मुंबई 17 जनवरी 2021 I पिता अच्छन महाराज को अपनी गोद में महज तीन साल की उम्र में ही बिरजू की प्रतिभा दिखने लगी थी। इसी को देखते हुए पिता ने बचपन से ही अपने यशस्वी पुत्र को कला दीक्षा देनी शुरू कर दी। कथक सम्राट बिरजू महाराज का निधन संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। कथक के पर्याय रहे बिरजू महाराज देश के प्रसिद्ध शास्त्रीय नर्तक थे। वे भारतीय नृत्य की कथक शैली के आचार्य और लखनऊ के 'कालका-बिंदादीन' घराने के प्रमुख थे। उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक की कहानी काफी रोचक है। बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ के 'कालका-बिन्दादीन घराने' में हुआ था। बिरजू महाराज का नाम पहले दुखहरण रखा गया था। यह बाद में बदल कर 'बृजमोहन नाथ मिश्रा' हुआ। इनके पिता का नाम जगन्नाथ महाराज था, जो 'लखनऊ घराने' से थे और वे अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे। बिरजू महाराज जिस अस्पताल में पैदा हुए, उस दिन वहां उनके अलावा बाकी सब लड़कियों का जन्म हुआ था, इसी वजह से उनका नाम बृजमोहन रख दिया गया। जो आगे चलकर 'बिरजू' और फिर 'बिरजू महाराज' हो गया।
प्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। पद्म विभूषण से सम्मानित 83 साल के बिरजू महाराज ने रविवार और सोमवार की दरमियानी रात दिल्ली के साकेत हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गायक मालिनी अवस्थी और अदनान सामी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। बिरजू महाराज की पोती रागिनी ने बताया कि महाराज का एक महीने से इलाज चल रहा था। बीती रात करीब 12.15-12.30 बजे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई; जिसके बाद उन्हें अस्पताल में एडमिट किया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। पंडित बिरजू महाराज ने हिंदी सिनेमा में अहम योगदान दिया है. उनके डांस टैलेंट की बदौलत हमें कई फिल्मों में नृत्य के बेहतरीन उदाहरण देखने को मिले हैं. आलिया भट्ट, माधुरी दीक्षित, दीपिका पादुकोण जैसी अदाकाराएं बिरजू महाराज से प्रशिक्षण ले चुकी हैं. आइए जानें बिरजू महाराज ने कौन सी फिल्मों में काम किया है.
आलिया भट्ट ने फिल्म कलंक के लिए पंडित बिरजू महाराज से दो महीने का नृत्य प्रशिक्षण लिया था. बिरजू महाराज ने चेहरे पर डांस के साथ एक्सप्रेशन लाने में बहुत मदद की. आलिया ने फिल्म में घर मोरे परदेसिया के लिए यह ट्रेनिंग ली थी जिसकी शूटिंग से एक हफ्ते पहले उन्होंने बिरजू महाराज से सलाह-मशविरा लिया. माधुरी दीक्षित और पंडित बिरजू महाराज का नृत्य से अटूट संबंध है. माधुरी ने बिरजू महाराज से नृत्यकला सीखी और उनकी इसी प्रतिभा ने आज उन्हें डांसिंग क्वीन बनाया है. माधुरी के बारे में जितनी तारीफ बिरजू महाराज करते थे, उतना ही सम्मान माधुरी बिरजू महाराज का करती थीं. माधुरी ने एक दफा कहा था- महाराज जी का सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का है और वे हमेशा दुनियाभर में अपनी यात्रा से मजेदार किस्से सुनाने थे. जब उन्होंने 'काहे छेड़ छेड़ मोहे...' के लिए कोरियाग्राफी की, तो मुद्रा, अभिनय, बॉडी लैंग्वेज, सब इतना लाजवाब था कि जब मैं सेट पर पहुंची तो ऐसा लगा जैसे मैं स्वर्ग में हूं. मुझे लगता है उनका कला इंद्रधनुष की तरह 'सप्तरंगी' है जिसमें सारे नवरस हैं. ये बहुत प्रेरणादायक और कभी अंत ना होने वाला एहसास है, मेरे लिए वे कथक का प्रतीक हैं और वही नृत्य हैं.
PM मोदी बोले- कला जगत की हुई अपूरणीय क्षति कथक सम्राट के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बिरजू महाराज के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!''
बिरजू महाराज ने माधुरी दीक्षित के साथ डेढ़ इश्किया फिल्म में भी काम किया है. फिल्म के गाने जगावे सारी रैना के लिए बिरजू महाराज ने कोरियोग्राफी की और साथ में गाना भी गाया. इस गाने को गुलजार ने लिखा था और विशाल भारद्वाज ने कंपोज किया था. ये बात कम लोग जानते हैं कि दिल तो पागल है मैं जब शाहरुख ड्रम पर होते हैं और माधुरी ने परफॉर्म किया वो भी बिरजू महाराज ने कोरियोग्राफ किया था. ड्रम बीट पर क्लासिकल का जादू सिर्फ बिरजू महाराज ही कर सकते थे. दीपिका पादुकोण ने फिल्म बाजीराव मस्तानी में 'मोहे रंग दो लाल' गाने में जो डांस और एक्सप्रेशन दिखाए हैं, वो पंडित बिरजू महाराज के बदौलत हैं. दीपिका ने बिरजू महाराज से डांस लेसंश लिए और आज पर्दे पर उनका कमाल सभी देख चुके हैं. इस गाने में दीपिका ने चेहरे पर बेहतरीन भाव दिखाए हैं. बिरजू महाराज ने साउथ सुपरस्टार कमल हासन को भी अपने नृत्य सिखाया है. फिल्म विश्वरूपम के गाने Unnai Kaanadhu Naan में कमल हासन ने बेहतरीन डांस पेश किया था. पर्दे पर उनके इस लाजवाब परफॉर्मेंस के पीछे पंडित बिरजू महाराज का हाथ था. नृत्य के अलावा पंडित बिरजू महाराज अपनी आवाज से भी लोगों को मंत्रमुग्ध किया है. बिरजू महाराज ने सत्यजीत रे की पहली हिंदी फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में क्लासिकल डांस सीक्वेंस 'कान्हा मैं तोसे हारी' का गाना कंपोज किया था और इसमें अपनी आवाज भी दी थी. इस गाने में बिरजू महाराज की छात्रा सास्वती सेन कथक नृत्यांगना के रूप में नजर आई थीं.