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Three Things That Can Make Life Better: ये तीन चीजें यदि आपके पास हों तो धरती पर ही स्वर्ग है, जानिए क्या...

Three Things That Can Make Life Better: ये तीन चीजें यदि आपके पास हों तो धरती पर ही स्वर्ग है, जानिए क्या...

Three Things That Can Make Life Better: ये तीन चीजें यदि आपके पास हों तो धरती पर ही स्वर्ग है, जानिए क्या...
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By Divya Singh

Three Things That Can Make Life Better: जीवन कभी किसी के लिए सरल नहीं रहा। किसी न किसी तरह की समस्या हर किसी के जीवन में है। किसी के पास पैसों की कमी है तो कोई पर्याप्त पैसा होते हुए भी हेल्थ प्राॅब्लम्स से बाहर नहीं निकल पा रहा है। किसी के जीवन में सपोर्टिव साथी का अभाव है तो कोई अपनी संतानों से परेशान है जो न उसकी बात सुनती हैं, न लाख समझाने पर सही रास्ते पर चलती हैं। ऐसे में जीवन खुशनुमा होने की संभावना ही नहीं रहती।किस्मत का धनी तो वही इंसान है जिसके पास जीवन में तीन खास चीज़ें हों। तो कौन सी हैं ये तीन खास चीज़ें? आइए जानते हैं...।

पहला सुख - अच्छी पत्नी

रिश्ते हमारे जीवन की आधारशिला होते हैं। और रिश्तो में भी सबसे नजदीकी रिश्ता होता है पति और पत्नी का रिश्ता। आखिर परिवार की शुरुआत यही दोनों तो करते हैं। और परिवार बनने के बाद जब दोनों के रिश्ते में प्रेम के साथ-साथ अच्छा सामंजस्य, सहानुभूति, विश्वास और सहयोग जैसे तत्व भी हों तो जीवन स्वर्ग बन जाता है। अल्हड़ युवक से पति में तब्दील हुए पुरुष में ये खूबियां जोड़ती है एक अच्छी पत्नी। क्योंकि प्रकृति ने ही उसे इन खूबियों से नवाज़ा है। वह प्यार करती है और सबके जीवन में प्यार भरती है।

घर को परिवार बनाती है पत्नी

पुरुष घर बना सकता है लेकिन उस घर को परिवार तो पत्नी ही बनाती है। वह सबकी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखती है। उसका परिवार सुखी रहे, इस बात की खूब चिंता करती है। जब उसकी गोदी में नन्हे बच्चे आते हैं तो उन्होंने फूल की तरह संभालती है। बच्चों की परवरिश करना, उन्हें अच्छे संस्कार देना ये सब तो वह अपना कर्तव्य मानकर बस करती चली जाती है। हंसता-खेलता अपना परिवार देखकर खुद पूर्ण सुख से भर जाती है।

पति की ताकत बनती है पत्नी

दिन हमेशा एक से नहीं रहते। सबकी जिंदगी में अप एंड डाउंस आते रहते हैं। अच्छी पत्नी अच्छे दिनों का पति के साथ आनंद उठाती है तो बुरे दिनों में पति की ताकत भी बनती है। वह उसका सपोर्ट करती है और जीवन की चुनौतियों से दो-चार होने के लिए हौसला भी बढ़ाती है। कभी पति भटकने लग जाए तो वह उसे सही रास्ते पर लाने के लिए सही सलाह भी देती है।

बातचीत से अनबन सुलझाती है पत्नी

ऐसा कोई रिश्ता नहीं, जिसमें कभी अनबन ना हो लेकिन अगर पत्नी समझदार हो तो वह अनबन को सुलझाने की पूरी कोशिश करती है। लड़ाई -मतभेद न हों तब भी जीवन अपूर्ण हैं। ऐसी परिस्थिति जब भी घर-परिवार में आए तो अच्छी पत्नी अपनी समझदारी दिखाते हुए विवादों को निपटाने की कोशिश ज़रूर करती है।

परिवार होता है उसके लिए सर्वोपरि

एक अच्छी पत्नी के लिए परिवार हमेशा सर्वोपरि होता है और वह पूरी कोशिश करती है कि उसके परिवार का एक-एक सदस्य खुश और संतुष्ट हो। बहुत कोशिशें कर के समायोजन बिठा कर सबके लिए समय भी निकालती है। परिवार के लिए आनंद के पल जुटाती है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने का गौरव सचिन तेंदुलकर के हिस्से आया इसका एक बड़ा कारण उनकी पत्नी अंजलि तेंदुलकर भी हैं। जिन्होंने खुद डाॅक्टर होने के बावजूद लो प्रोफाइल जीवन जिया और अपना पूरा समय अपने परिवार को दिया जिससे सचिन घर और बच्चों की तरफ से निश्चिंत होकर दुनिया भर में नाम कमा सके।

रोमांस का भी समझती है महत्व

एक अच्छी पत्नी शादीशुदा रिश्ते में रोमांस का भी महत्व समझती है। वह अपने पति के साथ क्वालिटी टाइम बिताती है और प्रेमपूर्ण पलों से जीवन में आनंद घोलती है। वह पति बेहद किस्मत वाला है जिसके पास एक समझदार और सहयोगी पत्नी है।

दूसरा सुख - संस्कारी संतान

परिवार को संतान सुख मिले यह ऊपरवाले की इनायत है लेकिन संतान से सुख मिले, इसकी पृष्ठभूमि माता-पिता को मिलकर तैयार करनी होती है। बच्चे में अच्छे संस्कार के बीज बोना माता-पिता की जिम्मेदारी है। बचपन ही वह समय है जब माता-पिता नन्हे बच्चे को इन गुणों से युक्त एक अच्छा इंसान बना सकते हैं।

वह बड़ों की बात माने

अच्छे बच्चे का सबसे बड़ा गुण यह है कि वह अपने से बड़ों की बात माने और उनका सम्मान करें। बड़ों का अनादर करने वाला बच्चा कभी अच्छा नहीं लगता। दूसरी तरफ जो बच्चा बड़ों से तहज़ीब से पेश आता है और उनकी बात अदब से मानता है, वह दिल जीत देता है।

गलतियां स्वीकारे और सुधारे

गलतियां सभी से होती हैं। बच्चों से तो फिर कुछ ज्यादा ही होती हैं। लेकिन बच्चा ऐसा हो जो उन गलतियों को स्वीकार कर ले, न कि झूठ बोलकर छिपाए। और खासकर जो बच्चा अपनी गलतियां न दोहराए वो माता-पिता का दिल सुख से भर देता है।

कलह न करे

बड़े होते कुछ बच्चे जब घर की अशांति का कारण बन जाते हैं, बात-बात पर घर में कलह करते हैं तो जीवन नर्क बन जाता है। बड़ों से कुतर्क करने वाले और गलत रास्ते पर चलने वाले बच्चों से माता-पिता बड़े दुखी हो जाते हैं।

सहारा बने

वे बच्चे जो खुद बड़े होकर बुजुर्ग मां-बाप का सहारा बनें, वही बच्चे संस्कारी बच्चे हैं। यदि वे अशक्त माता पिता का साथ छोड़ दें, उनसे उन्हीं की जीवन भर की कमाई छीन लें और उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने को छोड़ दें, ऐसे बच्चों का क्या लाभ? ये पुरानी उक्ति तो आपने भी सुनी होगी "पूत सपूत तो क्यों धन संचय, पूत कपूत तो क्यों धन संचय।" यही तो वह कारण है जिसके चलते रेमंड समूह के संस्थापक विजयपत सिंघानिया को आज किराये के घर में रहना पड़ रहा है। यह मामला पिछले दिनों काफी सुर्खियों में रहा था और काफी खेदजनक भी है।

तीसरा सुख-अच्छा स्वास्थ्य

कहते हैं एक तंदरुस्ती, हज़ार नियामत। अगर आप स्वस्थ हैं तो हर खुशी आपकी मुट्ठी में है। आपका अच्छा स्वास्थ्य आपके चेहरे पर झलकता है। आपकी ताकत बनता है। आप कठिन दौर का सामना भी डट कर सकते हैं। वहीं अगर आपका शरीर बीमारियों का घर है तो आप चाह कर भी खुश नहीं रह सकते फिर चाहे आपके पास कितना ही धन क्यों न हो। पिछले कुछ सालों में देखते ही देखते इरफ़ान खान से लेकर सिद्धार्थ शुक्ला जैसे कम उम्र के सितारे भी बीमारियों के चलते दुनिया से रुख़सत हो गए जिनके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी। इसलिए वे लोग भाग्यशाली हैं जिनका स्वास्थ्य अच्छा है।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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