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मिसाल : लॉकडाउन में बेजुबानों के लिए फरिश्ता है चरणजीत का परिवार……पिछले एक साल से हर दिन सैकड़ों स्ट्रीट डॉग्स व बेजुबानों को खाना बनाकर बांटता है ये परिवार…..कईयों के लिए बन चुका है आईडल

मिसाल : लॉकडाउन में बेजुबानों के लिए फरिश्ता है चरणजीत का परिवार……पिछले एक साल से हर दिन सैकड़ों स्ट्रीट डॉग्स व बेजुबानों को खाना बनाकर बांटता है ये परिवार…..कईयों के लिए बन चुका है आईडल
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By NPG News

दुर्ग 7 अप्रैल 2021। कोरोना की भीषण त्रासदी में चरणजीत सिंह का पूरा परिवार बेजुबानों के लिए फरिश्ता बन गया है। लॉकडाउन के जिस दौर में इंसान खुद के भूख की फिक्र में बैचेन है, ये परिवार खुद के भूख-प्यास की फिक्र छोड़ बेजुबानों को खाना परोस रहा है। ये सिलसिला कोई आज का नहीं है, बल्कि पिछले लॉकडाउन से शुरू हुआ ये नेक काम इस लॉकडाउन में भी चरणजीत सिंह का पूरा परिवार बखूबी निभा रहा है। कमाल की बात ये है कि चरणजीत सिंह के परिवार के 5 सदस्य इस अनूठे काम में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।

चरणजीत सिंह और मणजीत कौर बेजुबान जानवरों के लिए खाना इक्टठा करते हैं, बड़ा बेटा मनिंदर स्वान के लिए खाना बनाता है और फिर भाई हरदीप सिंह और बहन गुरप्रीत अपनी स्कूटी में उस खाने को लेकर स्ट्रीट डॉग्स की तलाश में निकलते हैं और फिर करीब 5-10 किलोमीटर घूम-घूमकर जगह-जगह पर स्ट्रीट डॉग्स को खाना परोसते हैं।

ऐसे हुई स्ट्रीट डॉग्स को खाना खिलाने की शुरुआत

गुरप्रीत बताती है कि पिछली बार जब लॉकडाउन लगा था, तब हम सभी घर में ही थे। दुकानें बंद थी, बाजार भी महीनों तक खुले थे, इस दौरान हमने कई जानवरों को भूख-प्यास से तड़पते हुए देखा। तभी से मेरे पापा चरणजीत और मां मनजीत ने स्ट्रीट डाग्स को खाना देने के लिए हमें प्रेरित किया। पहले दो चार गाय, कुत्तों को खिलाने का सिलसिला शुरू हुआ और फिर देखते ही देखते करीब एक साल गुजर गये हैं और हम सब बिना एक दिन भी गंवाये हुए स्ट्रीट डाग्स, गाय और अन्य घुमंतु जानवरों के लिए भोजन तैयार करते हैं और फिर रात में घूम-घूमकर उन्हें बांटते हैं। आज हम करीब हर दिन 200-300 स्ट्रीट डॉग व अन्य जानवरों को खाना खिलाते हैं।

हर महीने 5 क्विंटल चावल का तैयार होता है खाना

गुरप्रीत कौर का कहना है कि स्ट्रीट डॉग्स के भोजन के लिए हर महीने 500 किलो चावल, 60 किलो बड़ी, 40 किलो डॉग फूड, 400 अंडे लगती है। यही नहीं गायों के लिए हरा चारा और सब्जियां बांटी जाती है। गुरप्रीत कहती है हर शाम 6 बजे से खाना बनाना चालू करते हैं और रात 9 बजे से खाना बांटने। इस दौरान कुछ स्वान घायल भी मिलते हैं, जिसका उपचार भी किया जाता है। इनकी सेवा देखते हुए और भी लोग इनके साथ जुड़ते जा रहे हैं और अपनी तरफ से राशन सामग्री,.दवा और खाना खिलाने में सहायता करते हैं।

अब तो मिसाल बन गया ये पूरा परिवार

चरणजीत सिंह के परिवार की बेजुबानों के प्रति समर्पण और सेवा के भाव ने कईयों को मुरीद बना दिया है। अब तक कई लोगों ने इस परिवार से सीख लेकर बेजुबानों को खाना परोसने की शुरुआत की है। हरदीप सिंह का कहना है कि उनके मामा जी अजय सिंह राजपूत और रणवीर सिंह राजपूत ने प्रेरित होकर पंडरी रायपुर में पशुओं को खाना खिला रहे हैं। ये परिवार चाहता है कि और भी लोग इस तरह से आगे आयें और जानवरों की मदद करें।

स्ट्रीट डाग्स भी करते हैं गुरप्रीत का इंतजार

पिछले एक साल से हर दिन इन बेजुबानों को घर का बना हुआ खाना मिल रहा है। कभी अंडा तो कभी डॉग फुड, कभी चावल-रोट तो कभी सब्जी भी…अब ये जानवर भी गुरप्रीत और हरदीप को खूब पहचानने लगा है। स्कूटी की आवाज सुनकर ही स्ट्रीट डाग्स खाने के इंतजार में खड़े हो जाते हैं।

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