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School Education News: सोशल ऑडिट का भयावह सच! साढ़े 9 हजार से ज्यादा स्कूलों के बच्चों को ना गिनती और ना अक्षरों का ज्ञान, इन स्कूलों को जनप्रतिनिधि और अफसर लेंगे गोद

School Education News: राज्य शासन ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गुणवत्ता को लेकर सोशल ऑडिट कराया है। सोशल ऑडिट का जो सच सामने आया है,प्रदेश में साढ़े 9 हजार से ज्यादा ऐसी स्कूलें हैं जहां के बच्चों को ना तो गिनती आती है और ना ही अक्षरों का ज्ञान है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के शैक्षणिक स्तर को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जरुरी उपाय कराने जा रही है।

School Education News: सोशल ऑडिट का भयावह सच! साढ़े 9 हजार से ज्यादा स्कूलों के बच्चों को ना गिनती और ना अक्षरों का ज्ञान, इन स्कूलों को जनप्रतिनिधि और अफसर लेंगे गोद
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By Radhakishan Sharma

School Education News: रायपुर। राज्य शासन ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गुणवत्ता को लेकर सोशल ऑडिट कराया है। सोशल ऑडिट का जो सच सामने आया है,उससे विभाग से जुड़े आला अफसरों के होश उड़ गए हैं। सच यह है कि प्रदेश में साढ़े 9 हजार से ज्यादा ऐसी स्कूलें हैं जहां के बच्चों को ना तो गिनती आती है और ना ही अक्षरों का ज्ञान है। इन स्कूलों में शिक्षा का स्तर ही नहीं है। यही कारण है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने इसे डी ग्रेड दिया है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के शैक्षणिक स्तर को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जरुरी उपाय कराने जा रही है।

छत्तीसगढ़ के साढ़े 9 हजार से ज्यादा डी ग्रेड के स्कूलों पर अब राज्य सरकार की पैनी नजर है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए गोद लेने की योजना बनाई गई है। इन स्कूलों को और कोई नहीं जिले के अफसर व जनप्रतिनिधि गोद लेंगे। एक-एक स्कूलों को गोद लेकर शिक्षा के स्तर से लेकर शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति सहित जरुरी गतिविधियों पर सीधेतौर पर नजर रखेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े आला अफसरों का मानना है कि जिले के अफसर और जनप्रतिनिधि गोद लेकर स्कूल से सीधेतौर पर जुड़ जाएंगे। अधिकारी और जनप्रतिनिधियों का दबाव बनने से डी ग्रेड के स्कूलों में अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था में बदलाव होगा। बदलाव का सकारात्मक असर पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ेगा। समय-समय पर निरीक्षण करने से इसका असर भी दिखाई देगा। जिन स्कूलों को अधिकारी व जनप्रतिनिधि गोद लेंगे,ऐसे स्कूलों की पूरी जानकारी संबंधित जिले के जिला शिक्षाधिकारी के पास रहेगी। एक वाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा। अफसरों व जनप्रतनिधियों के स्कूलों के निरीक्षण की सूचना इसी ग्रुप के जरिए दी जाएगी। इस दौरान स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी भी शामिल होंगे। किसी तरह की शिकायत आने पर विभागीय अधिकारी के माध्यम से इसे दूर कराने का प्रयास किया जाएगा।

ऐसे हुआ खुलासा

मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत राज्य के 56,895 सरकारी स्कूलों में अध्ययन अध्यापन व्यवस्था और बच्चों की शैक्षणिक स्तर को लेकर सोशल ऑडिट कराया गया था। सोशल ऑडिट के बाद प्रदेश के 9540 स्कूलों को डी ग्रेड दिया गया है। 16,785 स्कूल को ए ग्रेड दिया गया। 47,355 स्कूलों को ए, बी और सी ग्रेड में शामिल किया गया है।

इनमें प्रदेश में 17.76% स्कूलों को डी ग्रेड दिया गया है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को ना तो गिनती आती है और ना ही अक्षर ज्ञान है। सोशल ऑडिट के बाद अब बी,सी व डी ग्रेड के स्कूलों में सुधार अभियान चलाया जाएगा। तीनों ही श्रेणी के स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए शासन स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।

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