5 दिन का शीतकालीन सत्र दो दिन में इन वजहों से खतम हो सकता है....अनुपूरक और कुछ विधयेक के अलावा और कोई बिजनेस नहीं
रायपुर, 13 दिसंबर 2021। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से प्रारंभ हो गया। आज पहले दिन दिवंगत सदस्यों की श्रद्धांजलि अर्पित की गई। चूकि, सीटिंग विधायक देवव्रत सिंह का भी पिछले महीने निधन हो गया था, इस वजह से आज कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। श्रद्धांजलि के बाद कल तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
आज विधानसभा नहीं चला। सो, पांच दिन में से एक दिन वैसे ही कम हो गया। 17 दिसंबर को सरकार का तीन साल पूरा हो रहा है। उस दिन राजधानी समेत जिलों में भी कई कार्यक्रम रखे गए हैं।
उससे भी महत्वपूर्ण यह है कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए 20 दिसंबर को मतदान है। सो, 18 दिसंबर की शाम प्रचार-प्रसार थम जाएगा। अगर 17 दिसंबर तक सत्र चला तो चुनाव प्रचार में मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि, सत्ताधारी पार्टी के साथ ही विपक्षी नेताओं की चुनावों में ड्यूटी लगाई गई है।
विधानसभा में सबसे अधिक सक्रिय और मुद्दों को उठाने वाले अजय चंद्राकर को बीरगांव का प्रभारी बनाया गया है। अब वे अगर विधानसभा में व्यस्त हो गए तो बीरगांव में मामला गड़बड़ाएगा। उधर, बृजमोहन अग्रवाल को भिलाई का जिम्मा दिया गया है। सत्ताधारी पार्टी के कई मंत्रियों को भी चुनाव की कमान सौंपी गई है। बीरगांव में ही तीन सीनियर मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है। लिहाजा, दोनों पक्षों के लोग चाहेंगे कि सत्र जल्दी खतम हो।
फिर, खबर है कल से विपक्ष आक्रमक रुख अख्तिायार करने वाला है। विपक्ष कल कवर्धा धार्मिक हिंसा पर हंगामा करते हुए सदन स्थगन की मांग करते हुए चर्चा की मांग करेगा। इस वजह से कल भी सदन सुचारु रुप से चले, इस पर भी संशय है। हो सकता है, हंगामे के बीच सरकार कल अनुपूरक बजट पेश कर दे। और 15 दिसंबर को इसे पारित करवा और कुछ विधेयकों को पास करा सदन की कार्यवाही समाप्त कर दी जाए।
मध्यप्रदेश में एक बार शिवराज सरकार ने भी एक सत्र को मात्र डेढ़ दिन में समाप्त कर दिया था।