Begin typing your search above and press return to search.

Teacher News: शिक्षक बर्खास्त: फर्जी मार्कशीट के सहारे कर रहा था नौकरी, दूसरे की मार्कशीट को बनाया नौकरी के लिए जरिया

Teacher News: फर्जी अंकसूची के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है। जांच में यह तथ्य सामने आया कि जिस वर्ष की 12 वीं की अंकसूची के आधार पर शिक्षक ने नौकरी पाई है,उस वर्ष शिक्षक परीक्षा में सम्मिलित ही नहीं हुआ था। जांच प्रतिवेदन सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने कार्यवाही की है।

Teacher News: शिक्षक बर्खास्त: फर्जी मार्कशीट के सहारे कर रहा था नौकरी, दूसरे की मार्कशीट को बनाया नौकरी के लिए जरिया
X

CG News

By Radhakishan Sharma

Janjgir champa जांजगीर-चांपा। 12वीं बोर्ड परीक्षा की फर्जी मार्कशीट के सहारे सरकारी नौकरी करने का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें फर्जी अंकसूची के आधार पर नौकरी पाने वाले सहायक शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है। नवागढ़ ब्लॉक के बेल्हा स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक एलबी जनकराम चौहान को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।

मामला वर्ष 2003 का है। हाईस्कूल परीक्षा में जनकराम चौहान का नाम शामिल ही नहीं हुआ था। इसके बावजूद उसने फर्जी अंकसूची का सहारा लेकर आवेदन किया और चयन सूची में अपना नाम दर्ज करवा लिया। जांच में पाया गया कि उसने जिस अंकसूची का उपयोग किया, वह किसी अन्य छात्र धनरूप सिंह की थी। इस फर्जी दस्तावेज के आधार पर उसने सहायक शिक्षक एलबी पद पर नियुक्त कर लिया गया था।

इस गड़बड़ी का पर्दाफाश तब हुआ जब किसी ने इसकी शिकायत डीईओ कार्यालय में की। शिकायत मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच की गई। जनपद पंचायत नवागढ़ से मिली रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि जनकराम चौहान द्वारा जमा की गई अंकसूची जाली है। उसे 13 मई 2024 को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। उनके जवाब में दी गई जानकारी असंतोषजनक पाई गई। जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेखित है कि अंकसूची का क्रमांक और सत्र 2003 से संबंधित विद्यार्थी उस परीक्षा में शामिल ही नहीं हुआ था।

जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश में कहा कि जनकराम चौहान द्वारा फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सेवा में नियुक्ति प्राप्त करना छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत है। साथ ही छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण तथा अपील नियम 1966 की धारा 10 के तहत यह गंभीर कदाचार है। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त कर दिया गया है।

Next Story