकारी लगी। इसके बाद मतदान कर्मियों व सुरक्षा बलों ने मुख्य सड़क से नीचे उतर कर खेतों का रास्ता चुना। सभी मुख्य सड़क से 2 किलोमीटर अंदर खेतों तक पहुंचे और खेतों के रास्ते होते हुए और ओरछा वापस आए। ओरछा जाकर पीठासीन अधिकारियों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से ईवीएम मशीन लेकर भेज दिया गया।
रोड ओपनिंग के बाद आ सकेंगे मतदानकर्मी:–
मतदान कर्मियों को मतदान संपन्न करवाने दो हेलीकॉप्टर के माध्यम से ओरछा भिजवाया गया था। पर वापसी में पीठासीन अधिकारियों के साथ ईवीएम मशीनों को भेज दिया गया। आठ मतदान दलों के कुल 28 कर्मियों को इस वक्त ओरछा तहसील के पीछे एकलव्य आवासीय विद्यालय में ठहराया गया हैं। ये अभी सड़क क्लियर न होने के चलते ओरछा में ही फंसे हुए हैं। मतदान कर्मियों ने बताया कि उन्हें रहने खाने किसी भी बात की दिक्कत नही हैं। प्रशासन ने सभी व्यवस्थाएं अच्छी कर रखी हैं। अब सुरक्षाबलों के जवानों के द्वारा रोड़ ओपनिंग के बाद उन्हें निकाला जाएगा।