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CG के 55 हजार करोड़ बकाया: केंद्र और राज्य के बीच लेनदेन पर रार, कांग्रेस का आरोप- छत्तीसगढ़ के हिस्से की राशि देकर खैरात नहीं दे रहा केंद्र, सिंधिया बोले...

सांसद सुनील सोनी ने केंद्र सरकार द्वारा साल-दर-साल छत्तीसगढ़ को दी गई राशि का आंकड़ा पेश किया था

CG के 55 हजार करोड़ बकाया: केंद्र और राज्य के बीच लेनदेन पर रार, कांग्रेस का आरोप- छत्तीसगढ़ के हिस्से की राशि देकर खैरात नहीं दे रहा केंद्र, सिंधिया बोले...
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By NPG News

रायपुर, 19 अप्रैल 2022। छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के बीच आर्थिक हिस्सेदारी को लेकर ठन गई है। सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर बकाया राशि का आंकड़ा पेश किया तो भाजपा सांसद सुनील सोनी ने केंद्र सरकार द्वारा साल-दर-साल दी गई राशि का ब्योरा पेश किया। अब कांग्रेस की ओर से यह दावा किया गया है कि छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार द्वारा 55 हजार करोड़ देना बाकी है। जून महीने से जीएसटी क्षतिपूर्ति मिलनी बंद हो जाएगी। इससे 5000 करोड़ की हानि अलग होगी। इस पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार किया है। मीडिया से चर्चा में सिंधिया ने कहा कि जीएसटी और ग्रांट से छत्तीसगढ़ को एक लाख करोड़ मिले हैं। छत्तीसगढ़ को यूपीए सरकार से ज्यादा राशि मोदी सरकार दे रही है। उन्होंने सीएम भूपेश बघेल के साथ आंकड़ों पर बहस करने की चुनौती दी है।

कितनी राशि बकाया है

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार से 55 हजार करोड़ से ज्यादा राशि मिलनी है। इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि 14000 करोड़ है। कोयले की रायल्टी का अतिरिक्त लेवी का 4140 करोड़ बकाया है। सेंट्रल एक्साइज के 13000 करोड़ मिलने हैं। प्रधानमंत्री शहरी आवास का 1500 करोड़ की दो किस्तें बकाया हैं। खाद सब्सिडी का 3631 करोड़ रुपए बाकी है। मनरेगा का भुगतान 9,000 करोड़ बकाया है। मनरेगा तकनीकी सहायता का 350 करोड़ लंबित है। सीआरपीएफ बटालियन पर केंद्र सरकार ने जो राशि खर्च की है, उसका 11 हजार करोड़ काट दिया है। इस तरह 55,121 करोड़ रुपए बाकी है। इस साल से जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद हो जाएगी। इससे राज्य को 5,000 करोड़ रुपए की हानि होगी। अभी सेंट्रल पुल के चावल का हिसाब आना बाकी है। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री संगठन चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा कि राज्यों के हितों की बात होती है, तब भाजपा सांसद कुछ क्यों नहीं बोलते? जब बोलेंगे तो अपनी राजनीति बचाने बोलेंगे।

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