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Bikini पर बवाल: दीपिका पादुकोण की बोल्ड Bikini से भड़की आग, जानिए कहां, कब और कैसे हुई इस विवादित बिकनी की शुरुआत

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Bikini पर बवाल: दीपिका पादुकोण की बोल्ड Bikini से भड़की आग, जानिए कहां, कब और कैसे हुई इस विवादित बिकनी की शुरुआत
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By NPG News

मुंबई I इन दिनों बिकनी ने बवाल मचा दिया है। पठान में दीपिका पादुकोण का बोल्ड बिकनी ने हर तरफ विरोध की आवाज को तेज कर दिया। इस फिल्म का गाना जबसे बेशर्म रंग रिलीज हुआ है हर कोई दीपिका पादुकोण को बेशर्म कह रहा है।एक तो दीपिका का बिकनी पहनना और उस पर से भगवा रंग लोगों रास नहीं आ रहा है। सब इसके खिलाफ होकर प्रदर्शन कर रहे है।


वैसे तो बिकनी पाश्चात्य सभ्यता की देन है वहां आराम दायक वस्त्र के इस टूपीस ड्रेस को पहना जाता है, लेकिन हमारे भारतीय समाज में इस स्वीकारा नहीं गया है। हां आज कल के यूथ चोरी छिपे इसे पहनना पसंद करते हैं,लेकिन समाज में अभी स्वीकृति नहीं मिली है। ऐसे में ये जान लेना बेहद जरूरी हो जाता है कि इतिहास में सबसे पहली बार बिकनी किस मॉडल ने पहनी थी। और कब आई। वो कौन सा दौर था, लोगों का बिहेवियर महिला के प्रति कैसा रहा । जानते है कि क्यों बिकिनी को लेकर इतनी बातें की जाती है और किसने इस की शुरूआत की थी।


बिकनी कब आई और किसने बनाई

दूसरे विश्व युद्ध में कई परेशानियां ऊभर कर आईं जिसमें से कपड़े की कमी एक थी। ऐसे में महिलाओं के स्विमसूट में कपड़े ज्यादा लगते थे इसे देखते हुए उसे कम करने के लिए बिकनी का इजाद हुआ। जिसे फ्रेंच इंजिनियर 'लुईस रियर्ड' ने बनाया था। रियर्ड की बनार्इ बिकिनी 5 जुलाई 1946 को सामने आई थी। इस ड्रेस का नाम बिकिनी पड़ने का कारण बिकनी एटॉल जगह था। बिकिनी अटॉल वो जगह थी जहां पर उस समय अटोमिक बम की टेस्‍टिंग हो रही थी। मतलब कि बिकनी एटोल मार्शल द्वीप समूह का सबसे छोटा द्वीप है, जहां अमेरिका ने 1946 से 19 58 तक कुल 60 परमाणु बम और हाइड्रोजन बम परीक्षण किए थे इसके डिजाइनर को लगा कि उनके डिजाइन किए गए इस सूट का असर भी परमाणु विस्फोट के समान ही है, इस लिए इसे उस वक्त से "बिकिनी स्विमिंग सूट" कहा जाने लगा।


बिकनी विरोध के बीच इस मॉडल ने पहनने का दिखाया साहस

लेकिन उस वक्त भी स्पेन और इटली में इसे पहनने पर बैन लगा दिया गया था किसी में भी बिकनी का प्रचार करने की हिम्मत उस वक्त किसी में नहीं थी। तब एक 19 साल की फ्रांसीसी पॉर्न डांसर मिशेलाइन बर्नार्डिनी ने इसके प्रचार किया। जो इतिहास का पहला बिकनी ऐड बना। फिर क्या मिशेलाइन की खूबसबरती सभी देखते ही रह गए। ऐड रिलीज होने के दो दिनों के भीतर मिशेलाइन को 50 हजार से ज्यादा लोगों ने खत लिख डाले।


बाद में पाश्चात्य कल्चर का हिस्सा

इसके बाद 1951 में फर्स्ट मिस वर्ल्ड ब्यूटी पेजेंट में कंटेस्टेंट्स ने बिकनी में वॉक किया। फ्रांस में बिकनी को बेहद पसंद किया गया और वहां से ये पूरी दुनिया में फैल गई। तब से लेकर आज तक इसे स्टाइल स्टेटमेंट को तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। शुरुआत में इटली समेत कुछ देशों में इस पर बैन लगा था। हालांकि कुछ समय बाद इस पर से बैन हटने के बाद 1950 में यह तेजी से चलन में आर्इ। 1960 में अमेरिका में भी इस पर से बैन हट गया और ये ड्रेस काफी पसंद की जाने लगी थी। आज पाश्चात्य कल्चर का हिस्सा है बिकनी।


बॉलीवुड में शर्मिला टैगोर ने बिकनी पहन मचाया था हंगामा

भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में बिकनी पहनने वाली पहली एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर थी । तब शर्मिला टैगोर ने फिल्मफेयर मैगजीन के लिए इसे पहना था। शर्मिला टैगोर के इस बोल्ड फोटोशूट ने ना केवल लोगों को अपनी तरफ खींचा, बल्कि यह पहली बार था जब लोगों ने देश में किसी को बिकिनी पहने देखा था। इसके बाद नैतिकता और भारतीय महिलाओं की छवि को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ गई थी और आज भी जब जब कोई भी एक्ट्रेस इस बिकनी पहनती देश में बवाल मचता है।

यहां देखिए वीडियो...


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