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Saif Ali Khan: बॉलिवुड अभिनेता सैफ अली खान 5000 हजार करोड़ की संपत्ति होते हुए भी इसके मालिक क्यों नहीं हैं?...

Saif Ali Khan: बॉलिवुड अभिनेता सैफ अली खान 5000 हजार करोड़ की संपत्ति होते हुए भी इसके मालिक क्यों नहीं हैं?...
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By Gopal Rao

सैफ अली खान की पैतृक संपत्ति सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं, हरियाणा और दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में भी फैली है। भोपाल में ही सैफ अली खान की प्रॉपर्टी 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा की है। लेकिन इसे लेकर विवाद चल रहा है।

दरअसल, भोपाल के आखिरी नवाब और सैफ के परदादा हमीदुल्ला खान की पूरी चल-अचल जायदाद शत्रु संपत्ति की जद में आ चुकी है। सरकार ने दिसंबर 2016 एनिमी प्रॉपर्टी प्रोटेक्शन एंड रजिस्ट्रेशन एक्ट में अमेंडमेंट के लिए पांचवीं बार ऑर्डिनेंस लाई थी। उसके बाद उनकी संपत्ति इसके जद में आ गई।

शुरू से विवादों में है प्रॉपर्टी

नवाब पटौदी की प्रॉपर्टी शुरू से ही विवादों में हैं। भोपाल में उनकी ज्यादातर जमीन-जायदाद शत्रु संपत्ति की जद में आ चुकी है। गृह मंत्रालय का शत्रु संपत्ति विभाग इस प्रॉपर्टी की जांच कर रहा है। भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान ने जायदाद का वारिस अपनी बड़ी बेटी आबिदा को बनाया था, जो पाकिस्तान चली गई थीं। जिसके बाद इस प्रॉपर्टी पर मंझली बेटी साजिदा सुल्तान के परिवार का कब्जा हो गया, जिनके पोते हैं सैफ अली खान, यानी हमीदुल्ला के पड़पोते।

सैफ से मांगी थी जानकारी

बीते दिनों शत्रु संपत्ति विभाग ने सैफ से पूछा था कि उनके परदादा की संपत्ति कहां-कहां हैं? भोपाल जिला प्रशासन ने उसके बाद नवाब के परिवार की भोपाल में स्थित पूरी संपत्ति का ब्यौरा तैयार कर लिया था। अब शत्रु संपत्ति विभाग यह पता करने की तैयारी कर रहा है कि इस प्रॉपर्टी की मौजूदा स्थिति क्या है और इसका मालिकाना हक किसके पास है। इस पर सर्वे जारी है।

कानूनी लड़ाई अभी भी है जारी

इतिहासकार के जानकार बताते हैं कि साजिदा सुल्तान ने नवाब हमीदुल्ला खां की प्रॉपर्टी को नवाब पटौदी के नाम नहीं किया था। हालांकि बेटा होने के कारण पटौदी ही इसकी देखरेख कर रहे थे। पटौदी के निधन के बाद उनकी बहनें सबीहा और सालेहा इस पर अपना हक जता रही हैं। मामला अभी भी कानूनी लड़ाई में फंसा है।

ये है विवाद की वजह

दरअसल, इस संपत्ति पर विवाद इसलिए है कि भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान थे। उनका कोई बेटा नहीं था, सिर्फ दो बेटियां थीं। बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान और छोटी बेटी साजिदा सुल्तान। रियासतों की नीति के अनुसार उत्तराधिकार बड़ी संतान को ही मिलता था। इस अनुसार इस प्रॉपर्टी की उत्तराधिकारी आबिदा होतीं। लेकिन वह पाकिस्तान में जाकर बस गईं। 1960 में नवाब का निधन हो गया। उनकी छोटी बेटी साजिद इस संपत्ति की वारिस हो गईं। साजिदा सैफ अली खान की दादी थीं। शत्रु संपत्ति अधिनियम आने के बाद इन संपत्तियों पर विवाद खड़ा हो गया।

फरवरी 2019 को मिला नोटिस

वहीं, संपत्ति पर चल रहे विवाद को लेकर अभी सर्वे जारी है। भोपाल के अलावे सीहोर और रायसेन में भी पटौती खानदान की संपत्ति है। लेकिन सरकार से इसकी जानकारी छुपाई गई। इसके बाद प्रशासन ने सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर और सैफी की दोनों बहनों को नोटिस भेजा। साथ ही परिवार से पूरी जानकारी मांगी है।

सैफ की बड़ी बहन देखती हैं प्रॉपर्टी

नवाब पटौदी के निधन के बाद प्रॉपर्टी की मालकिन शर्मिला टैगोर हैं। उनकी छोटी बेटी सबा अली जो कि फैशन डिजाइनर हैं। वहीं, इन संपत्तियों का देखभाल करती हैं। नवाब की भोपाल, रायसेन, सीहोर जिलों में सैकड़ों एकड़ जमीन है। भोपाल नवाब खानदान के पास अभी भी 2700 एकड़ जमीन है। कई पर अभी मुकदमें चल रहे हैं, तो कई परिवार के कब्जे में हैं।

चिकलोद कोठी है पटौदी की शान

नवाब की शिकारगाह होने के साथ ही चिकलोद कोठी इसलिए भी खास थी कि यहां देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू रुकना पसंद करते थे। चारों तरफ जंगल और कोठी के बगल में तालाब उन्हें बेहद पसंद था। भोपाल के नवाब भी यहां शिकार खेलने आते थे। यहां से सटे जंगलों में वे शिकार खेलने के लिए जाते थे। पं.नेहरू यहां प्रोटोकॉल तोड़कर यहां आ जाते थे। वे भोपाल नवाब हमीदुल्ला खां की पत्नी मैमूना सुल्तान के कहने पर अक्सर यहां रुकते थे। वैसे उन्हें राजभवन में रुकने की सलाह दी जाती थी, लेकिन उन्हें यहां की आबोहवा ज्यादा रास आती थी। पं. नेहरू के यहां अक्सर चले आने पर मप्र के राज्यपाल एच. विनायक पाटस्कर भी एक बार भड़क गए थे।

तैमूर को नहीं मिलेगा कुछ

वहीं, तैमूर अली खान के जन्म के बाद कहा गया था कि 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति के वारिस वो होंगे। लेकिन शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत तैमूर अली खान को इस संपत्ति की फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं होगी। हालांकि अभी इस विवाद पर कोई फैसला नहीं आया है।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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