मनेन्द्रगढ़। आईटी के इस युग में अंधविश्वास हावी है कि भूत की खौफ से स्कूल में ताला लटक गया है... न बच्चे स्कूल aa रहे हैं न शिक्षक।
मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के खड़गवां ब्लाक के सावला ग्राम पंचायत के बसेलपुर में संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में अंधविश्वास का आलम ये है कि स्कूल में ताला लटका नजर आ रहा है। 2 साल में 5 स्कूल स्टाफ की मौत के बाद यहां के ग्रामीणों में ये भ्रांतियां फैल गयी है कि स्कूल में भूत-प्रेत का साया है। स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक श्यामबिहारी की हाल ही में 11 अप्रैल को मौत होने व दूसरी शिक्षिका मोनिता वर्मा के अवकाश पर होने के बाद स्कूल बंद पड़ा है। ग्रामीण कहते हैं स्कूल में भूत का साया है। स्कूल के चपरासी बताते हैं, स्कूल में भूत प्रेत जैसा कुछ है इसलिए यहां आने वाले शिक्षक मौत के काल मे समा जाते हैं।
2 साल में 5 मौत के काल मे समा गए
खड़गवां ब्लाक के सावला गांव के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसेलपुर में बीते 2 साल में 5 स्कूल स्टाफ मौत के काल मे समा गए। इसी माह की 11 तारीख को यहां पांचवी मौत विद्यालय के शिक्षक श्यामबिहारी की हाथ पैर में अचानक दर्द उठने के बाद मौत हो गई। इसके पहले यहां पदस्थ शिक्षक वीरेंद्र सिंह की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। चंद्रप्रकाश पैकरा अचानक घर मे बैठे बैठे खत्म हो गए। स्कूल से रिटायर होने के बाद प्रधान पाठक धरम साय की भी आकस्मिक मौत हो गई। एक और शिक्षक की ऐसे ही आकस्मिक मौत हो गई। इन मौतों ने गांव वालों को अंधविश्वास की ओर झोंक दिया। 2 साल में 5 मौत होने के बाद ग्रामीण कहते है स्कूल में भूत प्रेत का साया है।
इस स्कूल में मैं वर्तमान में अकेले पदस्थ हु। 11 अप्रैल को शिक्षक श्यामबिहारी सर का देहांत हो गया था, मैं अवकाश पर थी इस कारण स्कूल बंद था, हम गांव के लोगो मे फैले अंधविश्वास को दूर करने के लिए ही लोगो को शिक्षा के माध्यम से जागरूक कर रहे है।
मोनिता वर्मा
शिक्षिका
स्कूल में जरूर भूतों का साया ही होगा तभी ऐसा हो रहा है। मैं यहां पिछले 12 साल से पदस्थ हु। 2 साल से ही ऐसा माहौल है। पहले बच्चे आते थे पढ़ते थे, लेकिन 5 मौत के बाद यहां ऐसी स्थिति आ गई है।
राजेश
स्कूल का चपरासी
2 साल में 5 शिक्षकों की मौत के बाद इस स्कूल को लेकर ऐसी भ्रंतिया फैली है। शिक्षिका के अवकाश पर होने से स्कूल बंद था। कल स्कूल खुलेगा। शिक्षा के उजियारे से अंधविश्वास के अंधियारा खत्म करेंगे।
जितेंद्र गुप्ता
बीईओ