मुंबई I बॉलीवुड में इन दिनों काफी कुछ हो रहा है। बॉलीवुड बायकॉट से लेकर ट्विटर पर स्टार्स को ट्रोल करने का ट्रेंड छाया हुआ है । बी- टाउन में लगता है अभी कुछ भी ठीक नहीं है। ऐसे में एक और कंट्रोवर्शी सामने आई है। अक्षय कुमार की अपकमिंग फिल्म राम सेतु विवाद में घिर गई है। एक्शन एडवेंचर फिल्म राम सेतु में अक्षय एक आर्कियोलॉजिस्ट की भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म की कहानी आर्कियोलॉजिस्ट राम सेतु के मिथर या वास्तविकता का प्रमाण ढूंढता है। बीजेपी सासंद सुब्रमण्यम स्वामी ने राम सेतु से जुड़े लोगों को लीगल नोटिस भेजा है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...
दरअसल, अपने ट्वीट में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'मुंबई सिनेमा (या कहें पान की मां) वाले लोगों को मिथ्याकरण और दुर्विनियोजन की बुरी आदत है. इसलिए उन्हें बौद्धिक संपदा अधिकार सिखाने के लिए, मैंने सत्य सभरवाल एड के माध्यम से सिने अभिनेता अक्षय कुमार (भाटिया) और उनके 8 अन्य लोगों को राम सेतु गाथा को विकृत करने के लिए कानूनी नोटिस जारी किया है.' अपने एक दूसरे ट्वीट में बीजेपी नेता ने कहा, 'यह हास्यजनक है कि 'राम सेतु' पवित्र कथा को गढ़ने के लिए 'सिन ए मा' अभिनेता और साथियों को कानूनी नोटिस भेजने पर 0 से 25 अनुयायियों के साथ ट्वीट किया जाता है. श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम और विष्णु अवतार हैं. राम के सीता के प्रति प्रेम को कलंकित नहीं किया जा सकता.
Mumbai cinema [or is it sin-e-ma] wallas have a bad habit of falsifying and misappropriation. Hence to teach them Intellectual Property Rights, I have through Satya Sabharwal Adv issued Legal Notice to Cine Actor Akshay Kumar(Bhatia) and his 8 others for distorting Ram Setu saga.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 28, 2022
सुब्रमण्यम स्वामी के वकील सत्य सबरवाल ने कानूनी नोटिस में कहा, 'मेरे मुवक्किल ने 2007 में 'राम सेतु' के संरक्षण और सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सफलतापूर्वक तर्क दिया था और भारत सरकार के सेतुसमुद्रम शिप चैनल प्रोजेक्ट का विरोध किया था, जिसमें 'राम सेतु' को तोड़ने की परिकल्पना की गई थी. 'राम सेतु' हिंदुओं द्वारा पवित्र माना जाता है. 31 अगस्त, 2007 को सर्वोच्च न्यायालय ने राम सेतु को गिराने या क्षतिग्रस्त करने की किसी भी योजना के खिलाफ स्थगन आदेश पारित करने की कृपा की. यह इस आधार पर था कि आस्था और पूजा एक संवैधानिक अनिवार्यता है.