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Yuktiyuktkaran: कई जिलों में युक्तियुक्तकरण की काउंसलिंग कल से होगी शुरू, तो कहीं पर अभी तक नहीं तैयार हुई है अतिशेष शिक्षकों की सूची!

Yuktiyuktkaran: शिक्षक संगठनों के विरोध और सड़क की लड़ाई के ऐलान के बीच स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग तय डेडलाइन प्रक्रिया पूरी करने की दिशा में जुट गया है। कल से युक्तियुक्तकरण की काउंसिलिंग की शुरुआत हो रही है।

Yuktiyuktkaran: कई जिलों में युक्तियुक्तकरण की काउंसलिंग कल से होगी शुरू, तो कहीं पर अभी तक नहीं तैयार हुई है अतिशेष शिक्षकों की सूची!
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By Radhakishan Sharma

Yuktiyuktkaran: रायपुर। प्रदेश में युक्तियुक्तकरण को लेकर एकतरफ शिक्षकों ने अपना मोर्चा खोल रखा है वही दूसरी तरफ स्कूल शिक्षा विभाग भी युद्ध स्तर की तैयारी में लगा हुआ है इसकी वजह यह है कि प्रदेश के मुखिया जो की शिक्षा मंत्री भी हैं, ने स्कूल शिक्षा विभाग को इस मसले पर फ्री हैंड कर रखा है और उनका साफ निर्देश है कि किसी भी स्थिति में युक्तियुक्त लकरण की प्रक्रिया को संपन्न कराना है ।

NPG ने डीपीआई में तेज तर्रार IAS ऋतुराज रघुवंशी की पोस्टिंग के साथ यह स्पष्ट कर दिया था कि सरकार ने उनकी पोस्टिंग स्कूल शिक्षा विभाग के सबसे महत्वपूर्ण कार्यालय लोक शिक्षण संचालनालय में किया ही इसीलिए है ताकि पूरी व्यवस्थाएं सुधारी जा सके और युक्तियुक्तकरण जैसे चुनौती पूर्ण टास्क को पूरा किया जा सके और अब इस क्रांतिकारी कदम का असर भी दिखाई दे रहा है एक तरफ जहां युक्तियुक्तकरण को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी हो रहे हैं और जिस भी मसले में ऊपर शिकायत पहुंच रही है उस पर तत्काल एक्शन लेते हुए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं ।

0 इन विषयों पर जारी किया स्पष्ट निर्देश

विभाग ने आत्मानंद के शिक्षकों को बड़ी चालाकी से युक्तियुक्तकरण से बाहर कर दिया गया था जबकि आत्मानंद स्कूल में ही बड़ी संख्या में अतिशेष शिक्षक कार्यरत हैं। बहुत से शिक्षक तो ऐसे हैं जिन्होंने बकायदा आत्मानंद स्कूलों के लिए असहमति दी है, बावजूद इसके उन्हीं स्कूलों में उनकी पदस्थापना रखी गई थी। इससे यह हो रहा था कि जहां कुछ शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति व्यवस्था से वेतन की प्राप्ति हो रही थी। वहीं असहमति वाले शिक्षकों को पूर्व की भांति ट्रेजरी से ही भुगतान हो रहा था।

NPG में खबर प्रकाशित होते ही डीपीआई की तरफ से इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी हो गया और अब आत्मानंद के उन शिक्षकों को भी युक्तियुक्तकरण में शामिल कर लिया गया है जिन्होंने असहमति दी है । इसी प्रकार अतिशेष की सूची तैयार करते समय जो गड़बड़ियां निकाल कर सामने आई उस पर मुंगेली कलेक्टर का मैसेज वायरल होते ही स्वयं डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी ने जिस प्रकार डीईओ और जेडी जैसे अधिकारियों के ग्रुप में जो कड़ा मैसेज डाला उस से अधिकारी भी सकते में आ गए। क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी अधिकारी ने इस तरीके से अधिकारियों को चेतावनी दी हो , भले ही यह मैसेज अधिकारियों को रास न आया हो पर आम शिक्षकों में इस बात की उम्मीद जगी कि कम से कम इस बार गड़बड़ियां कम होगी। यह भी भरोसा जगा कि यदि वे उच्च अधिकारी को शिकायत करेंगे तो दोषियों को सजा भी अवश्य मिलेगी।

दरअसल पूरा खेल निचले स्तर के अधिकारी ही खेलते हैं और इसके चलते शिक्षक हमेशा परेशान रहते हैं। सभी कार्यालय में अलग-अलग कामों के लिए बकायदा रेट लिस्ट तय है। यही वजह है कि शिक्षक चाहे पदोन्नति हो, नई भर्ती हो या ट्रांसफर हो हमेशा ठगे जाते हैं । यहां तक की शिकायती प्रकरणों को ही लें, कुछ मामलों में जहां अधिकारी बुलेट ट्रेन की स्पीड से कार्रवाई करते हैं। करीबियों का मामले जब सामने आता है तब जांच रिपोर्ट की फाइल को दबा देना या गायब कर देने की कोशिश में जुट जाते हैं। यह सब उनके लिए आम बात है और उच्च अधिकारियों तक जब यह बात पहुंचती है तो वहां से भी किसी प्रकार का कोई रिस्पांस नहीं मिलता था यही वजह है कि शिक्षकों का पूरा भरोसा ही इस सिस्टम से उठ चुका है ।

0 कल से होगी शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण की काउंसलिंग शुरू

प्रदेश में सभी जिलों के लिए राज्य कार्यालय की तरफ से टाइम टेबल जारी किया गया था। टाइम टेबल के अनुसार काम होना था। गरियाबंद राजनांदगांव , सक्ति जैसे जिले अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी कर काउंसलिंग के मुहाने पर पहुंच चुके हैं, वहीं बिलासपुर , जांजगीर जैसे जिलों में अतिशेष शिक्षकों और रिक्त स्कूलों की सूची ही प्रकाशित नहीं हो पाई है। कई जगहों पर काम तेज गति से हो रहा है तो कई जगह पर बेहद धीमी। विभाग के लिहाज से यह परेशानी का सबब भी बन सकता है। युक्तियुक्तकरण के जो मामले कोर्ट में लगे हैं उस पर 9 जून को सुनवाई होनी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने हाई कोर्ट में पहले से ही केवीएट दायर दिया है। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग यह चाहेगा कि निर्धारित तिथि 4 जून तक सभी जिलों में प्रक्रिया संपन्न हो जाए।

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