Teacher News: TET को लेकर चिंता: शिक्षकों के हित संरक्षण के लिए शालेय शिक्षक संघ आया सामने : शिक्षा सचिव से मिलकर पुनर्विचार याचिका दायर करने का दिया सुझाव
Teacher News: टेट की अनिवार्यता और शिक्षकों के बीच दौड़ती चिंता की लहर के बीच शालेय शिक्षक संघ ने पहल करना प्रारंभ किया है। शिक्षा सचिव से मिलकर पुनर्विचार याचिका दायर करने का सुझाव दिया है। शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव से कहा कि विभागीय TET, अनुकूल पाठ्यक्रम और दो साल के भीतर 6 परीक्षा आयोजित करने के मॉड्यूल संबंधी मुद्दों को सामने रखकर याचिका में अपनी बातों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की बात कही है।

TET Ko Lekar Chinta: रायपुर। टेट की अनिवार्यता और शिक्षकों के बीच दौड़ती चिंता की लहर के बीच शालेय शिक्षक संघ ने पहल करना प्रारंभ किया है। शिक्षा सचिव से मिलकर पुनर्विचार याचिका दायर करने का सुझाव दिया है। शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव से कहा कि विभागीय TET, अनुकूल पाठ्यक्रम और दो साल के भीतर 6 परीक्षा आयोजित करने के मॉड्यूल संबंधी मुद्दों को सामने रखकर याचिका में अपनी बातों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की बात कही है।
युक्तियुक्तकरण पर सरकार की मंशा पर पलीता लगाने वाले सिस्टम पर सवाल उठाते हुए छ्ग शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि चहेतों को बचाकर हजारों शिक्षक परिवारों में अफरा-तफरी मचाकर कितनी शिक्षा गुणवत्ता हासिल कर पाए अधिकारी ? युक्तियुक्तकरण से हासिल कम नुकसान ज्यादा हुआ है। शिक्षक संगठन ने पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की है। कड़कड़ाती ठंड में शाला समय परिवर्तन: प्राचार्य पद पर सीमित विभागीय परीक्षा,व्याख्याता पदोन्नति,छूटे हुए कर्मचारियों की पदोन्नति व दिव्यांग आरक्षण तथा लंबित गोपनीय प्रतिवेदन संधारण जैसे मुद्दों को लेकर शालेय शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल और शिक्षासचिव के बीच हुई सकारात्मक चर्चा की गई है।
शालेय शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व में संगठन का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी से मिलकर प्रदेश के शिक्षकों के हितों के संरक्षण हेतु विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की व ज्ञापन सौंपा। संगठन के महासचिव धर्मेश शर्मा ने बताया कि शालेय शिक्षक संघ सदैव शिक्षकों की समस्याओं के उचित समाधान हेतु तत्पर रहता है इसी सिलसिले में आज शिक्षासचिव से मिलकर प्रदेश के शिक्षकों में सुप्रीम कोर्ट निर्णय पश्चात TET की अनिवार्यता को लेकर बड़ी चिंता देखी जा रही है, जिसके समुचित समाधान हेतु हमने सबसे पहले विभाग द्वारा पुनर्विचार याचिका दायर करने अनुरोध किया, और यदि परीक्षा आवश्यक हुआ तो NCTE के पाठ्यक्रम की समीक्षा करते हुए शिक्षकों के अनुकूल पाठ्यक्रम का निर्धारण कर 2 साल के भीतर 6 विभागीय TET परीक्षा आयोजित करने का सुझाव दिया है। इसके लिए विभाग द्वारा ऑनलाइन क्लास व प्रशिक्षण की भी मांग की गई। शिक्षासचिव ने इन सुझावों पर रुचि लेते हुए परीक्षण करने व शिक्षक हितों को ध्यान रखने का आश्वासन दिया।
शिक्षकों का ना हो अहित, निकाले बीच का रास्ता
शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने मांग किया कि प्रदेश के कार्यरत शिक्षकों का अहित न हो,ऐसा रास्ता शिक्षा विभाग जरूर निकाले। वैसे भी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में सरकार की मंशानुरूप कार्य नही हो पाया। जिस शिक्षा गुणवत्ता को स्थापित करने शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय शाला में शिक्षक उपलब्ध कराने का लक्ष्य लिया गया था इसके विपरीत विभागीय अनियमितताओं के चलते अनियंत्रित ढंग से शिक्षकों को जबरदस्ती अतिशेष बनाकर इससे होने वाले दूरगामी परिणामो की अनदेखी कर युक्तियुक्तकरण किया गया वह प्रदेश की शालाओं में अफरा तफरी का माहौल बना दिया, जिसकी चपेट में हजारों शिक्षक परिवार आया और उन्हें परेशानियां भुगतना पड़ रहा। निचले स्तर में इस प्रक्रिया में लगे अधिकारी कर्मचारियों ने अपने तथाकथित चहेतों के लिए नियमो को ताक में रखकर उन्हें बचा लिया जबकि हजारों शिक्षकों की समस्याओं की सुनवाई आज पर्यंत नही हुई।उनके अभ्यावेदन जिला,संभाग या DPI में धूल खाते हुए अब पड़े हैं।
एक सवाल ऐसा भी
अतिशेष हेतु जिस सेटअप को लाया गया उसके चलते, युक्तियुक्तकरण के बाद हजारों स्कूल में पदोन्नति व सेवानिवृति के बाद पुनः शिक्षकविहीन और एकल शिक्षक शाला जैसी स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि अतिशेष बनाते वक्त अदूरदर्शिता का अभाव स्पष्ट परिलक्षित हो रहा था। सरकार व शिक्षा मंत्री ने युक्तियुक्तकरण करने का संकल्प, सार्थक उद्देश्य हेतु किया था पर उसका क्रियान्वयन करने वालो ने उन उद्देश्यों के पलीता निकालकर शासन के विरुद्ध आक्रोश पैदा करने का काम कर दिया, इस पर मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री जरूर संज्ञान लें।
पदोन्नति के लिए विभागीय परीक्षा आयोजित करने की मांग
कार्यकारी अध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी व प्रांतीय मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि इन ज्वलंत समस्याओं के साथ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे जिनमे लंबित व्याख्याता/ मिडिल/प्राथमिक प्रधानपाठक/ UDT पदोन्नति देने व प्राचार्य पद पर सीमित विभागीय परीक्षा शीघ्र आयोजित करने की मांग की गई। रायपुर सम्भाग में पदोन्नति की बाधाएं दूर कर जल्द पदोन्नति प्रक्रिया सम्पन्न करने की मांग की गई। प्रदेश में अब कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है वनांचल में बच्चे दूर दूर से भी आते हैं ऐसे में शाला समय को बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए संशोधित करने की मांग संगठन ने की है। इसी तरह दिव्यांग आरक्षण और छूटे हुए कर्मचारियों की पदोन्नति शीघ्र करने की मांग रखी गई। प्रदेश के शिक्षको के लंबित गोपनीय प्रतिवेदन का संधारण अनिवार्य रूप से 31-12-2025 तक करने की मांग शिक्षा सचिव से की गई।
पदाधिकारियों ने रखी अपनी बातें
शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील सिंह,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह,विवेक शर्मा,गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेश सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल,यादवेंद्र दुबे,सर्वजीत पाठक,मंटू खैरवार,पवन दुबे,नंदकुमार अठभैया, भोजराम पटेल,विनय सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,रवि मिश्रा,बिजेंद्रनाथ यादव,जितेंद्र गजेंद्र,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,उपेंद्र सिंह,पवन साहू,मनोज पवार,देवव्रत शर्मा, कैलाश रामटेके,अब्दुल आसिफ खान,सरवर हुसैन,कुलदीप सिंह चौहान,नेमीचंद भास्कर,राजेश यादव,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत,सुशील शर्मा,विजय जाटवर, शशि कठोलिया,विजय बेलचंदन, अशोक देशमुख,तिलक सेन,द्वारिका भारद्वाज, आदि पदाधिकारियो ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।
