23 KG सोना, 194 करोड़ कैश, सैकड़ो चाबियां... जानें कौन हैं पीयूष जैन जो आज भी चलते हैं पुराने स्कूटर से

लखनऊ 27 दिसम्बर 2021. चार दिन चली छापेमारी के बाद जीएसटी इंटेलिजेंस ने रविवार को कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया. कन्नौज के छपट्टी मोहल्ले के रहने वाले पीयूष जैन को के बारे में लोगों को कम ही पता है. कन्नौज के लोगों का कहना है कि बेहद असरदार लोगों से संबंध रखने वाले पीयूष कभी भी सार्वजनिक तौर पर सक्रिय नहीं रहे. कन्नौज के हर इत्र कारोबारी का कानपुर में दफ्तर और घर आम बात है. पीयूष जैन ने भी 8-9 साल पहले आनंदपुरी में बंगला खरीदा था. एक्सपोर्ट के लिहाज से मुंबई में भी एक दफ्तर के अलावा परिवार के कुछ सदस्य रहते हैं.
अभी तक जांच अफसरों को सैकड़ों चाबियां मिलीं हैं। 194 करोड़ से ज्यादा कैश, 23 किलो सोना और अरबों की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। बैंक के 10 स्टाफ विजिलेंस टीम की निगरानी में सोमवार की सुबह करीब 10:30 बजे पीयूष जैन के घर पर पहुंचे। उन्हें घर के पिछले हिस्से के रास्ते से अंदर ले जाया गया है। हालांकि रकम कितनी है इसकी तस्वीर गिनती पूरी होने के बाद ही साफ हो सकेगी। पीयूष जैन के घर पहुंचे बैंक के अफसरों से जानकारी की गई तो उन्होंने पहले तो कुछ बताने से इनकार किया। हालांकि अभी तक इस रेड को लेकर अलग अलग फिगर्स सामने आ रही थीं. कोई कुछ कह रहा था तो किसी ने कुछ और रकम बताई।
लेकिन GST इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने इस कन्फ्यूजन को क्लीयर कर दिया. ये बता दिया कि अभी तक की रेड में कानपुर से लकर कन्नौज तक छापेमारी में 194 करोड़ से ज्यादा कैश मिला. इसमें 177 करोड़ रुपए कानपुर से, जबकि 17 करोड़ कन्नौज से बरामद हुए. इसके अलावा 23 किलो सोना मिला है, जिसकी कीमत 11 करोड़ रुपए हैं और इसके साथ ही 6 करोड़ की कीमत का चंदन ऑयल मिला है. कुल मिलाकर अभी तक 211 करोड़ से ज्यादा की बरामदगी हुई है. इसे GST और इनकम टैक्स विभाग ने जब्त कर लिया है.
छापों में नकदी और गोल्ड के साथ बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी के भी दस्तावेज मिलने शुरू हो गए हैं। इनमें लगभग सभी संपत्तियां सर्वाधिक पॉश इलाकों में खरीदी गई हैं।
कन्नौज में पीयूष के घरों की दीवारें सोना उगल रही हैं जबकि जमीन से कैश के बंडल निकल रहे हैं। छिपट्टी स्थित उनके तिलिस्मी मकान में रविवार शाम तक 23 किलो सोना मिल चुका था। इसे लैपटॉप बैग से कुछ बड़े बीस बैगों में सीज किया गया है। नौ बोरों में नकदी भरी मिली। 50 से ज्यादा झोलों में डीजीजीआई अफसरों ने 350 फाइलें और 2700 दस्तावेजों को भरा है।
डीजीजीआई अफसरों को कन्नौज स्थित परिसरों से सैकड़ो चाबियां मिली हैं। ताले खोलने में विजिलेंस टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पहले चार घंटे तक चाबियों को लगाया गया लेकिन असफल रहने पर एक दर्जन कारीगरों को बुलाकर ताला तोड़ने में मदद ली गई। कारीगरों को अलग-अलग जगहों से लाया गया। जिनके ताले नहीं टूटे, उन्हें कटर से कटवाया गया।
पीयूष जैन के किलेनुमा घर की दीवारों को तोड़ने और जमीन की खुदाई में जांच टीम को बड़ी सफलता मिली। यही वजह है कि दो दिन से परिसरों को लगातार तोड़ा जा रहा है। अब तहखाने, दीवारें, चैंबर के नीचे गुप्त खजाने की खोज की जा रही है। टीम को अंदेशा है कि दीवारों के बीच या जमीन के नीचे तिजोरियां हैं। टीम के सूत्रों के मुताबिक कि यही हाल रहा तो पूरा घर खोदना पड़ेगा। इसे देखते हुए एक्सरे मशीन मंगाई है। साथ ही जमीन व दीवारों के पीछे कीमती चीजें खोजने के लिए पुरातत्व विशेषज्ञों की टीम की भी मदद मांगी गई है।
कौन हैं पीयूष जैन?
पीयूष जैन मूलरूप से कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ले का रहने वाला है. वो कन्नौज में आज भी अपने पुराने स्कूटर से चलते हैं. उनके कन्नौज के घर में एक पुरानी क्वालिस और एक मारुति कार है. वो बहुत ही साधारण आम आदमी की तरह रहते हैं और मोहल्ले में भी किसी से ज्यादा बात नहीं करते हैं. लोगों के मुताबिक, पीयूष के पिता महेश चंद्र जैन पेशे से केमिस्ट हैं. महेश से ही उनके बेटों पीयूष और अंबरीष ने इत्र और खाने-पीने की चीजों में मिलाए जाने वाले एसेंस बनाने का तरीका सीखा.
15 सालों में तेजी से फैलाया कारोबार
पिछले 15 सालों में पीयूष ने अपने कारोबार को तेजी से फैलाया. अब कानपुर से लेकर मुंबई और गुजरात में भी उसका कारोबार है. कारोबार बढ़ा तो आसपास के 2 मकानों को खरीदकर पीयूष ने अपना आलीशान मकान बनवाया. पीयूष का घर कुछ इस तरह से बना है कि करीब 700 वर्ग गज के मकान में दूसरे मकानों से बालकनी के अलावा कुछ नहीं दिखता. हालांकि मकान में पीयूष के पिता महेश चंद्र जैन और उनका स्टाफ रहता है. पीयूष और उनका भाई अंबरीष यहां अक्सर आते-जाते रहते हैं.
