नईदिल्ली 17 सितम्बर 2021.एक मां के लिए उसका बच्चा ही सबकुछ होता है. बच्चे में उसकी आधी जान बसती है. अपने बच्चे की खुशी के लिए एक मां कुछ भी कर गुजरती है. लेकिन कभी-कभी मां से जुड़ी ऐसी खबरें सामने आती हैं, जिन्हें जानने के बाद उस पर यकीन करना हर किसी के लिए मुश्किल हो जाता है कि क्या वाकई में ऐसा कुछ हुआ होगा. जापान के टोक्यो से कुछ ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने जन्म के बाद अपने बच्चे को मार दिया था. घटना दो साल पुरानी है, लेकिन इस महिला ने अब जाकर अपना जुर्म कबूला है. 23 साल की युवती ने टोक्यो हवाई अड्डे पर बच्चे को जन्मे दिया और टॉयलेट पेपर मुंह में ठूंस कर मौत के घाट उतार दिया.
डेलीस्टार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में 23 वर्षीय कोयूरी किताई नौकरी के इंटरव्यू के लिए अपने घर से टोक्यो जा रही थी, लेकिन शहर में उतरने के कुछ ही समय बाद उसे लेबर पेन होने लगा. जिसके बाद किताई टोक्यो एयरपोर्ट के बाथरूम गई, जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन किताई को ये बच्चा नहीं चाहिए था. उसने एबॉर्शन की कोशिश की थी, लेकिन जापानी क़ानून इसके आड़े आ गया और वो ऐसा नहीं कर पाई. किताई ने टोक्यो डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को बताया कि प्रेग्नेंसी अवांछित थी और उसे लगा कि बच्चे को मारना ही एकमात्र विकल्प है.
एयरपोर्ट के बाथरूम में ही किताई ने अपने बच्चे की हत्या कर दी. उसने बच्चे के मुंह में टॉयलेट पेपर ठूंसकर उसे मार दिया. 2019 में हुई इस घटना को लेकर अब सुनवाई शुरू हुई. किताई ने बताया कि अनचाही प्रेग्नेंसी से छुटकारा पाने के लिए उसने बच्चे को जन्म देने के बाद मार डाला था. कोर्ट में किताई ने यह भी कहा कि उसे प्रेग्नेंसी की जानकारी नहीं थी, जब तक उसे पता चलता, तब तक काफी देर चुकी थी. क्योंकि जापान में 22 हफ्ते के बाद एबॉर्शन कराना गैरकानूनी है. इस वजह से उसे बच्चा रखना पड़ा. ऐसे में बच्चे को जन्म देने के बाद डर के मारे उसने बच्चे को मार दिया.
बच्चे का शव मिलने के बाद पिछले साल पुलिस ने लड़की को हिरासत में लिया. 2019 से ये मामला कोर्ट में है. कोर्ट में अब जाकर राजफाश करते हुए लड़की ने बताया कि वह नौकरी के लिए इंटरव्यू देने टोक्यो जा रही थी, लेकिन शहर में उतरने के कुछ ही समय बाद उसने बच्चे को जन्म दिया. उसने अदालत से कहा, ‘मेरे डॉक्टर ने मुझे बताया कि मैं अबॉर्शन नहीं करा सकती थी क्योंकि जब तक पता चला तब तक प्रेगनेंसी के 22 सप्ताह बीत चुके थे. इसके बाद मैंने सोचा कि अगर इस बारे में मेरे माता-पिता को पता चलेगा तो उन्हें झटका लगेगा. मेरे पास बच्चे को मारने के अलावा कोई चारा नहीं था.’