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Teacher News- प्राचार्य पदोन्नति विवाद: जिन 11 शिक्षकों ने हाई कोर्ट में दायर की है याचिका, पदोन्नति सूची में दूर-दूर तक नहीं है नाम

Teacher News- प्राचार्य पदोन्नति में नियमों व मापदंडों को आधार बनाकर जिन 11 शिक्षकों ने बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है उनमें से एक भी शिक्षक ऐसे नहीं है जिनका नाम प्राचार्य पदोन्नति सूची में शामिल हो। इसे लेकर शिक्षक संगठनों के बीच ही अटकलें लगाई जा रही है। नियमों की आड़ में उन लेक्चरर की पदोन्नति में बाधा खड़ी करने की कोशिश हो रही है जो रिटायरमेंट के करीब हैं।

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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

Teacher News-बिलासपुर। प्राचार्य पदोन्नति के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तय किए गए मापदंड व शासन के दिशा निर्देेशों को चुनौती देते हुए बिलासपुर हाई कोर्ट में 11 याचिकाएं दायर की गई है। ये सभी याचिकाएं शिक्षकों की ओर से ही अलग-अलग दायर की गई है। एक मई को सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पदोन्नति आदेश पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट की रोक के बाद ई व टी संवर्ग के तकरीबन 694 ऐसे लेक्चरर हैं जिनका सपना अधूरा रह जाने का अंदेशा है। विधि के जानकारों का कहना है कि मामला अभी लंबा चलेगा। न्यायालयीन सुनवाई और हाई कोर्ट के फैसले आते तक ये लेक्चरर रिटायर हो जाएंगे। या फिर रिटायरमेंट इतना करीब आ जाएगा कि पदोन्नति हो भी जाती है तो काेई मतलब नहीं रह जाएगा।

स्कूल शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो 30 मई को ई व टी संवर्ग के 79 व्याख्याताओं का रिटायरमेंट ड्यू है। इसमें ई संवर्ग के 55 व टी संवर्ग के 24 लेक्चरर है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी प्राचार्य पदोन्नति सूची को लेकर जिस तरह विवाद की स्थिति खड़ी की जा रही है इससे तो साफ है कि ये सभी 79 लेक्चरर का प्राचार्य बनने का सपना अधूरा ही रह जाएगा। रिटारयमेंट के करीब इन लेक्चरर की पीड़ा ये ही समझ सकते हैं। रिटायरमेंट की सूची पर नजर डालें तो जनवरी से अप्रैल तक टी व ई संवर्ग के तकरीबन 80 व्याख्याता रिटायर हो चुके हैं। प्राचार्य पदोन्नति से इतने लेक्चरर बाहर ही हो गए हैं। जनवरी से दिसंबर तक कुछ इसी तरह का सिलसिला चलते रहेगा। दिसंबर तक टी व ई संवर्ग के 694 व्याख्याता रिटायर हो जाएंगे।

0 तीन विभाग के हैं शिक्षक, जिनका होना है प्रमोशन

स्कूल शिक्षा विभाग में ट्राइबल और पंचायत विभाग से आने वाले शिक्षकों का संविलियन राज्य सरकार ने किया है। राज्य शासन ने प्राचार्य पदोन्नति के लिए तीनों ही विभाग के व्याख्याताओं की वरिष्ठता के आधार पर सूची बनाई है। दायर याचिका में संविलियन होने वाले ट्राइबल व पंचायत विभाग के लेक्चरर जो डीएलएड व बीटीआई हैं उनको प्राचार्य पदोन्नति सूची से बाहर रखने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट में अलग-अलग दायर की गई 11 याचिकाओं के अलावा एक हस्तक्षेप याचिका भी दायर की गई है।

0 दावों से अलग विवाद खड़ा करने की कोशिश

जिन 11 शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियमों का पेंच फंसाया है उनमें से किसी ने भी प्राचार्य पदोन्नति में अपना दावा बताते हुए याचिका दायर नहीं की है। दरअसल ये सभी याचिकाकर्ता शिक्षक प्राचार्य पदोन्नति की स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी सूची से बाहर हैं। पदोन्नति को लेकर इनके नामों पर विचार नहीं किया जा सकता, जाहिर सी बात है अभी इनकी वरिष्ठता नहीं हुई है कि पदोन्नति सूची में नाम शामिल कर लिया जाए। शिक्षक संगठनों द्वारा यह भी सवाल खड़ा किया जा रहा है कि पदोन्नति सूची में जब इनका दावा नहीं बनता और याचिका में अपने लिए मांग भी नहीं कर रहे हैं तो आखिर नियमों का पेंच क्यों फंसाकर उलझाया जा रहा है।

ये हैं याचिकाकर्ता शिक्षक

याचिकाकर्ता जो प्राइमरी स्कूल में शिक्षक हैं- पी गलिक राव, लक्ष्मी प्रसाद रबेठ,दूज राम खरे, संजय कुमार वखारिया,रुपनारायण कुशवाहा, याचिकाकर्ता जो व्याख्याता हैं- अनुराग त्रिवेदी, अखिलेश त्रिपाठी, आनंद प्रसाद साहू,कोमल प्रसाद साहू, पुरुषोत्तम सिंह यदु।

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