स्वामी आत्मानंद स्कूल में प्रतिनियुक्ति पर रोक: हाईकोर्ट ने मल्टी परपज स्कूल में दूसरे स्कूलों से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर अंतरिम रोक लगाई
एक स्कूल में उपलब्ध शिक्षकों के संबंध में कोई निर्णय लिए बगैर दूसरे स्कूल से शिक्षकों को बुलाने के विरोध में लगाई गई थी याचिका।
बिलासपुर, 07 जून 2022। हाईकोर्ट ने स्वामी आत्मानंद स्कूल के रूप में अपग्रेड बिलासपुर के गवर्नमेंट मल्टीपरपज स्कूल में दूसरे स्कूल से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन पर अंतरिम रोक लगा दी है।
इस मामले में गवर्नमेंट मल्टीपरपज हायर सेकंडरी स्कूल बिलासपुर में कार्यरत व्याख्याता डॉ. रश्मि तिवारी सहित अन्य व्याख्याता व शिक्षकों ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के जरिए याचिका पेश की थी। याचिका में बताया कि छत्तीसगढ़ के 32 स्कूलों को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी स्कूल के रूप मे परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। ये स्कूल कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा संचालित होंगी। स्कूल में पूर्व से कार्यरत शिक्षकों और अन्य स्टाफ को प्रतिनियुक्ति में रखा जा सकता है, लेकिन यदि वे अनुपयुक्त हैं तो अन्य शासकीय स्कूल के शिक्षकों को चयन कर समिति प्रतिनियुक्ति पर रख सकेगी।
बिलासपुर के गवर्नमेंट मल्टीपरपज हायर सेकंडरी स्कूल को भी स्वामी आत्मानंद स्कूल के रूप में अपग्रेड करने के लिए चयनित किया गया। इस आधार पर स्कूल में ही कार्यरत व्याख्याता, शिक्षकों और सहायक शिक्षकों से स्वामी आत्मानंद स्कूल में प्रतिनियुक्ति पर कार्य करने के लिए याचिकाकर्ता सहमत थे। इनसे इंटरव्यू भी लिया गया, लेकिन इसके बाद भी 25 मई 2022 को जिला शिक्षा अधिकारी नेे अन्य स्कूल के शिक्षकों से प्रतिनियुक्ति करने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया।
इसे याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और बताया कि जब स्कूल में ही उपयुक्त शिक्षक उपलब्ध हैं, तो अन्य स्कूल से शिक्षकों को बुलाना गलत है। याचिकाकर्ता के संबंध में कोई निर्णय के बिना विज्ञापन जारी कर दिया गया। इसके बाद याचिकाकर्ता को बिना कारण सुनवाई अन्य स्कूल में स्थानांतरित किया जाएगा। इस मामले की सुनवाई के बाद अवकाश कालीन जस्टिस गौतम चौरड़िया ने शासन को नोटिस जारी कर अन्य स्कूल के शिक्षकों से प्रतिनियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन पर अंतरिम रोक लगा दी है।