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आमिर खान की लाल सिंह चड्डा देखना चाहते हैं सीएम भूपेश, मगर...पढ़िये इस पर उन्होंने क्या बोला, सीएम के साथ मंच शेयर पर भी दिया विनम्रतापूर्वक जवाब

आमिर खान की लाल सिंह चड्डा देखना चाहते हैं सीएम भूपेश, मगर...पढ़िये इस पर उन्होंने क्या बोला, सीएम के साथ मंच शेयर पर भी दिया विनम्रतापूर्वक जवाब
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By NPG News

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कहा कि विचारों की असहमति इस देश की परंपरा रही है। गौतम बुद्ध के दौर से लेकर महावीर जैन और शंकराचार्य के दौर तक सहमति और असहमति मे द्वंद्व रहा। पर कभी भी इससे समजिक सौहार्द्र पर कोई प्रभाव नहीं देखा गया। मगर आज देश की स्थिति ऐसी कर दी गई है कि अगर मैं आमिर खान की पिक्चर देखने जाना चाहता हूं, मगर जाउंगा तो मुझे एक विचाराधारा से जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के लिए ये ठीक नहीं है। वे मुख्यमंत्री निवास में आयोजित वसुंधरा सम्मान समारोह में बोल रहे थे।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर प्रख्यात पत्रकार विष्णु नागर ने कहा, मेरे 72 साल के जीवन काल में ये पहला अवसर है, जब मैं किसी मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा कर रहा हूं। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा करके वे अपने को गर्वान्वित भी मसहूस नहीं कर रहा हूं। विष्णु नागर देश के नामचीन पत्रकारों में शामिल हैं। नवभारत टाईम्स जैसे अखबार के संपादक रहे। कई राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में उनके नियमित स्तंभ प्रकाशित होते हैं।

नागर के बाद जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बोलने का अवसर आया तो अपने संबोधन के आखिरी में उन्होंने बड़ी विनम्रता से कहा, नागर जी ने कहा कि वे पहली बार किसी मुख्यमंत्री के साथ मंच शेयर कर रहे हैं...मेरे लिए ये बड़े गर्व की बात है कि वे मेरे साथ आज मंच पर हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक साल साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को इस सम्मान से सम्मानित किया जाता है। इस बार लीलाधर मंडलोई को यह सम्मान दिया गया है। मंडलोईजी ने साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। जब मैं पढ़ाई करता था तब मंडलोई जी को रेडियो में बहुत सुनता था। रायपुर आकाशवाणी से प्रसारित उनका कार्यक्रम हम सभी सुनते थे।

उल्लेखनीय है कि वसुंधरा सम्मान स्वर्गीय देवी प्रसाद चौबे की स्मृति में प्रदान किया जाता है। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय देवी प्रसाद चौबे को याद करते हुए कहा कि वे ग्रामीण पत्रकारिता के पुरोधा थे। उन्होंने समाज सुधार के क्षेत्र में बहुत कार्य किया। वे बलि प्रथा के घोर विरोधी थे। उन्होंने अपने गांव के मंदिर में भी बलि प्रथा बंद करा दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विचारों में दृढ़ता होनी चाहिए। विचारों की असहमति इस देश की परंपरा रही है। असहमति के सम्मान की भावना इस देश के कण-कण में है। हमारा देश वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना मानने वाला है। हम सभी को संकीर्णता से बचना चाहिए।

स्वर्गीय देवी प्रसाद चौबे की 46वीं पुण्यतिथि पर आयोजित वसुंधरा सम्मान का यह निरंतर 22वां आयोजन है। इस सम्मान के अंतर्गत मंडलोई को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह तथा सम्मान निधि प्रदान की गई। कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन लोक जागरण की मासिक पत्रिका कृति वसुंधरा एवं चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, पद्मश्री भारती बन्धु, पद्मश्री श्री मदन चौहान, वरिष्ठ साहित्यकार विष्णु नागर एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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