Junior Mehmood Death: नहीं रहे मशहूर अभिनेता जूनियर महमूद, 'हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले' गाने से लोगों के दिलों में किया था राज, इस गंभीर बीमारी के थे शिकार...
Junior Mahmood Death: मुंबई। दिग्गज बॉलीवुड हास्य अभिनेता, गायक, निर्देशक और चरित्र अभिनेता नईम सैय्यद - जिन्हें 'जूनियर महमूद' के नाम से जाना जाता है - का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे।
जूनियर महमूद को पेट के कैंसर के इलाज के लिए टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इलाज के वह घर पर ही स्वास्थ्य लाभ कर रहे थे। उनकी हालत अचानक बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया, लेकिन आज सुबह वह दुनिया को अलविदा कह गये। उनके कैंसर का पता अंतिम चरण में चला। तब तक यह यकृत, फेफड़ों और आंत में ट्यूमर के साथ फैल गया था और पीलिया के कारण जटिल हो गया था।
जूनियर महमूद का अंतिम संस्कार आज दोपहर जुहू मुस्लिम कब्रिस्तान में किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में बॉलीवुड हस्तियों के शामिल होने की संभावना है। 'मोहब्बत जिंदगी है' (1966) में एक बाल कलाकार के रूप में अपना फिल्मी करियर शुरू करने वाले जूनियर महमूद ने कई भारतीय भाषाओं में 250 से अधिक फिल्मों में काम किया। उन्होंने आधा दर्जन मराठी फिल्मों का निर्देशन किया और कुछ गाने भी गाए। उन्होंने 'नौनिहाल' (1967), 'ब्रह्मचारी' (1968), 'कटी पतंग' और 'आन मिलो सजना' (1970), 'कारवां', 'हाथी मेरे साथी', 'हरे रामा, हरे कृष्णा' और 'जूनियर. महमूद इन हॉन्ग कॉन्ग' (सभी 1971), 'आप की कसम' और 'अमीर गरीब' (1974), 'गीत गाता चल' (1975), 'शहजादे' (1989), 'आज का अर्जुन' (1990), ' 'जुदाई' (1997), 'जर्नी बॉम्बे टू गोवा' (2007), और कई अन्य फिल्मों में छोटी-बड़ी भूमिकाएं निभाईं।
जूनियर महमूद को 'प्यार का दर्द है, मीठा मीठा प्यारा प्यारा', 'एक रिश्ता साझेदारी का' और 'तेनाली रामा' जैसे टेली-धारावाहिकों में चरित्र भूमिकाओं में भी देखा गया था। संयोग से, सैय्यद महान हास्य अभिनेता महमूद अली को अपना 'गुरु' मानते थे जिन्होंने उन्हें 'जूनियर महमूद' की उपाधि दी थी। अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, कई बॉलीवुड हस्तियों ने अस्पताल में जूनियर महमूद से मुलाकात की और उनके बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की।