EXCLUSIVE स्टिंग : बेल दिलाने का ठेका लेकर पुलिस ने बनवाया फर्जी कोरोना रिपोर्ट …..जज के आदेश के बाद इस तरह हुआ साजिश का खुलासा….पढ़िये ये हैरान करने वाली खबर

कोरबा 22 मई 2021। …वाकई में कमाल की भर्राशाही मची है….शराब के सौदागारों से कांस्टेबल ने पहले केस के नाम पर तो पैसे वसूले ही….फिर दो कदम आगे बढ़कर कोर्ट से बेल दिलाने का भी ठेका ले लिया। कांस्टेबल ने दो आरोपियों को जमानत दिलाने के लिए जो खेल खेला, उसे जानकर अब स्वास्थ्य विभाग से लेकर पुलिस महकमे तक के हाथ पांव फूल गये हैं। मामला कोरबा का है, जहां जवानों ने आरोपियों को जेल जाने से बचाने के लिए कोर्ट तक को अंधेरे में रख दिया। कांस्टेबलों ने आरोपियों की फर्जी कोविड पाॅजिटिव रिपोर्ट बनवाकर कोर्ट में पेश कर दिया गया…लेकिन जज ने आरोपियों को बेल देने के बजाय कोविड हॉस्पीटल भेजने का आदेश दे दिये। इस आदेश के बाद जब मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस और स्वास्थ विभाग दोनों सकते में आ गया।
दरअसल पूरा मामला कोतवाली थाना के मानिकपुर पुलिस सहायता केंद्र का है। यहां 21 मई की दोपहर करीब साढ़े 11 बजे पुलिस केे जवानों ने बाईक में शराब लेकर जा रहे दो शख्स को गिरफ्तार किया गया। लहुरा यादव और मुकेश सोनी नामक शख्स के पास से करीब 47 लीटर कच्ची शराब जब्त करने के बाद कांस्टेबल उन्हें मानिकपुर पुलिस चौकी लेकर पहुंचे। यहां आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर न्यायालय में पेश करने की तैयारी की गयी। तभी मानिकपुर चौकी में पदस्थ त्रिपाठी और योगेश नाम के पुलिस जवानों ने आरोपियों को जेल जाने से बचा लेने का ठेका मांग लिया।
दोनों जवान आरोपियों को न्यायालय में पेश करने से पहले जिला अस्पताल में कोविड जांच के लिए लेकर गये, जहां दोनों आरोपियों की कोविड जांच कराये बगैर ही कोविड पाॅजिटिव की रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर दी गयी। जवानों ने साजिश थी कि कोविड रिपोर्ट पॉजेटिव बताकर दोनों आरोपियों को बेल दिला दी जायेगी, लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अंजली सिंह ने दोनो आरोपियों का जेल वारंट जारी कर कोविड का चिकित्सकीय ईलाज कराने का निर्देश दिया गया। फिर क्या था न्यायालय के इस आदेश के बाद दोनों आरोपियों को सीपेट कोविड केयर सेंटर में पुलिस अभिरक्षा में भर्ती करा दिया गया। जहां फर्जी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट बनाने का खुलासा होने के बाद अब पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
वही जिला स्वास्थ विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। आखिर किनके संरक्षण में जिला अस्पताल के कोविड जांच केंद्र से फर्जी तरीके से बगैर जांच कराये कोविड पाॅजिटिव और निगेटिव की रिपोर्ट दिये जा रहे है, ये जांच का विषय है। इधर एसपी अभिषेक मीणा ने इस मामले में जांच की बात कही है। उन्होंने कहा है कि इस प्रकरण की जांच करायी जायेगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का जायेगी, साथ ही उनलोगों पर भी कार्रवाई होगी, जो इस तरह से फर्जी कोविड रिपोर्ट दे रहे हैं।
– आरोपियों का कोविड जांच हुआ ही नहीं, बना लिया फर्जी रिपोर्ट।
आबकारी एक्ट में पकड़ाये लहुरा यादव और मुकेश सोनी के नाम से जो कोविड पाॅजिटिव की रिपोर्ट न्यायालय में पेश किया गया, वह रिपोर्ट वास्तव में फर्जी तरीके से जनरेट कर लिये जाने की जानकारी सामने आ रही है। एनपीजी की टीम ने जब जिला अस्पताल के वातसल्य सैम्पलिंग सेंटर में जाकर जब हकीकत जाननी चाही तो पता चला कि आरोपी लहुरा यादव की रिपोर्ट में जो डी.एच.आईडी 42959 जनरेट किया गया है, वो वास्तव में दर्री निलगिरी बस्ती में रहने वाली अनिता साहू की सेम्पलिंग का जनरेटेड डीएच कोड है, जो कि नेगेटिव है, ठीक इसी तरह आरोपी मुकेश सोनी का डी.एच.आईडी 42963 वास्तव में रामकुमार श्रीवास नाम के शख्स का है, जो कि जांच केंद्र के रिकॉर्ड में नेगेटिव दर्ज किया गया है। कोविड जांच केंद्र की रिपोर्ट की माने तो 21 मई कुल 139 लोगों का वात्सलय केंद्र में और जिला अस्पताल में भर्ती 12 मरीजों का कोविड जांच किया गया, लेकिन इस सभी जांच कराने वाले लोगों में आरोपी मुकेश सोनी और लहुरा यादव का नाम ही नही है। कुल मिलाकर आरोपियों की जांच कराये बगैर ही फर्जी तरीके से कोविड पाॅजिटिव की रिपोर्ट जनरेट कर पुलिस जवानों ने न्यायालय में पेश कर दिया।
– कोर्ट से बेल दिलाने के नाम पर लिये थे 60 हजार रूपये
आरोपी मुकेश सोनी और लहुरा यादव को न्यायालय के आदेश के बाद सीपेट कोविड केयर सेंटर में भर्ती करा दिया गया है। आरोपी लहुरा यादव और मुकेश सोनी से उनके मोबाईल नंबर पर चर्चा कर हकीकत जाननी चाही, तो उन्होने बताया कि त्रिपाठी और योगेश नामक पुलिस जवानो ने उन्हे कोरोना पाॅजिटिव रिपोर्ट पेश करने पर न्यायालय से बेल मिलने का आश्वासन दिया था। इसके लिए बकायदा 60 हजार रूपये भी उनके भाईयों ने दिये थे। जिला अस्पतला में उन्हे ले जाया गया, लेकिन वहां उन्हे गाड़ी से उतारा ही नही गया और कोरोना जांच कराये बगैर ही पुलिस जवानों ने करीब एक घंटे के भीतर कोविड पाॅजिटिव की रिपोर्ट बनवाकर कोर्ट में पेश कर दिया। लेकिन कोर्ट से उन्हे बेल नही मिला। बातचीत में उन्होने यहां तक कह दिया कि वो पहले ही स्वस्थ थे, लेकिन कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराए जाने के बाद अब उन्हे कोरोना संक्रमित होने का काफी खतरा है।