छत्तीसगढ़ के डॉक्टर ऑन स्ट्रीट की टीम ने मणिपुर के हिंसा प्रभावितों के जख्मों पर लगाया मरहम...
रायपुर। पिछले नौ माह से मणिपुर में जारी हिंसा ने बड़े पैमाने पर मानवीय त्रासदी की स्थितियों को जन्म दिया है. ऐसी परिस्थितियों में जहां एक ओर हिंसा ने मणिपुर को गहरी समस्या में डाल रखा है वहीं विस्थापन के शिकार लोगों को सहायता पहुँचाने का संकट विकराल रूप धारण किये हुए हैं.
मणिपुर संकट में मानवीय सहायता के लिये जागरूक और ज़िम्मेदार नागरिक और संस्थाओं ने सहयोग का हाथ बढ़ाया है. निवानों शांति पुरस्कार विजेता पी वी राजागोपाल के आवाहन पर छत्तीसगढ़ की डाक्टरस आन स्ट्रीट की टीम डॉ सत्यजीत साहू के नेतृत्व में पाँच दिवसीय प्रवास पर मणिपुर गई थी. इस प्रवास के दौरान टीम ने हिंसा प्रभावित ईँफाल ईस्ट , ईफांल वेस्ट , विष्णुपुर , मोरेंग और उरूप के राहत शिविरों में जाकर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की. राहत शिविर में डाक्टर सत्यजीत साहू ने बुजुर्ग और बच्चों की जाँच की और डॉ संगीता कौशिक ने महिलाओं का चेकअप किया. दवाइयों और राहत सामग्री वितरण सुनील शर्मा और सुरज दुबे ने किया.
एकता परिषद मणिपुर के प्रमुख रिशी एम ने दोस्त की टीम को अपने लोकल वालंटियर्स के साथ विभिन्न राहत शिविरों में में ले जाने की व्यवस्था की. डाक्टर सत्यजीत साहू ने बताया कि मणिपुर में जाकर वहाँ की हालत देखने के बाद वहाँ के मानवीय संकट की विकरालता को अनुभव किया. उनका मानना है कि देश के सभी जगहों से मानवीय सहायता मणिपुर के लिये की जानी चाहिए. और संकट के इस समय मे पुरे देश को एकजुट होकर मणिपुर के साथ होना चाहिए.
जिन राहत शिविरों में दोस्त डाक्टरस की टीम ने अपनी सेवा दीं उनके नाम इस प्रकार हैं-
- खुमन लैंपक रिलिफ कैंप ज़िला इंफाल ईस्ट
- तैरनपोपकी रिलिफ कैंप इंफाल वेस्ट
- थांगाचिंखा रिलिफ कैंप बिष्णुपुर
- सैंघांग क्वाकता रिलिफ कैंप मोयरांग
- उरूप रिलिफ कैंप माछल
टीम ने इंफाल स्थित जवाहर लाल नेहरू इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज़ के डाक्टरों के साथ मीटिंग की और राज्य के हालात और स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की. स्थित जवाहर लाल नेहरू इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज़ के डायरेक्टर डॉ देवेंन सिंग लेशराम ने दोस्त की टीम को बताया कि मणिपुर में चिकित्स शिक्षा बुरी तरीक़े प्रभावित हुई है और राहत शिविरों के लिए दवाइयाँ की व्यवस्था और बेहतर करने की ज़रूरत है.
मणिपुर के जागरूक नागरिकों के संगठन तरागी शिशु के सचिव डॉ पी ढाकेश्वर सिंह ने दोस्त की टीम की सेवा कार्यों की प्रशंसा की और छत्तीसगढ़ के लिये आभार व्यक्त किया. दोस्त की टीम ने ईफाल वेस्ट के गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से बनाए राहत शिविर की संयोजक अधिकारीमायुम सारदा देवी से भी मुलाक़ात की जो मणिपुर राज्य बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष है. छत्तीसगढ़ के दोस्त की टीम को मणिपुर एकता परिषद के रिशी शर्मा के साथियों मे एम विद्या, तान्या, बुटोन, गैलेक्सी, सुरजीत, चाउबा , देबजानी, माँगीरानी , एन दयादानी , शुमोकांत , इचन , आमरा ने विभिन्न राहत शिविरों में वालंटियर के रूप मे सहयोग दिया.