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शर्मनाक : एक बेटे को स्वास्थ्य विभाग ने पिता के अंतिम संस्कार से किया मरहूम….. चिता से उठाकर शव को ले गयी कोरोना जांच के लिए…..फिर बेटे को बिना बताये आने से ही पहले जला भी दिया…फिर बोला- शव हड्डियां ले जाओ विसर्जित कर देना

शर्मनाक : एक बेटे को स्वास्थ्य विभाग ने पिता के अंतिम संस्कार से किया मरहूम….. चिता से उठाकर शव को ले गयी कोरोना जांच के लिए…..फिर बेटे को बिना बताये आने से ही पहले जला भी दिया…फिर बोला- शव हड्डियां ले जाओ विसर्जित कर देना
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By NPG News

बिलासपुर 31 अगस्त 2020। स्वास्थ्य विभाग की लापहवाही ने आज एक बेटे को बाप के अंतिम संस्कार करने से महरूम कर दिया। मामला बिलासपुर के सिम्स का है, जहां एक बेटा जब अपने पिता का शव लेने पहुंचा, तो मालूम पड़ा कि उसके पिता का शव तो कोई और ले गया है और अंतिम संस्कार भी कर दिया है। अब बेटे सहित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हालांकि सिम्स में ऐसी लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी शव की अदला-बदली और डेड बॉडी के गायब होने की कई घटनाएं हो चुकी है…लेकिन सिम्स है कि सुधरता ही नहीं।

जानकारी के मुताबिक बिलासपुर के तिफरा में रहने वाले गौतम मजूमदार आर्यन कंस्ट्रक्शन में सुपरवाइजर का काम करते थे। उनके पिता की रविवार की सुबह 10 बजे हार्ट अटैक से मौत हो गयी थी। परिजन जब अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे तो स्वास्थ्य विभाग की टीम मुक्तिधाम पहुंच गयी और कोरोना की आशंका जतात हुए अंतिम संस्कार से रोक दिया। मृतक का सैंपल लेने के करीब 15 मिनट के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने परिजनों को सूचना दी कि इनका कोरोना पॉजेटिव सिम्टम है, लिहाजा शव को बिल्हा स्वास्थ्य केंद्र ले जाना पड़ेगा। घर वाले स्वास्थ्य विभाग की बात मानकर शव को बिल्हा स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की इजाजत दे दी। लंबे इंतजार के बाद शाम करीब 7 बजे स्वास्थ्य विभाग की टीम बॉडी लेकर चली गयी। परिजनों को बताया गया कि वह कल सिम्स से बॉडी ले जा सकते हैं।

आज सुबह जब परिजन सिम्स शव लेने पहुंचे, उनके होश ही उड़ गये। परिजनों को बताया गया कि मरचुरी में 2 बाड़ी पडी हैं उसमे से देख लीजिए कि कौन सी उनके पिता की हैं। देखने पर पता चला कि दोनों ही शव उनके पिता की नही थी। परिजनों ने जब प्रबंधन से शिकायत की तब प्रबंधन ने कहा कि आज कोरोना पॉजेटिव 3 से 4 बाड़ी डिस्पोज़ की गयी है। उसमे आप लोगो के रिलेटिव की भी बाड़ी हो।

मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि चूंकि वो जल चुकी हैं तो बाड़ी तो वापस नहीं हो सकती हैं, वो चाहें तो हड्डियां विसर्जन के लिए ले जा सकते हैं। पुत्र गौतम मजूमदार ने विरोध करते हुए कहा कि उन्हे कैसे पता चलेगा कि कौन सी अस्थि उनके पिता की हैं, कम से कम जलाने से पूर्व फ़ोटो तो ले लेनी थी। तब प्रबंधन ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि बाड़ी प्लास्टिक में पैक होती हैं इसलिए फ़ोटो लेना संभव नही हैं।

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