Poonam Pandey News: मुझे मार डालो, मुझे सूली पर... इस आलोचना का शिकार हुई एक्ट्रेस का सामने आया चौंकने वाला बयान, जानिए...
मुझे मार डालो, मुझे सूली पर... इस आलोचना का शिकार हुई एक्ट्रेस का सामने आया चौंकने वाला बयान, जानिए...
Poonam Pandey News: मुंबई। सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरुक करने के लिए अपनी 'मौत' की फर्जी खबर फैलाने को लेकर आलोचना का शिकार हो रही मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांडे ने एक बार फिर इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है और कहा, "मुझे मार डालो, मुझे सूली पर चढ़ा दो, मुझसे नफरत करो, लेकिन, जिसे तुम प्यार करते हो, उसे बचाओ।"
श्बांग नाम की मार्केटिंग एजेंसी, जो पांडे के साथ मिलकर इस अभियान को चला रही थी, ने भी माफी जारी करते हुए कहा, "हां, हम हाउटरफ्लाई के साथ मिलकर सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए पूनम पांडे की पहल में शामिल थे।" "शुरुआत करने के लिए हम दिल से माफी मांगना चाहेंगे। विशेष रूप से उन लोगों के प्रति जो किसी भी प्रकार के कैंसर की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं या उनके प्रियजन कर रहे हैं।" हाउटरफ्लाई एक लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट पोर्टल है, जो मिलेनियल विमेन को लक्षित करता है। नाटकीय घोषणा को समझाते हुए, जिसे कई लोगों ने सस्ते पीआर स्टंट के रूप में देखा, पांडे की एजेंसी द्वारा जारी बयान में कहा गया, "हमारा एक्शन एकमात्र मिशन था कि सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरुकता बढ़ाना। साल 2022 में भारत में 1,23,907 सर्वाइकल कैंसर के केस और 77,348 मौतें दर्ज की गई।''
"ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर भारत में मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं को प्रभावित करने वाली दूसरी सबसे ज्यादा घातक बीमारी है। आप में से बहुत से लोग अनजान हो सकते हैं, लेकिन, पूनम की अपनी मां ने कैंसर से बहादुरी से लड़ाई लड़ी है।" "इतने करीब से इसे देखने और पर्सनल लाइफ में इस तरह की बीमारी से लड़ने की चुनौतियों से गुजरने के बाद पूनम रोकथाम के महत्व और जागरुकता की गंभीरता को समझती हैं। खासकर जब वैक्सीन मौजूद हो।" यह दावा करते हुए निष्कर्ष निकाला गया, "इस देश के इतिहास में यह पहली बार है कि 'सर्वाइकल कैंसर' शब्द 1,000 से ज्यादा हेडलाइन में है।" यह दोहराते हुए कि इस पहल के कारण जिन लोगों को ठेस पहुंची है, उनसे वह माफी मांगती है, एजेंसी ने कहा, "हम समझते हैं कि हमारे तरीकों ने अप्रोच के बारे में बहस छेड़ दी होगी। हमें किसी भी परेशानी के लिए खेद है, लेकिन अगर इस कदम के बाद बहुत जरूरी जागरुकता फैलती है और मौतों को रोका जा सकता है, तो ये इसका वास्तविक प्रभाव होगा।"