5 भैंसागाड़ी लेकर जिसे ब्याह लाए, उसी पत्नी से क्यों दूर हुए मुलायम सिंह? जानिए प्रेमिका से दूसरी पत्नी बनी साधना गुप्ता के बारे में
NPG DESK
मुलायम सिंह यादव जब 10 वीं कक्षा में पढ़ते थे तब वे पांच भैंसागाड़ी में बारात लेकर मालती देवी को ब्याह अपने साथ लाए थे, लेकिन फिर नेता जी साधना गुप्ता नाम की सपा कार्यकर्ता के प्रेम पाश में कुछ ऐसे बंधे कि अपनी सुध-बुध ही खो बेठे। हाँ लेकिन परिवार और राजनीतिक गुणा-भाग के चक्कर में वे लंबे समय तक इस रिश्ते को सार्वजनिक रूप से स्वीकार न कर सके। कौन थीं साधना गुप्ता और कैसी रही मुलायम के साथ उनकी प्रेम कहानी, जानते हैं...
मुलायम सिंह यादव जब राजनीति के शिखर पर थे उसी वक्त उनकी जिंदगी में साधना गुप्ता का आगमन हुआ। कहते हैं कि 1982 में जब मुलायम लोकदल के अध्यक्ष बने, उस वक्त साधना पार्टी में एक कार्यकर्ता की हैसियत से काम कर रही थीं। बेहद खूबसूरत साधना पर जब मुलायम की नजर पड़ी तो वह बस उन्हें देखते ही रह गए।
पहले से शादीशुदा थे मुलायम
मुलायम सिंह यादव की पहली शादी घरवालों ने 18 साल की उम्र में ही कर दी थी। मुलायम उस वक्त दसवीं की पढ़ाई कर रहे थे। लोग बताते हैं कि उस वक्त गाड़ी-मोटर का इतना चलन नहीं था इसलिए मुलायम की बरात भैंसागाड़ी में गई थी। मुलायम 5 भैंसागाड़ी लेकर अपनी शादी में पहुंचे थे। मालती देवी और पुत्र अखिलेश के साथ उनका पारिवारिक जीवन अच्छा चल रहा था लेकिन अचानक उनकी ज़िंदगी में साधना गुप्ता की एंट्री हुई और मुलायम भावनाओं के ज्वार को रोक न सके।
साधना भी थीं पहले से शादीशुदा
साधना गुप्ता का जन्म औरैया के बिधुना तहसील में हुआ था। मुलायम सिंह यादव के पहले उनकी पहली शादी 4 जुलाई 1986 को फर्रुखाबाद के चंद्र प्रकाश गुप्ता से हुई थी।इनसे 7 जुलाई 1987 में प्रतीक यादव का जन्म हुआ था।हालांकि साधना गुप्ता की यह शादी सफल नहीं रही औऱ चंद्र प्रकाश के साथ उनके रिश्ते में दूरी बढ़नी शुरु हो गई।आखिरकार कुछ साल बाद दोनों के रास्ते अलग रहने लग गए औऱ साल 1990 में इनका तलाक हो गया।
साधना ने ऐसे जीता मुलायम का दिल
अपनी उम्र से 20 साल छोटी साधना को मुलायम दिल दे बैठे थे। साधना के चंद्र प्रकाश से तलाक के बाद इन दोनों की नजदीकी और बढ़ी। बताया जाता है कि मुलायम की माता मूर्ति देवी एक वक्त पर बेहद बीमार थीं। उस वक्त साधना की वजह से मुलायम की मां मूर्ति देवी की जान बची गई थी।इस बात से मुलायम काफी प्रभावित हुए थे।यही से दोनों एक-दूसरे के नजदीक आए ।
अमर सिंह थे इकलौते राज़दार
80 के दशक में साधना और मुलायम की प्रेम कहानी की भनक अमर सिंह के अलावा और किसी को नहीं थी। 90 के दशक तक बात फैलने लगी, लेकिन मुलायम की नाराजगी के डर से कोई कुछ बोलता नहीं था। 2003 में मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती यादव की मृत्यु के बाद साधना गुप्ता प्रमुखता से उभरीं।
2006 में साधना अमर सिंह से मिलने लगीं और उनसे आग्रह करने लगीं कि वह नेताजी को मनाएं। अमर सिंह नेताजी को साधना गुप्ता और प्रतीक गुप्ता को अपनाने के लिए मनाने लगे। साल 2007 में अमर सिंह ने सार्वजनिक मंच से मुलायम से साधना को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया और इस बार मुलायम उनकी बात मानने के लिए तैयार हो गए लेकिन अखिलेश इसके लिए कतई तैयार नहीं थे।
शादी की आधिकारिक पुष्टि 2007 में हुई जब मुलायम सिंह यादव ने एक हलफनामे में स्वीकार किया कि साधना गुप्ता उनकी पत्नी थीं और प्रतीक यादव उनके बेटे थे।बताया जाता है कि 1994 में प्रतीक यादव के स्कूल फॉर्म में पिता के नाम पर एमएस यादव और पते की जगह मुलायम सिंह यादव के ऑफिस का एड्रेस दिया हुआ था। यह भी कहा जाता है कि साल 2000 में प्रतीक के अभिभावक के रूप में मुलायम का नाम दर्ज हुआ था।
सौतेले बेटे अखिलेश से ऐसे रहे साधना के संबंध
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के पहले सपा की अंदरुनी कलह सार्वजनिक हो गई थी। इस दौरान मुलायम की पत्नी साधना गुप्ता का जिक्र आया था। बताया जाता है कि इस झगड़े के केंद्र में वही थीं और उन्हें तो 'कैकयी' तक बुला दिया गया था। हालांकि साधना ने कहा था कि अखिलेश को वह बड़ा बेटा मानती हैं। अखिलेश को किसी ने गुमराह कर दिया है और वह चाहती हैं कि प्रतीक भी बड़े भाई के नक्शे-कदम पर चले। हालांकि आखिर तक इनके रिश्ते में तनाव बरकरार रहा।
अंततः 9 जुलाई 2022 को मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की मृत्यु हो गई और मुलायम की अनोखी प्रेम कहानी एक दास्तान बन कर दर्ज हो गई।