Teacher Suspend: बच्चों से गाली गलौच करने व रील बनवाने वाली टीचर को मिली निलंबन की सजा...
Teacher Suspended: छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में इन दिनों कुछ अच्छा नहीं हो रहा है। टीचर पढ़ाने के बजाय बच्चों को दूसरे कामों में व्यस्त कर दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बेमेतरा जिले के मिडिल स्कूल भनसुली में आया है। यहां की महिला शिक्षिका बच्चों को पढ़ाने के बजाय वीडियो बनवाने व रील बनवाने का काम कर रही थी। बच्चों द्वारा मना करने पर मारपीट करना और टीसी देने की धमकी भी देती थी। जांच पड़ताल के बाद शिक्षिका को निलंबित कर दिया है।
Teacher Suspended: बेमेतरा। पढ़ाई के दौरान बच्चों से वीडियो व रील बनवाने वाली भनसुली मिडिल स्कूल की शिक्षिका कुमारी वर्मा ने निलंबित कर दिया है। इन पर आरोप है कि पढ़ाई के बाद स्कूली बच्चों को रील बनाने के लिए दबाव डालती थी। मना करने पर मारपीट करना और स्कूल से निकाल बाहर करने की धमकी भी देती थी। परेशान स्कूली बच्चों ने बेमेतरा कलेक्टर रणबीर शर्मा से इस बात की शिकायत की थी।
बीते दिनों स्कूली बच्चे बेमेतरा कलेक्टोरेट पहुंचकर सीधे कलेक्टर से मुलाकात की और अपनी परेशानी बताई। बच्चों ने बताया कि शिक्षिका कुमारी वर्मा पढ़ाई कराने के बजाय मोबाइल से वीडियो व रील बनाने के लिए दबाव बनाती है। मना करने पर मारती है, डांटती है और टीसी देने की धमकी भी देती है। बच्चों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने बेमेतरा डीईओ को पूरे मामले की जांच कराने का निर्देश दिया था। डीईओडॉ. कमल कपूर बंजारे ने बीईओ अरुण खरे को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। डीईओ ने बताया कि जांच में शिकायत सही मिली। बीईओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए डीईओ ने शिक्षिका के निलंबन का प्रस्ताव दुर्ग संभागीय कार्यालय प्रेषित किया था। संभागीय कार्यालय से सहमति के बाद शिक्षिका कुमारी वर्मा को निलंबित कर दिया गया है।
0 विभागीय अधिकारियों ने नहीं दिया था ध्यान
स्कूली बच्चों के कलेक्टर को इस बात की भी शिकायत दर्ज कराई थी कि स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी देने व शिकायत के बाद शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई ना करने पर वे लगातार दबाव बनाने लगी थी।
0 इन शिक्षकों के लिए भी खतरे की घंटी
आमतौर पर यह शिकायत मिलती ही रहती है कि स्कूल में अध्ययन अध्यापन के दौरान टीचर्स क्लास रूम में भी मोबाइल खेलते नजर आ जाते हैं। मोबाइल के जरिए सोशल मीडिया में उनकी सक्रियता भी नजर आती है। ऐसे टीचर्स के लिए भी इस तरह की कार्रवाई खतरे की घंटी साबित हो सकती है। राज्य शासन का स्पष्ट निर्देश है कि पढ़ाई व स्कूल कार्य के दौरान कोई भी टीचर मोबाइल का उपयोग नहीं करेगा।