2005 बैच की तरह PSC 2023 बैच भी विवादों के घेरे में? अधिकारियों और नेताओं के बेटे-बेटियों के डिप्टी कलेक्टर चुने जाने पर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया
रायपुर। पीएससी के नतीजे आने के बाद सोशल मीडिया में जिस तरह तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही है, उससे पीएससी 2005 के कुख्यात बैच की याद ताजा हो जा रही। 2005 बैच के अधिकारी भले ही हरीश साल्वे जैसे देश के शीर्षस्थ वकील को सुप्रीम कोर्ट में खड़े कर हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे करा लिया। मगर उनके खिलाफ धोखाधड़ी और चार सौ बीसी के जो मामले दर्ज है, वे आज भी कायम हैं। ईओडब्लू ने 2005 बैच के सभी चयनित अधिकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इसी विवाद में पीएससी के चेयरमेन अशोक दरबारी सस्पेंड हुए थे। मगर गलत ढंग से चयनित अधिकारियों का बाल बांका नहीं हुआ। जबकि, बिलासपुर हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस ने पूरी नियुक्ति को निरस्त कर दिया था। मगर बाद में इस बैच के अधिकारियों ने हरीश साल्वे जैसे वकील की शरण ली और कामयाबी उनके पक्ष में आई। हालांकि, अभी मामला खतम नहीं हुआ है। मगर भारत का कानून ऐसा ही चलता है। दोषी नौकरी कर रिटायर हो जाता है और फैसला नहीं आ पाता।
2005 बैच की तरह पीएससी 2023 का रिजल्ट आते ही सोशल मीडिया में प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। लोग लिख रहे हैं आखिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि नौकरशाहों और नेताओं के बेटे-बेटियां डिप्टी कलेक्टर सलेक्ट होने लगे। सामाजिक कार्यकर्ता मनजीत कौर बल ने इशारे-इशारे में सब कुछ कह दिया है। अपने फेसबुक वॉल पर उन्होंने आम लोगों के बीच चल रही चर्चाओं को भी कोट किया है, जिसमें कहा जा रहा कि पीएससी के टॉप 20 सीट के लिए 75 लाख रेट चल रहा। उन्होंने सवाल किया है कि इसी तरह नाकाबिल लोग पैसा देकर प्रशासनिक पदों पर नियुक्त होंगे तो राज्य का क्या होगा।
बता दें, डिप्टी कलेक्टरों की सूची में सातवें नंबर पर नीतिश का नाम है। नीतिश के आगे सरनेम गायब है। सिर्फ नाम है। नीतिश को पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी का बेटा बताया जा रहा है। हालांकि, ये संयोग पहली बार नहीं हुआ है। खेलन राम जांगड़े के पीएससी चेयरमैन रहते उनकी बेटी डिप्टी कलेक्टर सलेक्ट हुईं थीं। इस बार राजभवन के सिकरेट्री अमृत खलको के बेटा और बेटी दोनों डिप्टी कलेक्टर सलेक्ट हुए हैं तो आईपीएस ध्रुव की बेटी भी डिप्टी कलेक्टर बनी हैं। एक कांग्रेस नेता की बेटी और दामाद, दोनों डिप्टी कलेक्टर बनने में कामयाब हो गए हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि नौकरशाहों और नेताओं के बेटे-बेटियों को डिप्टी कलेक्टर बनने का हक नहीं है। मगर इन बड़े नामों को देखकर सोशल मीडिया में कमेंट्रस की झड़ी लग गई है।