Begin typing your search above and press return to search.

NPG Big Impact: अधर में लटके शिक्षकों को रिलीव कर भेजा गया स्कूल, AG से अभिमत के बाद आदेश जारी

NPG Big Impact: अधर में लटके शिक्षकों को रिलीव कर भेजा गया स्कूल, AG से अभिमत के बाद आदेश जारी
X
By NPG News

रायपुर। एससीईआरटी की चूक से एमएड करने आए सरकारी स्कूल के शिक्षकों को अधर में लटकने की खबर कल एनपीजी न्यूज ने खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद आखिरकार इन शिक्षकों को वापस मूल संस्था के लिए रिलीव कर दिया गया है। इस संबंध में मंगलवार को सुबह एससीईआरटी की ओर से महाधिवक्ता से राय ली गई। इसके बाद शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य ने रिलीविंग आदेश जारी कर दिया और तत्काल प्रभाव से सभी शिक्षकों का जॉइन करने कहा गया है।


दरअसल, एससीईआरटी की चूक के साथ-साथ खबर में इन शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दो साल से घर बिठाकर वेतन देने का भी उल्लेख था। इसे लेकर एससीईआरटी के संचालक राजेश सिंह राणा ने बयान दिया कि एमएड (विभागीय) सत्र 2020-22 में 41 शिक्षकों के चयन प्रक्रिया की याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है। एमएड (विभागीय) सत्र 2022-24 के प्रवेश प्रक्रिया पर न्यायालय द्वारा कोई रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि 7 जुलाई 2022 को याचिका पर सुनवाई तक इस सत्र के चयन प्रक्रिया को अंतिम नहीं करने का निर्णय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पारित किया है।


गौरतलब है कि राज्य के दोनों शिक्षा महाविद्यालयों में संचालित एम.एड. (विभागीय) पाठ्यक्रम सत्र 2020-22 में चयन परीक्षा के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया का विज्ञापन परिषद द्वारा मई 2020 में जारी किया गया। कोविड़-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण शासन द्वारा एम.एड. पाठ्यक्रम में प्रक्रिया चयन परीक्षा के स्थान पर अर्हता परीक्षा के प्राप्तांक के आधार पर करने का आदेश जारी किया गया। जिसके पालन में परिषद् के निर्देश पर शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय रायपुर द्वारा एम. एड. (विभागीय) सत्र 2020-22 में प्रवेश प्रक्रिया अर्हताकारी परीक्षा के प्राप्तांक के आधार पर मेरिट सूची बनाकर किया गया। जिसके विरुद्ध भागवत प्रसाद सोनी द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दाखिल किया गया। उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा 1 अक्टूबर 2020 को उक्त याचिका में सुनवाई करते हुए शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय रायपुर में एम.एड. प्रवेश प्रक्रिया को अंतिम नहीं मानने हेतु निर्देशित किया। तब तक उक्त महाविद्यालय में 41 शिक्षक एम.एड. पाठ्यक्रम में प्रवेश ले चुके थे। महाविद्यालय द्वारा 5 जनवरी 2021 को इन शिक्षकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण भी प्रारंभ किया था। जिसके विरुद्ध श्री भागवत प्रसाद सोनी ने न्यायालय में प्राचार्य, शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय रायपुर के विरुद्ध अवमानना याचिका भी दाखिल किया।


यह मामला तब से उच्च न्यायालय में आज पर्यन्त लंबित है। एससीईआरटी रायपुर द्वारा समय-समय पर उच्च न्यायालय से महाअधिवक्ता के माध्यम से त्वरित सुनवाई व सुनवाई हेतु लिस्टिंग के लिए अपील किया गया परन्तु कोविड-19 के कारण उच्च न्यायालय में सभी प्रकरणों की सुनवाई प्रभावित हुई, जिसके कारण याचिका की सुनवाई दिसम्बर 2021 के बाद नहीं हुई है। परिषद द्वारा इन 41 शिक्षकों को जब तक उच्च न्यायालय का अंतिम आदेश नहीं आता, तब तक इन्हें अपनी मूल विद्यालय के लिए कार्यमुक्त करने के संबंध में महाअधिवक्ता कार्यालय से मार्गदर्शन मांगा गया था।

Next Story