हिंसा में शामिल युवाओं को सेना ने दी चेतावनी, FIR में नाम रहा तो नहीं बन सकेंगे अग्निवीर...जानिए क्या-क्या महत्वपूर्ण बातें सेना ने कहीं

नईदिल्ली 19 जून 2022। अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद से कई राज्यों में उग्र प्रदर्शन जारी है। आज केंद्र सरकार की ओर से तीनों सेनाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सेना की ओर से उम्मीदवारों को साफतौर पर चेतावनी देते हुए कहा गया है कि अगर उनके खिलाफ FIR दर्ज होती है तो वह 'अग्निवीर' नहीं बन सकेंगे। सेना की ओर से कहा कि भर्ती में शामिल होने वाले हर उम्मीदवार को लिखित में यह बताना होगा कि वो अग्निपथ योजना के विरोध के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ करने वालों में शामिल नहीं थे।
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। 'अग्निवीर' को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती हैं। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।
विरोध प्रदर्शन के बीच सेना ने प्रेस कांफ्रेंस में तीनों सेनाओं भर्ती प्रक्रिया के लिए तारीखों का एलान कर दिया है। थलसेना ने कहा है कि उसकी भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू हो जाएगी। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हम यंग आर्मी चाहते हैं। इस योजना अब वापस नहीं होगी। उन्होंने कहा कि योजना पर जो लोग सवाल उठा रहे हैं कि अग्रिवीर 4 साल बाद क्या करेंगे, तो हम साफ करना चाहते हैं कि हमारे देश की 85 इंडस्ट्री ने कहा है कि वह अग्निवीरों को लेना चाहते हैं, लेकिन ये रातों-रात संभव नहीं है। अगर हम इंडस्ट्रियलिस्ट को इस योजना के बारे में पहले ही सब बता देते तो फिर उनके भी सवाल होते कि इन अग्निवीरों की क्या क्षमता होगी, प्रक्रिया का क्या बेस होगा, तो फिर इसमें भी काफी समय लग जाता, जो कि संभव नहीं था।
सरकार ने इस योजना की शुरुआत करते हुए मंगलवार को कहा था कि साढ़े सत्रह साल से 21 साल तक की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा, जबकि उनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। नई योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्यकर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन एवं पेंशन बिल में कटौती करना है।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि यह योजना किसी भी हालत में वापस नहीं होगी। सेना में भर्ती होने के लिए सबसे पहली जरूरत अनुशासन की होती है, इसलिए युवाओं को शांत होकर योजना को समझना चाहिए। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि निकट भविष्य में 'अग्निवीर' की संख्या 1.25 लाख हो जाएगी और 46,000 पर नहीं रहेगी जो कि वर्तमान आंकड़ा है। सेना ने साफ किया है कि दो साल पहले नियमित सेना में भर्ती के लिए मेडिकल परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा मेडिकल परीक्षा से गुजरना पड़ेगा।
