NPG डेस्क। बंगाल की खाड़ी और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के ऊपर उत्तर पूर्वी हवाओं की स्थापना के साथ कल 29 अक्टूबर को तटीय तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के आसपास के क्षेत्रों में पूर्वोत्तर मानसून की बारिश शुरू हो गई थी।
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे श्रीलंका के ऊपर बना हुआ है। दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे भूमध्यरेखीय उत्तर हिंद महासागर पर भी चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार, 30 अक्टूबर से 3 नवंबर के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और केरल व माहे में छिटपुट / काफी व्यापक हल्की / मध्यम बारिश होने की संभावना है।
स्काई मेट वेदर मौसम एजेंसी के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय तमिलनाडु और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल के शेष हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
1 नवंबर से जम्मू कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और हिमपात होगा। उसके दो या तीन दिन बाद बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां तेज हो जाएंगी तथा अधिक स्थानों पर फैल जाएगी।
दिल्ली और एनसीआर का एक्यूआई बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में रह सकता है।
साउथ इंटीरियर कर्नाटक में तीन नवंबर, रायलसीमा में एक और दो नवंबर को बारिश होगी। वहीं, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में 31 अक्टूबर व एक नवंबर को बारिश होने वाली है। उधर, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान में 31 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी।