मुठभेड़ बेक्रिंग-CM हाउस में अफसरों की हो रही बैठक, DGP वार रुम में संभाले हैं मोर्चा, जवानों को कहीं बंधक तो नहीं बना लिए माओवादी…? कोबरा बटालियन के 500 जवान, लापता जवानों की खोज में निकले
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रायपुर, 22 मार्च 2020। सुकमा जिले के बुरकापाल के जंगल में कल दोपहर नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद लापता 17 जवानों का 24 घंटे बाद कुछ पता नहीं चला है। इनमें से जिन चार जवानों ने कल रात मोबाइल से अफसरों को सूचना दी थी, उनका मोबाइल अब स्वीच ऑफ हो चुका है।
एक सीनियर पुलिस अफसर ने आज सुबह एनपीजी न्यूज को बताया था कि रात में चार जवानों ने अधिकारियों को फोन किया था। उनमें से तीन एक साथ किसी पहाडी पर बैठे थे और एक दूसरी जगह अकेले थे। मोबाइल के आधार पुलिस ने उनका लोकेशन भी ट्रेस कर लिया था। इसके आधार पर संबंधित जवानों के परिजनों को उनके सकुशल होने की सूचना दे दी गई थी। मगर अब उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा।
शीर्ष पुलिस अधिकारी इस आशंका से इंकार नहीं कर रहे कि हो सकता है चारों जवानों को नक्सलियों ने पकड़ लिया हो और उनकी आड़ में एंबुश लगाया हो। यही वजह है कि लापता जवानों को ढूंढने निकली फोर्स बेहद सतर्कता बरत रही। हालांकि, बुरकापाल कैंप से घटनास्थल छह से सात किलोमीटर है। लेकिन, छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्स और सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के जवान बेहद सावधानी से अंदर घुस रहे हैं।
अफसरों का कहना है, इससे पहिले भी कई बार ऐसा हो चुका है कि मुठभेड़ के बाद शहीद जवानों की बॉडी रिकवर करने निकली फोर्स पर नक्सलियों ने हमला कर दिया। और बड़ी संख्या में जवान हताहत हुए थे। सलवा-जुडू़म के दौरान 2007 में फरसापाल के पास इसी तरह की एक वारदात हुई थी, जिनमें 14 जवान शहीद हो गए थे।
उधर, लापता जवानों की खबर ने सरकार के माथे पर भी बल ला दिया है। पता चला है, मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने विश्वस्त अफसरों से इस पर चर्चा कर रहे हैं। उधर, डीजीपी डीएम अवस्थी पुराने पुलिस मुख्यालय के वार रुम में बैठकर आपरेशन को गाइड कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद बस्तर के पुलिस अधिकारियों के संपर्क में हैं।