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एरियर्स घोटाला: जेडी ने डीईओ से मांगी रिपोर्ट, जैजैपुर BEO के खिलाफ शिक्षकों में नाराजगी; 496 शिक्षकों से 7 करोड़ की वसूली का दिया है आदेश

एरियर्स घोटाला: जेडी ने डीईओ से मांगी रिपोर्ट, जैजैपुर BEO के खिलाफ शिक्षकों में नाराजगी; 496 शिक्षकों से 7 करोड़ की वसूली का दिया है आदेश
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By NPG News

प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने स्पष्ट किया है कि जिन्हें गलत तरीके से भुगतान हुआ है और जिसने गलत तरीके से भुगतान किया है, दोनों पर कार्रवाई की जाएगी

रायपुर, 3 जून 2022। एरियर्स घोटाले में जॉइंट डायरेक्टर ने सक्ती जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) से रिपोर्ट मांगी है। 496 शिक्षकों को करीब 7 करोड़ की वसूली के लिए बीईओ ने नोटिस जारी किया है, उससे शिक्षकों में जैजैपुर बीईओ के खिलाफ नाराजगी है। इस मामले को लेकर सर्व शिक्षक संघ ने जॉइंट डायरेक्टर को ज्ञापन दिया था, जिस पर डीईओ से रिपोर्ट मांगी है।

सक्ती एरियर्स विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां शिक्षक लगातार बीईओ ऑफिस में अपना अभ्यावेदन सौंप रहे हैं, वही उनके अभ्यावेदन सहित समस्त दस्तावेजों को एकत्रित कर सर्व शिक्षक संघ अधिकारियों को मामले से अवगत करा रहा हैं, ताकि इस मामले का खुलासा हो सके। दरअसल, इस मामले में दोषी शिक्षकों के साथ जो निर्दोष हैं, उन्हें भी लपेट दिया गया है। इस पूरे प्रकरण में सक्ती डीईओ और जैजैपुर बीईओ की भूमिका संदिग्ध है।

बीईओ कार्यालय द्वारा बिना मामले की जांच किए 496 शिक्षकों की सूची जारी करते हुए 1 सप्ताह के भीतर राशि जमा करने का निर्देश दिया गया है, जबकि अब जब मामले का खुलासा हो रहा है तो पता चल रहा है कि बीईओ ने यह जानने की जहमत ही नहीं उठाई कि किस शिक्षक को किस बात का एरियर्स मिला है। उन्होंने यह भी जानने की कोशिश नहीं की कि वास्तव में उन्हीं के कार्यालय के द्वारा भेजे गए गणना पत्रक के आधार पर ही जिला पंचायत द्वारा राशि जारी की गई थी।

जॉइंट डायरेक्टर आरएन हीराधर से सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पांडे, प्रदेश सचिव विनय मौर्य, बिलासपुर जिला अध्यक्ष आभाष श्रीवास सहित शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। जॉइंट डायरेक्टर ने पूरे मामले का परीक्षण कराने की बात कही है। यह माना जा रहा है कि एक-दो दिन में मामले की जांच की कार्यवाही शुरू हो जाएगी।

जो दोषी है, वह सामने आए: दुबे

सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने कहा कि इस बात का खुलासा होना चाहिए कि वास्तव में दोषी कौन है? यह मामला इसलिए गंभीर है, क्योंकि एक तो शिक्षकों को समय पर उनकी राशि मिली नहीं और खुद के लंबित वेतन, समयमान और पुनरीक्षित वेतनमान जैसी राशि के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा। बाद में कार्यालय द्वारा लंबी चौड़ी सूची जारी करके सब को दोषी साबित कर दिया गया जबकि इस मामले में पहले जांच होनी चाहिए थी और यदि किसी को गलत तरीके से अतिरिक्त भुगतान हुआ है तो केवल उसे अतिरिक्त राशि की वसूली के लिए पत्र जारी होना था। कुल मिलाकर सारी कार्रवाई नियम विरुद्ध हुई है, जिससे शिक्षक परेशान हुए हैं।

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