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'Criminal Justice 4' में फिर छाए पंकज त्रिपाठी, लेकिन सिर्फ तीन एपिसोड रिलीज होने पर दर्शक हुए नाराज

पंकज त्रिपाठी अपनी दमदार अदाकारी के लिए जाने जाते हैं और क्रिमिनल जस्टिस की वापसी के साथ उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि क्यों उन्हें परफॉर्मेंस का उस्ताद कहा जाता है। सीरीज के चौथे सीजन "क्रिमिनल जस्टिस: अ फैमिली मैटर" की शुरुआत तीन एपिसोड्स के साथ हुई है, और शुरुआत से ही यह दर्शकों को बांधने में कामयाब रही है।

फाइल फोटो
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'Criminal Justice 4' में फिर छाए पंकज त्रिपाठी, लेकिन सिर्फ तीन एपिसोड रिलीज होने पर दर्शक हुए नाराज

By Supriya Pandey

पंकज त्रिपाठी अपनी दमदार अदाकारी के लिए जाने जाते हैं और क्रिमिनल जस्टिस की वापसी के साथ उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि क्यों उन्हें परफॉर्मेंस का उस्ताद कहा जाता है। सीरीज के चौथे सीजन "क्रिमिनल जस्टिस: अ फैमिली मैटर" की शुरुआत तीन एपिसोड्स के साथ हुई है, और शुरुआत से ही यह दर्शकों को बांधने में कामयाब रही है।

कहानी की बात करें तो-


यह कहानी एक नामचीन सर्जन डॉ. राज नागपाल के इर्द-गिर्द घूमती है, जिस पर उसकी गर्लफ्रेंड रोशनी की हत्या का आरोप है। मामला हाई-प्रोफाइल है और मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है। ऐसे में एंट्री होती है वकील माधव मिश्रा की, जो केस को एक अलग नजरिए से देखते हैं। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, हर किरदार शक के घेरे में आ जाता है और दर्शकों के मन में भी सवाल उठते हैं कि असली गुनहगार कौन है।

पंकज त्रिपाठी के किरदार ने लोगों का जीता दिल-

माधव मिश्रा के किरदार में पंकज त्रिपाठी इस बार और भी परिपक्व और आत्मविश्वासी नजर आते हैं। उन्होंने इस बार खुद की ‘माधव मिश्रा एंड एसोसिएट्स’ नाम से एक लॉ फर्म भी शुरू कर ली है, जो उनके किरदार में नई परतें जोड़ती है। उनकी देसी शैली, हल्का-फुल्का अंदाज और कोर्टरूम में चुटीली बहसें दर्शकों का मन जीत लेती हैं।

अन्य कलाकारों का अभिनय भी रहा सराहनीय-

मोहम्मद जीशान अय्यूब ने डॉ. राज नागपाल की भूमिका में गहराई और तनाव दोनों बखूबी दिखाए हैं। आशा नेगी, जो रोशनी सलूजा का किरदार निभा रही हैं, कम स्क्रीन टाइम के बावजूद प्रभाव छोड़ती हैं। सुरवीन चावला, जो राज की पत्नी अंजू के रूप में हैं, अपने खामोश लेकिन असरदार अभिनय से ध्यान खींचती हैं।श्वेता बसु प्रसाद लेखा के किरदार में कोर्टरूम की बहसों को दमदार बनाती हैं। उनका आत्मविश्वास और आक्रामकता कहानी को धार देते हैं। मीता वशिष्ठ और खुशबू अत्रे जैसे सहायक कलाकारों ने भी अपने-अपने रोल को ईमानदारी से निभाया है।


निर्देशन और तकनीकी पक्ष-

निर्देशक रोहन सिप्पी ने कहानी को इमोशन और लीगल ड्रामा के बीच संतुलन देने की कोशिश की है। हालांकि कुछ मोड़ों पर ड्रामा कमजोर पड़ता है और कुछ सीन जल्दबाज़ी में खत्म होते हैं। कैमरा वर्क खासतौर पर क्लोज शॉट्स के ज़रिए भावनाओं को बारीकी से पकड़ता है। डायलॉग्स सटीक हैं और मूड के हिसाब से सही बैठते हैं, लेकिन स्क्रीनप्ले कुछ हिस्सों में सतही लगता है। बैकग्राउंड म्यूजिक सीन के साथ मेल खाता है, हालांकि कुछ क्षणों में और उभार की जरूरत थी।

जहां एक ओर इस सीरीज को सोशल मीडिया पर तारीफें मिल रही हैं, वहीं सिर्फ तीन एपिसोड रिलीज किए जाने पर दर्शक ओटीटी प्लेटफॉर्म जियो हॉटस्टार से नाराज हैं। दर्शकों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा है कि सिर्फ तीन ही एपिसोड रिलीज करना सही नहीं हैं हालांकि इस सीरीज की बात करें तो अगर आप कोर्टरूम ड्रामा, सस्पेंस और बेहतरीन अभिनय पसंद करते हैं, तो क्रिमिनल जस्टिस 4 को देखना आपके लिए फायदे का सौदा होगा। सीरीज की शुरुआत मजबूत है, किरदार गहराई लिए हुए हैं, और पंकज त्रिपाठी की परफॉर्मेंस इसे देखने लायक बना देती है।

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